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    'मुख्तार अंसारी के बेटों को नियमों के तहत अलॉट की गई जमीन', CM मान के आरोपों पर पंजाब वक्फ बोर्ड का बयान

    By Jagran NewsEdited By: Rajat Mourya
    Updated: Wed, 05 Jul 2023 07:58 PM (IST)

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    'मुख्तार अंसारी के बेटों को नियमों के तहत अलॉट की गई जमीन', मान के आरोपों पर वक्फ बोर्ड का बयान

    रूपनगर, जागरण संवाददाता। उतर प्रदेश के गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के बेटों को रूपनगर के गांव में पंजाब वक्फ बोर्ड की जमीन अलॉट करने के मामले में नया खुलासा हुआ है। वक्फ बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि अंसारी के पुत्रों को जो जमीन अलॉट हुई है वो वक्फ बोर्ड के नियमों के आधार पर ही दी गई है। नीलामी में सबसे अधिक बोली मुख्तार अंसारी के पुत्रों अब्बास अंसारी और उमर अंसारी ने दी थी।

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    दूसरी ओर, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक दिन पहले आरोप लगाया था कि कांग्रेस सरकार ने अंसारी के पुत्रों को लीज पर जमीन दिलाने के लिए अंसारी का पक्ष लिया था। इससे साबित होता है कि उनका उनसे संबंध है। साथ ही ये भी कहा था कि अंसारी को कभी न मिलने का दावा करने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह इस बारे में अपना पक्ष रखें।

    'सबसे ज्यादा बोली लगाने पर अलॉट की गई जमीन'

    वक्फ बोर्ड के तत्कालीन कार्यकारी अधिकारी अब्दुल रशीद उसमानी ने अपना पक्ष ये दिया है कि बाकायदा समाचार पत्रों में विज्ञापन दिया गया था और सबसे ज्यादा बोली देने पर अब्बास अंसारी और उमर अंसारी में ये जमीन अलॉट की गई थी। ये जमीन रूपनगर शहर से छह सात किलोमीटर दूर गांव सनाना में है और ये 154.15 कनाल जमीन साल 2019 में लीज पर अलॉट की गई थी।

    '2022 में रिन्यू हुई थी लीज'

    अब्दुल रशीद ने बताया कि साल 2022 में इसकी लीज रिन्यू की गई। जमीन के अलॉटी मालिकों का पता सन एन्क्लेव में एक फ्लैट के रूप में बताया गया है। इस फ्लैट का इस्तेमाल रूपनगर जेल में न्यायिक हिरासत के दौरान अंसारी के परिवार द्वारा रिहायश के लिए किया जा रहा था। यही नहीं, गांव सनाना के कुछ किसानों ने दावा किया कि जो जमीन अंसारी के बेटों को लीज पर दी गई है। उस जमीन से उन्हें बेदखल कर दिया गया है। जबकि वो पिछले कई दशकों से इस जमीन पर काबिज थे।

    उन्होंने ये भी माना है कि वे पहले ही इस संबंध में अदालत में एक केस हार चुके हैं। किसान जसमेर सिंह, गुरदयाल सिंह, जगतिंदर सिंह और गुरचरण सिंह ने कहा कि उन्होंने जमीन पट्टे पर ली थी और वक्फ बोर्ड के अदालत में चले जाने से पहले पिछले कई वर्षों से पट्टे की राशि का भुगतान नहीं कर सके और वे मुकदमा हार गए थे। उनसे पुलिस और प्रशासन का इस्तेमाल कर जमीन का कब्जा जबरन ले लिया गया।

    पंजाब वक्फ बोर्ड के रूपनगर में तैनात वर्तमान कार्यकारी अधिकारी बहार अहमद ने कहा कि जमीन लीज पर लेने वाले अब्बास और उमर को यह जमीन पट्टे पर देते समय सभी मानदंडों का पालन किया गया था। इसमें कोई कोताही नहीं की गई।