अंधभक्ति: गुरमीत राम रहीम का बनाया 100 ग्राम गुड़ बिकता था सवा लाख में
डेरा मुखी गुरमीत राम रहीम के अनुयायी उसके लिए सब कुछ न्यौछावर करने को तैयार रहते थे। वे डेरे का सामान भारी कीमत पर खरीदते थे। गुड़ के सौ ग्राम का पीस सवा लाख में बिकता था।
संगरूर, [सचिन धनजस]। डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह ने अपने अनुयायियों को अंधभक्ति के जाल में फंसा रखा था। इस कारण उसके अनुयायी व समर्थक अपना सब कुछ न्यौछावर करने को तत्पर रहते थे। राम रहीम के परमार्थ के नाम पर वे डेरा सच्चा सौदा पर के प्रति तन-मन-धन से समर्पित थे । डेरा प्रेमी बताते हैं कि डेरों में गुरमीत राम रहीम के हाथ से बना गुड़ का 100 ग्राम का टुकड़ा सवा लाख में बिक चुका है।
डेरे की सब्जियां बाजार से 100 गुना महंगी बिकती थीं
गुरमीत राम रहीम किसी कार्यक्रम या समागम में जिस कुर्सी पर बैठता था, वह 80 हजार से दो लाख रुपये तक में बिक चुकी है। अगर सिर्फ संगरूर की ही बात करें तो करीब 10 से 15 कुर्सियां इसी तरह परमार्थ के नाम पर डेरा अनुयायी लाखों रुपये में खरीद चुके थे। डेरे की सब्जियां बाजार से सौ गुना महंगी बिकती थीं।
जिस कुर्सी पर डेरा प्रमुख बैठता वह 80 हजार से दो लाख रुपये तक में बिकती थी
डेरे में उगी सब्जियों से लेकर गुरमीत राम रहीम के चलाए दोपहिया व चौपहिया वाहन मार्केट मूल्य से कई गुना महंगे दाम पर डेरा प्रेमी खरीदते रहे हैं। ऐसा नहीं कि यह सामान डेरा प्रेमियों पर थोपा जाता था, बल्कि वे खुद आगे आकर इसे खरीदते थे। एक डेरा प्रेमी ने बताया कि इससे प्राप्त धन को परमार्थ पर खर्च का नाम दिया गया था। परमार्थ का मतलब जरूरतमंदों की सेवा में धन को लगाना था। जो लोग इलाज के लिए पैसे नहीं दे सकते थे, उनका डेरे में बने अस्पताल में इलाज करवाया जाता था और इलाज पर आए खर्च को परमार्थ के नमा पर एकत्र कर दिया जाता था।
यह भी पढ़ें: जेल में बाबा: कैदी नंबर 8647 हाजिर हो, आवाज आई ... हाजिर हूं
डेरा प्रमुख के जेल जाने के बाद बहुत से डेरा प्रेमी डेरे के अंदर की बातें बता रहे हैं लेकिन वे अपने नाम का खुलासा करने से अब भी डर रहे हैं। जिले में डेरा सच्चा सौदा के जिम्मेदार पद रहे एक व्यक्ति ने बताया कि उसने खुद राम रहीम के हाथ से बने गुड़ का एक पीस खरीदा। इसकी कीमत सवा लाख रुपये दी थी, जबकि शहर का एक व्यक्ति डेरा प्रमुख द्वारा चलाई गई मोटरसाइकिल करीब दो लाख रुपये में लेकर आया था।
यह भी पढ़ें: राम रहीम के खिलाफ मामला रद करने को कोर्ट में पेश किए थे जाली दस्तावेज
एक शिमला मिर्च 500 से 2000 रुपये में बिकता था
राम रहीम द्वारा इस्तेमाल की गई कुर्सी को संगरूर के कई लोग लेकर आए हैं, जिनकी कीमत 80 हजार रुपये से दो लाख रुपये तक थी। उन्होंने कहा कि प्रेमियों द्वारा खुद आगे आकर सामान खरीदा जाता रहा है। डेरा प्रमुख की गुफा के पास खेती में उगने वाली शिमला मिर्च का एक पीस 500 रुपये से 2000 रुपये तक बिकता रहा है, जबकि अन्य सामान भी मार्केट मूल्य से 100 गुना ज्यादा में बिकता रहा है।
यह भी पढ़ें: कोर्ट से गुरमीत राम रहीम को भगाने की थी साजिश, पांच कमांडो बर्खास्त
एक डेरा प्रेमी ने बताया कि डेरे में ऐसे सामान को प्रेमी ग्रुपों के बीच रखा जाता था और जो ज्यादा बोली लगाता, उसे सामान सौंप दिया जाता। बोलीकर्ता मार्केट में अपने प्रेमी साथियों के बीच सामान को शेयर कर पैसे डेरा में जमा करवाते थे। डेरा प्रेमी ने बताया कि यह रकम डेरे में परमार्थ कोष में जमा होता था। किसी को स्कूल व कॉलेज की फीस देनी होती या किसी प्रेमी के लिए इमरजेंसी जरूरत होती तो परमार्थ कोष से पैसे दिए जाते थे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।