Punjab News: संगरूर में CM मान ने सीवर सक्शन मशीनों को दिखाई हरी झंडी, सफाई कर्मचारियों को मिलेगी राहत
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने संगरूर में सीवरेज सफाई के लिए नई मशीनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान उन्होंने प्रशासनिक सुधार विभाग का नाम बदलकर गर्वनेंस रिफॉर्म्स विभाग करने की घोषणा की। साथ ही उन्होंने अन्य विभागों को भी आपस में मिलाने की योजना के बारे में बताया। सरकार के इस कदम सीवर की सफाई करने वाले कर्मचारियों को राहत मिलेगी उनका काम आसान हो जाएगा।

जागरण संवाददाता, संगरूर। मुख्यमंत्री भगवंत मान शनिवार को संगरूर में सीवरेज सफाई के लिए नई मशीनों को हरी झंडी देने के लिए पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रशासनिक सुधार विभाग (एडमिस्ट्रेटिव रिफार्म मिनिस्ट्री) की जगह गर्वनेंस रिफार्म्स विभाग ने ले ली है।
अन्य विभागों को किया जाएगा मर्ज
इसके बाद अब बाकी विभागों को भी आपस में मर्ज करने के लिए वर्क जारी है, जल्द ही एक जैसे कई विभागों को मर्ज कर दिया जाएगा, ताकि उनकी वर्किंग में सुधार हो सके व विभागों से संबंधित कामकाज के लिए किसी को ईधर-उधर भटकना न पड़े।
मान ने कहा कि सिंचाई विभाग, ड्रेन विभाग, मृदा संरक्षण विभाग सभी पानी से संबंधित हैं, लेकिन इनसे संबंधित कामकाज के लिए लोगों को काफी भटकना पड़ता है। ऐसे ही विभागों को मर्ज करने का प्रयास किया जाएगा, ताकि कामकाज में तेजी लाई जा सके व विभागों के स्टाफ को भी किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े।
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जिला फाजिल्का के अबोहर इलाके में पानी का स्तर गिरने से तीन हजार एकड़ फसल प्रभावित होने के सवाल पर मान ने कहा कि इस इलाके को सेम प्रभावित इलाका घोषित करने हेतु केंद्र सरकार तक डिमांड करेंगे। मुक्तसर साहिब के इलाके में करीब 18 हजार किलोमीटर वर्ग एरिया में पोटाश मिला है, इस बाबत भी केंद्र को जानकारी दी जाएगी।
मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा
पेंडू विकास व पंचायत विभाग में पिछले 19 वर्ष से काम कर रहे रूरल हेल्थ फार्मेसी अफसरों को प्राथमिक वेतन डीए समेत लागू करने और जल्द पक्का करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री भगवंत मान के एडिशनल प्रिंसिपल सचिव वरजीत वालिया को नाम ज्ञापन सौंपा गया।
यूनियन सदस्य संदीप सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार पिछले कई वर्ष से उनकी मांगों को लगातार अनदेखा कर रही है। वह जून 2006 से पेंडू विकास व पंचायत विभाग अधीन चल रहीं पेंडू डिस्पेंसरी में बतौर रूरल फार्मेसी अफसर ठेके पर काम कर रहे हें।
मिलता है केवल 11 हजार वेतन
उच्च योग्यता होने के बावजूद सरकार उन्हें मात्र 11 हजार रुपये वेेतन दे रही है। नवंबर 2020 के बाद वेतन नहीं बढ़ाया गया, जबकि सरकार के फ्लैगशिप प्रोग्राम जैसे आम आदमी क्लीनिक की शुरुआत के समय उनको बगैर किसी इंसेटिव से काम करवाया गया।
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