Sangrur News: सचिव निकाय विभाग पहुंचा संगरूर के बदहाल सीवरेज का मुद्दा, बोर्ड पर सख्ती की उठी मांग
शहर के नोबेल हेल्पिंग हैंड फाउंडेशन के कार्यकर्ताओं व शहर वासियों ने शहर की बिगड़ी सीवरेज व्यवस्था सीवरेज बोर्ड व निजी कंपनी के अधिकारियों की अनदेखी को उजागर करते हुए इसके समाधान की मांग की। साथ ही शहर के बीचों बीच मौजूद नगर कौंसिल के पुराने दफ्तर की खंडहर बनी इमारत का मुद्दा उठाते हुए यहां पर इलाका निवासियों की सुविधा की खातिर पार्क बनाने की मांग रखी।

मनदीप कुमार, संगरूर। मुख्यमंत्री के शहर संगरूर के बदहाल सीवरेज सिस्टम (Bad Sewerage System in Sangrur) का मुद्दा सचिव स्थानीय निकाय विभाग पंजाब के समक्ष पहुंच गया है। शहर के नोबेल हेल्पिंग हैंड फाउंडेशन के कार्यकर्ताओं व शहर वासियों ने शहर की बिगड़ी सीवरेज व्यवस्था, सीवरेज बोर्ड (Sewerage Board) व निजी कंपनी के अधिकारियों की अनदेखी को उजागर करते हुए इसके समाधान की मांग की।
साथ ही शहर के बीचों बीच मौजूद नगर कौंसिल के पुराने दफ्तर की खंडहर बनी इमारत का मुद्दा उठाते हुए यहां पर इलाका निवासियों की सुविधा की खातिर पार्क बनाने की मांग रखी। सचिव अजोय शर्मा ने शहर के सीवरेज सिस्टम को जल्द से जल्द दुरुस्त करने व पार्क के मुद्दे पर विचार करने का भरोसा दिलाया।
लोगों को नहीं मिल पा रही बेहतर सुविधा
नोबिल हैल्पिंग हैट्स फाउंडेशन के कार्यकर्ता सतिंदर सैणी, संदीप भुल्लन, ओपी गर्ग द्वारा सचिव स्थानीय निकाय विभाग पंजाब अजोय शर्मा से मुलाकात की गई। उन्होंने सचिव को बताया कि अकाली-भाजपा सरकार के कार्यकाल दौरान वर्ष 2016 दौरान 110 करोड़ रुपये की लागत से संगरूर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का प्रोजेक्ट आरंभ किया। कांग्रेस व मौजूदा आप सरकार दौरान भी करोड़ों रुपये इस प्रोजेक्ट पर खर्च हुए, लेकिन अफसोस कि आज तक शहर निवासियों को बेहतर सीवरेज सुविधा नहीं मिल पाई है।
बनाए गए चैंबर पूरी तरह से जाम
आज भी शहर भर में सीवरेज ओवरफ्लो होने की समस्या ने शहर निवासियों के नाक में दम कर रखा है व जगह-जगह गंदा पानी गलियों में जमा रहता है। घरेलू पानी, बरसाती पानी अन्य दूषित पानी की निकासी के लिए अलग-अलग प्रबंध नहीं है, बल्कि सीवरेज में ही सभी की निकासी की जा रही है, जिस कारण बरसात के समय में पानी की निकासी ठप हो जाती है। घरेलू पानी व बरसाती पानी की निकासी के लिए बनाए गए चैंबर पूरी तरह से जाम हुए पड़े हैं, जिससे जलभराव की स्थिति बनती है। सीवरेज विभाग व सीवरेज का रखरखाव कर रही शाहपुरजी प्लोंजी कंपनी सीवरेज की साफ-सफाई व रखरखाव में पूरी तरह से फेल साबित हो रही है व उनके पास सफाई के लिए उपकरणों की उचित व्यवस्था नही है।
होटल, रेस्टोरेंट के पास नहीं ट्रीट का प्रबंध
शहर में भारी गिनती में मौजूद होटल, रेस्टोरेंट, मंदिर, गुरुघर व अन्य संस्थानों द्वारा रसोई का कचरा इन सीवरेज पाइपलाइन में ही डाला जाता है, जिससे सीवरेज जाम हो जाता है व सीवरेज ओवरफ्लो होने की समस्या उत्पन्न होती है। इनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जानी चाहिए। सीवरेज बोर्ड व निजी कंपनी के अधिकारी शहर निवासियों की सीवरेज से संबंधित समस्या के समाधान में रुचि नहीं दिखाते, जिस कारण लोगों को प्रशासनिक अधिकारियों या सियासतदानों के दरवाजे पर मदद के लिए भटकना पड़ता है।
ऐसे में सीवरेज व निजी कंपनी को सख्त हिदायतें दी जाए कि सीवरेज संबंधी समस्या का पहल के आधार पर हल किया जाए। उन्होंने प्रमुख सचिव से मांग की कि उक्त समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए तुरंत सख्त कदम उठाए जाएं, ताकि शहर के लोगों को सीवरेज से संबंधित समस्या का सामना न करना पड़े।
हादसे को रोकने हेतु पार्क बनाने की मांग
वफद ने जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स के समीप नगर कौंसिल दफ्तर की पुरानी इमारत का मुद्दा उठाते हुए कहा कि क्लब रोड से नगर कौंसिल की तरफ कोहनी मोड़ होने के कारण हर दिन यहां सड़क हादसे होते रहते हैं। हादसों को रोकने के लिए मोड़ को खत्म किया जाए तथा कौंसिल दफ्तर की खस्ताहाल इमारत की जगह पर नेहरू पार्क स्थापित किया जाए, क्योंकि दफ्तर के निर्माण से पहले यहां पर पार्क मौजूद था। इस इलाके में आसपास कोई अन्य पार्क नहीं है, जिस कारण इलाका निवासियों को काफी परेशानी होती है व सैर करने की कोई व्यवस्था नहीं है। क्लब रोड, प्रेम बस्ती, अगर नगर तक बसे लोगों को पार्क के निर्माण से काफी लाभ मिलेगा।
वफद को दिलाया भरोसा
सचिव अजोय शर्मा ने वफद द्वारा उठाए गए मुद्दों को गंभीरता से सुनने उपरांत दोनों मांगों पर जल्द कदम उठाने का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि एसटीपी से संबंधित समस्या का हल करवाने हेतु तुरंत ही विभाग को नोटिस जारी किया जाएगा व पार्क के निर्माण के लिए भी रूपरेखा तैयार की जाएगी। लोगों से जुड़े मुद्दों का हल किया जाएगा।
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