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    Punjab News: परिवार ने जिसे मृत मान किया अंतिम संस्कार, वह जेल में मिला जिंदा; ऐसे खुला राज

    Updated: Sat, 27 Sep 2025 11:05 PM (IST)

    पंजाब के तरनतारन में केंद्रीय जेल गोइंदवाल साहिब की लापरवाही सामने आई है। जेल में चोरी के आरोप में बंद एक हवालाती की मौत के बाद जेल प्रशासन ने गलत परिवार को सूचना दे दी जिन्होंने बिना चेहरा देखे अंतिम संस्कार कर दिया। बाद में पता चला कि वह हवालाती जिंदा है जिससे जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया है।

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    Punjab News: परिवार ने जिसे मृत मान किया अंतिम संस्कार, वह जिंदा मिला। सांकेतिक फोटो

    धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन। केंद्रीय जेल गोइंदवाल साहिब प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। प्रबंधन ने जेल में चोरी के आरोप में बंद एक हवालाती की बीमारी से मौत के बाद किसी दूसरे हवालाती के परिवार को उसकी मौत की सूचना दे दी। परिवार ने भी तीन डाक्टरों के पैनल की ओर से किए गए पोस्टमार्टम के बाद सौंपे गए शव का बिना चेहरा देखे अंतिम संस्कार कर दिया।

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    अगले दिन उसकी अस्थियां वसर्जित करने के बाद परिवार के लोग जब उसी मामले में केंद्रीय जेल में बंद एक अन्य रिश्तेदार से मिलने गए तो पता चला कि जिसे वे मरा हुए समझ रहे थे, वह तो जीवित है।

    गलती का अहसास होने के बाद जेल प्रशासन के भी हाथ पांव फूल गए हैं और प्रबंधन इस मामले को दबाने के प्रयास में लगा है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि जिसकी मौत हुई थी, वह कौन है। इस बारे में प्रबंधन की ओर से कुछ भी नहीं बताया जा रहा है।

    मामला तरनतारन जिले के गांव गांव आबादी अमरकोट का है। रेत-बजरी की दुकान पर काम करते गुरतेज सिंह ने बताया कि उसका बड़ा भाई गुरप्रीत सिंह जोकि अविवाहित है, को थाना वल्टोहा की पुलिस ने 25 मई को चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया था।

    इसी केस में उसके चाचा को भी गिरफ्तार किया गया था। दोनों केंद्रीय जेल गोइंदबाल साहिब में बंद थे। 24 सितंबर की सुबह करीब सवा 11 बजे एएसआइ चरनजीत सिंह व प्रगट सिंह ने उन्हें सूचित किया कि उसके भाई की जेल में बिमारी से मौत हो गई है।

    25 सितंबर को तीन डाक्टरों के पैनल ने उसका पोस्टमार्टम किया और इसके बाद उन्हें शव सौंप दिया गया। उसी दिन उन्होंने शव की हालत ठीक नहीं होने के कारण बिना चेहरा देखे उसका गांव के ही श्मशानघाट में अंतिम संस्कार कर दिया।

    गुरतेज के अनुसार अगले दिन गोइंदवाल साहिब में ही उसकी अस्थियां विसर्जित कर दीं। अस्थियां विसर्जित करने के बाद वह जेल में बंद अपने चाचा को मिलने पहुंचा। उसने चाचा को जब बताया कि वह आज गुरप्रीत की अस्थियां विसर्जित कर आए हैं तो यह सुनकर चाचा चौंक गए।

    चाचा ने बताया कि गुरप्रीत तो जीवित है और वह उसी की बैरक में है। गुरतेज ने आरोप लगाया कि जेल प्रबंधकों की लापरवाही के कारण उन्होंने किसी अन्य व्यक्ति का अंतिम संस्कार कर दिया है।

    बताते हैं कि अब पुलिस की ओर से परिवार पर दबाव बनाया जा रहा है कि वे इस मामले को तूल न दें लेकिन सवाल यही खड़ा होता है कि आखिर जिसका संस्कार किया गया वह कौन था और जेल प्रबंधन उसके परिवार को क्या जवाब देगा।

    असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट ने नहीं उठाया फोनइस संबंध में जब केंद्रीय जेल गोइंदवाल साहिब के सुपरिंटेंडेंट मंजीत सिंह टिवाणा से उनके मोबाइल पर संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट गुरजंट सिंह द्वारा पूरा मामला देखा जा रहा है। इसके बाद जब उनके साथ संपर्क करने के लिए मोबाइल पर लगातार संपर्क बनाया, लेकिन उन्होंने कोई काल रिसीव नहीं की।

    जांच के बाद कार्रवाई होगी : जेल मंत्री भुल्लर

    जेल मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर से उक्त मामले बाबत पूछा गया तो उन्होंने कहा की मामला मेरे ध्यान में आ चुका है। आखिर लापरवाही कहां हुई, इस बारे में अधिकारियों से जवाब मांगा गया है। उन्होंने कहा कि गुरप्रीत सिंह के परिवार को जो शव सौंपा वो किसका था यह जांच का विषय है। अगर किसी भी अधिकारी की लापरवाही पाई गई तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।