सुप्रीम कोर्ट के आदेश से मायूस हुए किसान नेता डल्लेवाल, कहा- किसानों पर गोलियां चलें, यह कैसी हमदर्दी
सुप्रीम कोर्ट ने किसानों के आंदोलन को लेकर पंजाब सरकार को सख्ती बरतने के आदेश दिए हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि एक तरफ सुप्रीम कोर्ट उनके स्वास्थ्य की चिंता कर रही है दूसरी तरफ सरकार को आंदोलनकारी किसानों पर सख्ती बढ़ाने के आदेश दे रही है। उन्होंने कहा कि जिंदगी में ऐसी हमदर्दी उन्होंने पहली बार देखी है।

दीपक मौदगिल, संगरूर। आज शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि एक तरफ तो सुप्रीम कोर्ट उनके स्वास्थ्य के प्रति अपनी चिंता व्यक्त कर रही है तो दूसरी तरफ सरकार को आंदोलनकारी किसानों पर सख्ती बढ़ाने के आदेश दे रही है। उन्होंने कहा कि जिंदगी में ऐसी हमदर्दी उन्होंने पहली बार देखी है।
डल्लेवाल ने यहां जारी अपने वीडियो में कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई को लेकर उन्हें आस थी कि उन्होंने जो पत्र सुप्रीम कोर्ट को लिखा है, उस पर विचार करके सुप्रीम कोर्ट सरकार को निर्देश देगी कि किसानों की मांगें स्वीकार की जाएं लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को और ज्यादा सख्ती बढ़ाने के आदेश दिए।
पंजाब सरकार द्वारा केंद्र को आदेश देने पर हैरान डल्लेवाल
आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता ने कहा कि आज की सुनवाई के बारे में वह यह जानकर और ज्यादा हैरान हो गए कि पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को कहा है कि इस मामले में दखल के लिए केंद्र सरकार को आदेश दिए जाएं। उसके बाद यह मामला हल हो जाएगा।
डल्लेवाल ने कहा कि इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट का कहना कि ऐसी किसी भी शर्त पर बात नहीं की जा सकती। यह निश्चित रूप से आश्चर्यजनक है।
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'सुप्रीम कोर्ट से दुख पहुंचा है'
उन्होंने कहा कि उन्हें यह शब्द केंद्र सरकार की तरफ से लगते हैं। ऐसे शब्दों का इस्तेमाल सरकार कर सकती है लेकिन सुप्रीम कोर्ट नहीं। सुप्रीम कोर्ट ऐसी जगह है जहां अगर किसी को इंसाफ नहीं मिलता तो सुप्रीम कोर्ट की शरण में जाता है। उन्होंने कहा कि इससे उन्हें दुख हुआ है।
सुप्रीम कोर्ट ने किसानों के मामले में सरकार को सख्ती बरतने के आदेश दिए हैं। शायद सुप्रीम कोर्ट भी यही चाहती है कि किसानों पर गोलियां चलाई जाएं। यह कैसी हमदर्दी ।
किसान संगठन वादों को लेकर लड़ रहे लड़ाई
डल्लेवाल ने कहा कि उनकी मांगों को लेकर केंद्र ने वायदे किए थे और किसान संगठन इन्हीं वादों को लेकर अपनी लड़ाई शांतिपूर्ण ढंग से लड़ रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में जहां किसानों को एमएसपी दिए जाने की बात की है। वहीं संसदीय कमेटी ने भी अपनी रिपोर्ट में एमएसपी दिए जाने और कर्ज माफी की बात की है।
उन्होंने कहा कि उनका सुप्रीम कोर्ट से निवेदन है कि वह किसानों पर सख्ती या किसी प्रकार की जबरदस्ती करने के आदेश देने की बजाय केंद्र सरकार को किसानों की मांगें पूरी करने के आदेश दे। अगर ऐसा होता है तो बेहतर होगा ।
इसके साथ ही डल्लेवाल ने स्पष्ट किया कि उनके अनशन संबंधी जो बात फैलाई जा रही है कि कुछ लोगों ने मुझे अपने कब्जे में लिया है तो ऐसा कुछ नहीं है। हम किसान मिलकर आंदोलन लड़ रहे हैं। मैं आयु में सबसे बड़ा हूं और इसीलिए मैंने यह जिम्मेदारी संभाली है। यह आंदोलन किसी के दबाव में नहीं चलाया जा रहा।
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