'गायकों से मिलने का समय है पर हमसे नहीं...', PM मोदी की दिलजीत से मुलाकात पर बोले किसान नेता सरवन सिंह पंढेर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पंजाबी गायक दिलजीत दोसांझ की मुलाकात पर किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री किसी कलाकार से मिल सकते हैं लेकिन न तो मीडिया से बात कर सकते हैं और न ही किसानों से मिल सकते हैं। उन्होंने दिलजीत से सवाल किया कि प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात के समय उन्होंने जो काले कपड़े पहने थे।
जागरण संवाददाता, संगरूर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ पंजाबी गायक दिलजीत दोसांझ की मुलाकात का किसान नेताओं द्वारा विरोध किया जा रहा है। किसान मजदूर मोर्चा के प्रधान सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि प्रधानमंत्री किसी कलाकार से मिल सकते हैं, अक्षय कुमार को साक्षात्कार दे सकते हैं, लेकिन न तो मीडिया से बात सकते हैं और न ही किसानों से मिल नहीं सकते।
किसान नेता ने दिलजीत से किया सवाल
सरवन सिंह पंढेर ने दिलजीत से सवाल किया कि प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात के समय उन्होंने जो काले कपड़े पहने थे, वह क्या देश के किसान मजदूर के साथ हो रहे अत्याचार का प्रतीक था।
उन्होंने कहा कि वह चाहते थे कि पंजाब का कोई बेटा जिसका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम है और जो कुछ पंजाबीयत ने उन्हें दिया है, उसे जरूर किसान आंदोलन को लेकर आवाज उठानी चाहिए। ऐसी वह आशा दिलजीत से करते थे।
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दूसरी ओर संयुक्त किसान मोर्चा के नेता तेजवीर सिंह पंजोखरा ने कहा कि दिलजीत को समझना चाहिए कि आपके हीरो डल्लेवाल हैं जो आमरण अनशन पर बैठे हैं। आपके हीरो यह लोग हैं जो लंगरों में खाना बना रहे हैं, जो 11 महीने से आपकी भलाई के लिए आंदोलन पर बैठे हैं और आपके हक की आवाज बुलंद कर रहे हैं।
पंजोखरा ने कहा कि वास्तव में यह मुलाकात पंजाब के नरेटिव को बदनाम करने की कोशिश है। इसके पीछे फूट डालो और राज करो की नीति है। यह एक पॉलीटिकल स्टंट है। इससे ज्यादा कुछ नहीं।
भगवंत मान ने किसान आंदोलन को लेकर क्या कहा
उधर, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गुरुवार को दावा किया कि केंद्र सरकार अब निरस्त हो चुके कृषि कानूनों को "वापस लाने" की कोशिश कर रही है। उन्होंने कृषि विपणन पर राष्ट्रीय नीति ढांचे के नए घोषित मसौदे का हवाला दिया। आप के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने इस मसौदे को 2020 में पारित तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को "पिछले दरवाजे से" फिर से लागू करने का प्रयास करार दिया है।
किसानों के एक साल के विरोध के बाद 2021 में तीनों कानूनों को निरस्त कर दिया गया था। सीएम ने यह भी दावा किया कि केंद्र चाहता है कि किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल, जो 38 दिनों से भूख हड़ताल पर हैं। उन्हें विरोध स्थल से हटा दिया जाए।
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