Rajasthan Assembly: कभी एक साथ नहीं बैठे 200 विधायक, चार साल में छह विधायकों का निधन
Rajasthan Assembly वर्तमान 15वीं विधानसभा में भंवरलाल शर्मा के निधन के बाद अब विधायकों की संख्या 199 रह गई है। राजस्थान में पिछले चार साल में छह विधायकों का निधन हुआ है। राजस्थान विधानसभा में कभी एक साथ 200 विधायक नहीं बैठे हैं। अपशकुन की भी चर्चा रहा है।

जयपुर, जागरण संवाददाता। Rajasthan Assembly: राजस्थान में कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक भंवरलाल शर्मा (Bhanwarlal Sharma) का रविवार सुबह निधन हो गया। शर्मा को शनिवार शाम जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। उन्हें किडनी सहित कई बीमारियां थी। राजस्थान में पिछले चार साल में छह विधायकों का निधन हुआ है। राजस्थान विधानसभा (Rajasthan Assembly) में कभी एक साथ 200 विधायक नहीं बैठे हैं। अपशकुन की भी चर्चा रहा है।
राहुल गांधी पर टिप्पणी को लेकर चर्चा में रहे भंवरलाल शर्मा
करीब आठ साल पहले उन्होंने तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उन्होंने राहुल और उनके सलाहकारों को जोकर कहा था। इस कारण उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया था। बाद में माफी मांगने पर उन्हे फिर पार्टी में शामिल किया गया। वे सात बार विधायक रहे। शर्मा का शव अंतिम दर्शनों के लिए जयपुर के विद्याधर नगर में ब्राह्मण महासभा भवन में रखा गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शर्मा के शव पर पुष्पचक्र अर्पित किया। शव का अंतिम संस्कार सोमवार को उनके पैतृक गांव जैतीसर में होगा। साल, 2020 में पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट खेमे की बगावत के समय शर्मा ने मुख्य भूमिका अदा की थी। वे पायलट खेमे की पूरी रणनीति शर्मा ने ही बनाई थी। उस समय दो आडियो भी वायरल हुए थे। आरोप लगाया गया था कि आडियो में कथित रूप से शर्मा और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की बातचीत विधायकों खरीद-फरोख्त को लेकर हुई है। इससे पहले उन्होंने 1990 में तत्कालीन भैरों सिंह शेखावत सरकार गिराने का भी प्रयास किया था, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली थी।
चुनाव आयोग करेगा फैसला
भंवरलाल शर्मा के निधन के बाद उनका निर्वाचन क्षेत्र सरदारशहर सीट अब खाली हो गई है। 200 सदस्यीय विधानसभामें कांग्रेस के 107 विधायक हैं। सरदारशहर सीट खाली होने के बाद अब यहां उप चुनाव करवाने को लेकर चुनाव आयोग फैसला करेगा। किसी विधायक के निधन पर छह महीने के भीतर उपचुनाव करवाने का प्रावधान है, लेकिन यदि किसी राज्य के विधानसभा चुनाव में एक साल से कम का समय बचा हो तो उप चुनाव नहीं करवाए जाते हैं। वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 2023 नवंबर में समाप्त होगा। ऐसे में चुनाव मे करीब 13 महीने शेष बचे हैं।
चार साल में छह विधायकों का निधन
मौजूदा विधानसभा भवन 21 साल पहले बना था। उसके बाद से एक संयोग रहा कि इसमें कभी एक साथ 200 विधायक नहीं बैठे। किसी न किसी विधायक की मौत होने के कारण सीट खाली रही है। वर्तमान 15वीं विधानसभा में भंवरलाल शर्मा के निधन के बाद अब विधायकों की संख्या 199 रह गई है। इससे पहले कोरोना काल में कांग्रेस विधायक मास्टर भंवरलाल, कैलाश त्रिवेदी, गजेंद्र सिंह शक्तावत, भाजपा विधायक किरण माहेश्वरी और गौतम लाल मीणा का निधन हो चुका है।
अपशकुन की चर्चा
पिछले साल विधानसभा में 200 विधायकों के एक साथ नहीं बैठने को लेकर अपशकुन की चर्चा विधायकों ने की थी। विधायकों ने कहा था कि 21 साल पहले जिस स्थान पर विधानसभा भवन बना उसके पास मोक्षधाम है। मोक्षधाम का कुछ हिस्सा भवन निर्माण के उपयोग में लिया गया था। पिछली भाजपा सरकार ने सरकारी सचेतक रहे कालूलाल गुर्जर ने तो सरकार से हवन कराने की मांग की थी। विधायक हबीबुर्रहमान ने भी सीटें पूरी न भर पाने की वजह भूतों को ही बताया था।

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