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    तरनतारन उपचुनाव विवाद में पंजाब DGP गौरव यादव 25 नवंबर को तलब, अकाली दल के कौन-से आरोपों पर भड़का ECI?

    Updated: Tue, 18 Nov 2025 03:09 PM (IST)

    तरनतारन उपचुनाव के बाद अकाली कार्यकर्ताओं पर एफआईआर दर्ज होने के मामले में चुनाव आयोग ने पंजाब के डीजीपी गौरव यादव को 25 नवंबर को तलब किया है। शिरोमणि अकाली दल ने आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी को पुलिस समर्थन का आरोप लगाया है। चुनाव आयोग ने पहले ही एसएसपी रवजोत कौर को निलंबित कर दिया था, और अब डीजीपी को तलब किया है।

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    चुनाव आयोग ने डीजीपी को किया तलब, 25 नवंबर को होना होगा पेश (फोटो: जागरण)

    कैलाश नाथ, चंडीगढ़। तरनतारन विधान सभा सीट पर हुआ उप चुनाव भले ही संपन्न हो गया हो लेकिन चुनाव के दौरान हुए विवाद पंजाब पुलिस का पीछा नहीं छोड़ रहे। चुनाव के दौरान पंजाब पुलिस द्वारा अकाली कार्यकर्ताओं पर किए गए एफआईआर के मामले में डीजीपी गौरव यादव को तलब कर लिया है।

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    डीजीपी को आयोग ने 25 नवंबर को पेश होने के लिए कहा है। तरनतारन उप चुनाव में शिरोमणि अकाली दल द्वारा हारने के बाद लगातार इस बात पर जोर दिया जा रहा हैं कि विजेता आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी को पंजाब पुलिस का पूरा समर्थन था। एसएडी ने सोमवार को ही आयोग की शिकायत दर्ज करवाई कि चुनाव संपन्न होने के बावजूद उनके कार्यकर्ताओं पर पर्चे दर्ज किए जा रहे हैं।

    बता दें कि बता दें कि तरनतारन में अकाली कार्यकर्ताओं पर एफआईआर दर्ज करने के मामले में इस निर्वाचन क्षेत्र की चुनाव पर्यवेक्षक, उड़ीसा कैडर की आईपीएस अधिकारी शाइनी एस द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर चुनाव आयोग ने रवजोत कौर को 8 नवंबर को निलंबित कर दिया था।

    शाइनी एस की तीन पन्ने की रिपोर्ट में एफआईआर दर्ज करने के तरीके, गिरफ्तारी के समय आदि पर सवाल खड़े किए थे। तरनतारन, अमृतसर, मोगा और बटाला में अकाली कार्यकर्ताओं के खिलाफ नौ एफआईआर दर्ज की गईं और अकाली दल ने चुनाव आयोग के समक्ष अपने कार्यकर्ताओं को निशाना बनाए जाने का मुद्दा उठाया।

    रवजोत कौर के निलंबन से पहले आयोग सीईओ ने राज्य पुलिस नोडल अधिकारी के माध्यम से फिरोजपुर रेंज के डीआईजी से जवाब मांगा था। डीआईजी ने तरनतारन के पूर्व एसएसपी को किसी भी गड़बड़ी से मुक्त कर दिया था और कहा था कि गिरफ्तारियां चल रही जांच का हिस्सा थी। लेकिन आयोग ने अब्जार्बर की रिपोर्ट के आधार एसएसपी को निलंबित कर दिया था। बाद में आयोग ने एडीजीपी रैंक के अधिकारी से जांच करवाने के निर्देश दिए थे।

    एडीजीपी राम सिंह ने 13 नवंबर को अपनी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में मुख्य चुनाव अधिकारी को सौंप दी थी। जिसे सीईओ ने चुनाव आयोग को भेज दिया गया था। राम सिंह द्वारा तैयार की गई इस रिपोर्ट में तरनतारन की पूर्व एसएसपी रवजोत कौर ग्रेवाल द्वारा की गई कार्रवाई को ‘उचित’ ठहराया गया था। माना जा रहा हैं कि आयोग ने इसी रिपोर्ट के आधार पर डीजीपी को 25 नवंबर को पेश होने के लिए कहा है।