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    'मुख्तार अंसारी के बेटे और भतीजे को रूपनगर में कैसे दी गई वक्फ बोर्ड की जमीन'- CM मान ने कैप्टन से पूछा

    By Jagran NewsEdited By: Rajat Mourya
    Updated: Tue, 04 Jul 2023 07:04 PM (IST)

    मुख्तार अंसारी के मामले में सीएम भगवंत मान रोज नए-नए खुलासे कर रहे हैं। अब उन्होंने कहा है कि मुख्तार अंसारी के बेटे और भतीजे के नाम रूपनगर में वक्फ बोर्ड की जमीन है। उन्होंने कहा कि उनको जमीन कैसे मिली इसका जवाब कैप्टन अमरिंदर सिंह को देना चाहिए। इस मामले में कैप्टन के पुत्र व राइफल एसोसिएशन के प्रधान रणइंदर सिंह का नाम भी जुड़ गया है।

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    'मुख्तार अंसारी के बेटे और भतीजे को रूपनगर में कैसे दी गई वक्फ बोर्ड की जमीन'- CM मान

    चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर मुख्तार अंसारी को रोपड़ जेल में रखने व उनका केस लड़ने व अन्य पर खर्च हुए 55 लाख रुपये की वसूली के लिए पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह व पूर्व जेल मंत्री सुखजिंदर रंधावा को रिकवरी नोटिस भेजने के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस मामले में एक नया खुलासा किया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि मुख्तार अंसारी को न सिर्फ जेल में सुविधाएं दी गई बल्कि अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी व भतीजे उमर अंसारी को रोपड़ में वक्फ बोर्ड की जमीन भी दी गई।

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    वहीं, इस मामले में कैप्टन के पुत्र व राइफल एसोसिएशन के प्रधान रणइंदर सिंह का नाम भी जुड़ गया है। मुख्यमंत्री ने चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि कैप्टन कह रहे हैं कि वह जिंदगी में कभी मुख्तार अंसारी से नहीं मिले। उन्हें अपने बेटे रणइंदर सिंह से पूछ लेना चाहिए। बता दें कि रणइंदर सिंह राइफल एसोसिएशन के प्रधान हैं और मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी भी नेशनल शूटर रहे हैं। मान ने कहा कि रणइंदर कई बार अंसारी से मिल चुके हैं। लेकिन कैप्टन लोगों को गुमराह करने के लिए इस मुद्दे पर झूठ बोल रहे हैं।

    'मिलीभगत के बिना कैसे दी गई जमीन'

    मान ने कहा कि कैप्टन सरकार ने न केवल इस गैंगस्टर को जेल में रहने को आरामदायक बनाया, बल्कि उसे रोपड़ में महंगी जमीन भी दी। उन्होंने कैप्टन को चुनौती दी कि वह बताएं कि रूपनगर में वक्फ बोर्ड की जमीन उनकी मिलीभगत के बिना अंसारी के बेटों अब्बास और उमर अंसारी को कैसे दे दी गई। भगवंत मान ने कहा कि अगर कैप्टन चाहेंगे तो वह आने वाले दिनों में कैप्टन के अंसारी के साथ संबंधों के बारे में और सबूत भी देंगे।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि इस 55 लाख रुपये की रिकवरी कैप्टन और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा से जरूर की जाएगी। उन्होंने कहा कि जेल मंत्री कह रहे हैं कि अभी तो बिल आया ही नहीं तो वसूली किस बात की। मान ने कहा कि बिल तो हमारे पास ही आएगा लेकिन जब आएगा तो बिल सरकारी खजाने से नहीं कैप्टन और पूर्व जेल मंत्री से ही लेकर दिया जाएगा।

    मान ने कहा कि अंसारी की किस तरह से जेल में खातिर की गई इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यूपी की एमपी एमएलए कोर्ट में अंसारी के खिलाफ फैसला आने वाला था। इस बीच एक फर्जी मामला बना कर अंसारी को रोपड़ जेल में बंद कर दिया गया। यूपी पुलिस की ओर से 25 बार पंजाब सरकार को कहा गया कि अंसारी को उन्हें सौंप दिया जाए। लेकिन हर बार कोई बहाना बना दिया गया।

    'कैप्टन सरकार ने हायर किया निजी वकील'

    मान ने कहा कि अपने आरोपित अपराधी को वापस लेने के लिए यूपी पुलिस सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। बचाव के लिए निजी वकील कैप्टन सरकार की ओर से हायर किया गया। मान ने कहा कि जिन लोगों ने भी पंजाब का खजाना लूटा है किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा।

    कैप्टन के इस दावे पर टिप्पणी करते हुए कि वह 9.5 साल तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं, भगवंत मान ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने अपने कार्यकाल के दौरान पंजाब में इतनी यात्रा नहीं की जितनी डेढ़ साल उन्होंने (मान) कर ली हैं। उन्होंने कहा कि कैप्टन और वह एक साथ लोकसभा के सदस्य थे और यह एक रिकॉर्ड है कि इस दौरान कैप्टन की उपस्थिति केवल छह प्रतिशत थी, जो भारत में सबसे कम है, जबकि मेरी उपस्थिति 90 प्रतिशत थी।