30 दिसंबर को किसानों का Punjab Bandh का एलान, जानिए क्या रहेगा बंद और खुला
Farmers Protest किसान नेता सरवन सिंह पढेर ने कहा है कि 30 दिसंबर को पंजाब बंद के आह्वान को कई संगठनों का सपोर्ट मिल रहा है। पंजाब बंद का आह्वान करने का निर्णय पिछले सप्ताह संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा द्वारा लिया गया था। पंजाब बंद (Punjab Bandh on 30th December) को सफलतापूर्व बनाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा

पीटीआई, चंडीगढ़। एमएसपी सहित 13 मांगों को लेकर किसानों का विरोध-प्रदर्शन जारी है। 18 दिसंबर को रेल रोको आंदोलन के बाद अब किसान 30 दिसंबर को पंजाब बंद करेंगे। किसान नेता सरवन सिंह पढेर ने गुरुवार को कहा कि 30 दिसंबर को 'पंजाब बंद' के आह्वान को कई संगठनों का समर्थन मिल रहा है।
पंजाब बंद का आह्वान करने का निर्णय पिछले सप्ताह संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा द्वारा लिया गया था। पंजाब बंद को सफलतापूर्व बनाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मोर्चा मुक्ति ने गुरुवार को खनौरी विरोध स्थल पर ट्रांसपोर्टरों, कर्मचारियों, व्यापारियों और अन्य लोगों की एक बैठक बुलाई।
7 से 5 बजे तक पंजाब बंद मनाया जाएगा
उन्होंने खनौरी सीमा स्थल पर प्रेसकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि 30 दिसंबर को सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक पंजाब बंद मनाया जाएगा। पंढेर ने कहा कि 30 दिसंबर को पूर्ण बंद रहेगा।
हालांकि, आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी। पंढेर ने कहा कि व्यापारियों, ट्रांसपोर्टरों, कर्मचारी संघों, टोल प्लाजा कर्मचारियों, मजदूरों, पूर्व सैनिकों, सरपंचों और शिक्षक संघों, सामाजिक और अन्य निकायों और कुछ अन्य वर्गों ने बंद को अपना समर्थन दिया है।
इसके अलावा, आम लोग भी इसका समर्थन कर रहे हैं। किसान नेता ने कहा कि यह बंद केंद्र को किसानों की मांगों को स्वीकार करने के लिए मजबूर करेगा। उन्होंने केंद्र सरकार पर किसानों की मांगों को स्वीकार करने में विफल रहने का आरोप लगाया।
इमरजेंसी सेवाओं में ये शामिल
किसान 30 दिसंबर को स्कूल-कॉलेज, बसें-दुकानें इत्यादि बंद कराएंगे। पंढेर ने कह कि आपातकालीन सेवाओं को रोका नहीं जाएगा। पंढेर ने एलान किया कि हम पूरे पंजाब, खासकर युवाओं से आग्रह करते हैं कि वे मंच द्वारा लिए गए निर्णय का पालन करें। पंढेर ने कहा...
- मेडिकल सेवाएं खुली रहेंगी।
- एयरपोर्ट यात्रियों को नहीं रोका जाएगा।
- दुल्हा-दुल्हन की गाड़ी को नही रोका जाएगा।
- छात्र जो पेपर देने जा रहा है उसे रोका नहीं जाएगा।
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करीब 10 महीने से सीमाओं पर डाला डेरा
ज्ञात हो कि एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और केएमएम के बैनर तले किसान 13 फरवरी, 2024 से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। उस दौरान सुरक्षाकर्मियों ने उनके दिल्ली कूच को वहीं रोक दिया था।
101 किसानों जत्था 6 दिसंबर, 8 दिसंबर और फिर 14 दिसंबर को पैदल दिल्ली में प्रवेश करने का तीन प्रयास पहले ही कर चुका है। उन्हें हरियाणा में सुरक्षाकर्मियों द्वारा आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी गई।
उधर, किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल (70) न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानूनी गारंटी सहित किसानों की मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए 26 नवंबर से खनौरी सीमा पर आमरण अनशन पर बैठे हैं।
डल्लेवाल की बिगड़ती सेहत के बीच, बुधवार को पंजाब की सत्तारूढ़ AAP के एक प्रतिनिधिमंडल ने खनौरी धरना स्थल पर किसान नेता से मुलाकात की और उनसे चिकित्सा उपचार लेने का आग्रह करते हुए कहा कि उनका स्वास्थ्य महत्वपूर्ण है।
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