क्यारियां बना बीजा धान, सुरक्षित भूजल का निकाला समाधान
भूजल स्तर को गिरने से बचाने के लिए खेतीबाड़ी विभाग व सरकार जहां किसानों को लगातार जागरूक करने में जुटी है
संवाद सहयोगी, दिड़बा (संगरूर) : भूजल स्तर को गिरने से बचाने के लिए खेतीबाड़ी विभाग व सरकार जहां किसानों को लगातार जागरूक करने में जुटी है, वहीं किसान अपने स्तर पर भी भूजल बचाने के लिए प्रयास करने के तरीके अपनाने में लग चुके हैं। इसी कड़ी के तहत दिड़बा के किसान हरजीत सिंह घुमान ने इलाके में पहली बार अपने खेत में क्यारियां (बट्ट) बनाकर मिर्च की भांति धान की बिजाई की है। इससे धान लगाने से पहले खेत में पानी छोड़कर कद्दू करने की जरूरत भी नहीं पड़ी जिससे ट्रैक्टर के डीजल का खर्चा भी बच गया। हरजीत सिंह ने बताया कि उसने अपने खेत में ही 12-12 इंच की दूरी पर क्यारियां (बट्ट) बनाई हैं। इसके बाद इन क्यारियों पर ही धान की पनीरी लगाई गई व फिर खेत में पानी छोड़ दिया गया। सीधे तौर पर धान लगाने से आधा पानी तो सिर्फ खेत को ही लगता था। अब इस विधि से धान लगाने के कारण पानी व डीजल की आधी बचत हो गई है। इस तरीके से धान की फसल को यूरिया खाद व अन्य दवाओं की बेहद जरूरत कम होगी। क्यारियों पर धान लगाने से धान की फसल में हवा लगती रहेगी, जिससे जड़ों को रोग लगने की संभावना नाममात्र ही होगी। उन्होंने दावा किया कि धान का झाड़ भी 15-20 फीसद तक बढ़ने की उम्मीद है।
दो एकड़ पर अजमाया है नया तरीका
हरजीत सिंह ने इस वर्ष दो एकड़ धान की फसल इस तरीके से लगाई है। यदि यह तरीका कामयाब रहा तो वह अगले सीजन के दौरान भी इसे अपनाएगा। इस विधि की बदौलत धान की पराली को आग लगाने की जरूरत भी नहीं होगी। उसने किसानों से अपील की कि वह इस तरीके से धान लगाकर पानी की बचत करें व वातावरण में सुधार करें, साथ ही मुनाफा भी बढ़ेगा।
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