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    Amargarh Dera: 1722 से शुरू हुई तपस्या 350 साल बाद भी जारी, बाबा राम दास जी अमरगढ़ में की थी डेरे की स्थापना

    By Jagran NewsEdited By: Nidhi Vinodiya
    Updated: Wed, 25 Oct 2023 05:29 PM (IST)

    पंजाब में कई ऐसे स्थान हैं जो हमें धार्म की रक्षा करने के लिए प्रेरणा देते हैं। पंजाब में एक ऐसी जगह है जो वैरागी संप्रदाय से संबंधित है। यहां डेरा बाबा मंसूदास जी का आश्रम अमरगढ़ में स्थित है। कहा जाता है कि लगभग 350 सालों पहले सन 1722 में बाबा रामदास जी ने सरबत की भलाई के लिए यहां पर तपस्या करके इस स्थान को प्रकट किया था।

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    बाबा राम दास जी अमरगढ़ में की थी डेरे की स्थापना

    जागरण संवाददाता, अमरगढ़। पंजाब में एक ऐसी जगह है जो वैरागी संप्रदाय (Bairagi Sect) से संबंधित है। यहां डेरा बाबा मंसूदास जी (Baba Mansudas ji) का आश्रम अमरगढ़ में स्थित है। कहा जाता है कि लगभग 350 सालों पहले सन 1722 में बाबा रामदास जी ने सरबत की भलाई के लिए यहां पर तपस्या करके इस स्थान को प्रकट किया था।

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    डेरे का करवाया निर्माण

    बता दें कि बाबा सरूप दास जी, बाबा शीतल दास जी, बाबा घनश्याम दास जी, बाबा रघु दास जी, बाबा दामोदर दास जी और बाबा दामोदर दास जी के बाद उनके पांच शिष्यों में से बाबा जानकी दास को यह डेरे की गद्दी दी गई थी। बाबा जानकी दास जी के ब्रह्मलीन होने के बाद बाबा सरवन दास जी ने इस डेरे की जिम्मेदारी संभालते हुए काफी समय तक सेवा की और डेरे का निर्माण करवाया। 

    बाबा बालक दास जी ने सुचारू रूप से चलाया

    कम उम्र में ही बाबा सरवन दास जी ने अपने भतीजे और शिष्य बालक दास जी को गोद ले लिया था। 2013 में जब बाबा सरवन दास जी ब्राह्मण बने तो संगत द्वारा भेख भगवान खत दर्शन साधु समाज कहा जाने लगा। इसके बाद बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति में पगड़ी रस्म अदा कर के उनको गद्दी पर बैठाया गया। इसके बाद से ही बाबा बालक दास जी ने इस डेरे को संभाला और सुचारू रूप से चलाकर इसे और अधिक सुंदर बनाने में अपना पूरा योगदान दे रहे हैं। 

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