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    Punjab News: म्यांमार में बंधक बना रहा नवनीत, ट्रेडिंग के नाम पर होती थी ठगी; टार्गेट पूरा न करने पर मिलती थी सजा

    Updated: Thu, 24 Apr 2025 05:22 PM (IST)

    तरनतारन के नवनीत सिंह ने बताया कि कैसे उसे थाईलैंड के रास्ते म्यांमार में बंधक बनाकर ऑनलाइन ठगी करवाई जाती थी। फेसबुक और इंस्टाग्राम पर फर्जी आईडी बनाकर विदेशी युवाओं को ट्रेडिंग के नाम पर धोखा दिया जाता था। टार्गेट पूरा न होने पर सजा दी जाती थी। पुलिस ने ट्रेवल एजेंट गुरलाल सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

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    म्यांमार में बंधक बनकर रहने वाला युवक नवनीत

    जागरण संवाददाता, तरनतारन। 13 अक्टूबर 2024 को 3.80 लाख देकर वर्क परमिट के नाम पर थाइलैंड पहुंचे गांव लोहका निवासी युवक नवनीत सिंह ने अहम खुलासे किए हैं। युवक के मुताबिक थाइलैंड से म्यांमार का सफर नाव के माध्यम से करवाकर म्यांमार में कथित तौर पर बंधक बनाया गया।

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    ट्रैवल एजेंट के खिलाफ केस दर्ज

    वहां पर फेसबुक व इंस्टाग्राम पर लड़कियों की फेक आइडीस बनवाकर ट्रेडिंग के नाम पर विदेशी युवाओं को ठगी का शिकार बनाया जाने लगा। ठगी का शिकार होने वाले अधिक लोग अमेरिका से संबंधित थे। वहां की सरकार ने मामला थाइलैंड सरकार को सौंपा।

    20 दिन सेना की हिरासत में रहने के बाद 11 मार्च को उसको डिपोर्ट कर भारत भेज दिया गया। युवक नवनीत सिंह के बयानों पर गांव केरों निवासी ट्रेवल एजेंट गुरलाल सिंह के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया।

    गांव लोहका निवासी मंजीत सिंह के बेटे नवनीत सिंह ने बताया कि वह बाहरवीं पास है। उसके पिता फेरी लगाकर गांवों में चूजे बेचने का काम करते हैं। गांव केरों निवासी गुरलाल सिंह अक्सर चूजे खरीदने के लिए उनके घर आता था। जिसने बताया कि वह वर्क परमिट पर युवाओं को थाइलैंड भेजता है।

    जमीन गिरवी रखकर मंजीत सिंह ने अपने बेटे नवनीत सिंह को थाइलैंड भेजने के लिए 3.80 लाख की राशि गुरलाल सिंह को दी।

    टार्गेट पूरा नहीं होने पर मिलती थी सजा

    13 अक्टूबर 2024 को नवनीत सिंह थाइलैंड पहुंच गया। वहां से गैर-कानूनी ढंग से नाव के माध्यम से म्यांमार भेजा गया। युवक मुताबिक म्यांमारस्थित केके पार्क में बहु-मंजिला फ्लैट में सैंकड़े युवाओं को कथित तौर पर बंधक बनाकर तरह-तरह के स्कैम करवाए जाने लगे।

    मिसाल के तौर पर लड़कियों की तस्वीरें लगाकर फेसबुक व इंस्टाग्राम पर फेक आइडी बनाकर ट्रेडिंग के नाम पर लोगों को ठगी का शिकार बनाया जाता था। टार्गेट पूरा न होने पर उसको अन्य युवाओं की तरह दंडित किया जाता।

    कमरे में नहीं होती थी लाइट्स

    उन्हें जिस कमरे में सोने दिया जाता था, वहां पर लाइट्स नहीं होती थी। ट्रेडिंग के नाम पर ठगी का शिकार होने वाले अधिकतर लोग अमेरिका से संबंधित रहे। वहां की सरकार ने थाइलैंड सरकार को जांच सौंपी। फरवरी 2025 में थाइलैंड की सेना ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाते करीब 580 युवाओं को सुरक्षित रिहा करवाया।

    करीब 20 दिन तक इन युवाओं से पूछताछ की गई। जिसके बाद 11 मार्च को दो जहाजों के माध्यम से उन्हें यूपी के शहर गाजियाबाद एयरपोर्ट पर उतार दिया गया।

    पंजाब से संबंधित 26 युवा थे जहाज में

    नवनीत सिंह के अनुसार जिस जहाज द्वारा उसको गाजियाबाद लाया गया, उसमें पंजाब से संबंधित 26 युवा थे। अमृतसर जिले से संबंधित एक युवती भी शामिल थी।

    पुलिस चौकी केरों में लिखित शिकायत दी गई, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। आखिर 19 अप्रैल को नवनीत सिंह अपने दस्तावेज लेकर एसएसपी अभिमन्यु राणा समक्ष पेश हुए। डीएसपी निर्मल सिंह द्वारा मामले की जांच की गई। जिसके आधार पर थाना सिटी पट्टी में ट्रेवल एजेंट गुरलाल सिंह के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया।

    नवनीत सिंह ने भेजी मीडिया वीडियो रिपोर्ट 

    दैनिक जागरण को युवक नवनीत सिंह ने एक मीडिया वीडियो रिपोर्ट भी भेजी। जिसमें थाइलैंड से युवाओं को नदी पार करवाने के लिए नाव का सहारा लिया जाता दिखाई दिया। साइबर से संबंधित ठगी वाले सेल से लेकर सेना द्वारा रेस्कयू ऑपरेशन के दौरान रिहा करवाए युवा दिखाई देते हैं।

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