Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कितने मुश्किल रहे किसान आंदोलन के 404 दिन? Shambhu Border बंद रहने से पंजाब को तगड़ा नुकसान, पढ़ें आंकड़े

    शंभू बॉर्डर के 13 महीने तक बंद रहने से व्यापारियों को भारी नुकसान हुआ है। 250 करोड़ रुपये के टोल का नुकसान और एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार प्रभावित हुआ है। सरकार को भी फोर्स पर 40 करोड़ रुपये खर्च करने पड़े हैं। बॉर्डर बंद होने से चंडीगढ़ का 40 मिनट का रास्ता डेढ़ से दो घंटे में तय हो रहा था।

    By Jagran News Edited By: Prince Sharma Updated: Thu, 20 Mar 2025 08:31 PM (IST)
    Hero Image
    Shambhu Border Open: मशीनों द्वारा बैरिकेड्स हटाए गए (पीटीआई फोटो)

    जागरण संवाददाता, पटियाला। 13 महीने बाद शंभू बॉर्डर (Shambhu Border Open) यात्रियों के लिए खोल दिया है। पंजाब और अंबाला रूट पर करीब 404 दिन बाद वाहन दौड़ते नजर आ रहे हैं। बुधवार रात से ही पंजाब के पांच हजार जवानों ने कार्रवाई करते हुए शंभू और खनौरी बॉर्डर से किसानों को हटाया और वहां से अस्थायी रैन बसेरों को बुलडोजर की मदद से ध्वस्त किया। किसान करीब 13 महीने से इस मार्ग पर प्रदर्शन कर रहे थे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस मार्ग के बंद होने से 250 करोड़ रुपए के टोल का नुकसान हुआ है। वहीं, प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए फोर्स ने 40 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। आइए, सिलसिलेवार ढंग से जानते हैं कि किसानों द्वारा रास्ता बंद करने से सरकार और व्यापारियों को कितना नुकसान हुआ। 

    फोटो: पीटीआई

    हाईवे बंद होने से जनजीवन अस्त-व्यस्त

    • 250 करोड़ रुपये के टोल का नुकसान हुआ है।
    • 40 करोड़ रुपये फोर्स पर हुए खर्च किए गए।
    • एक हजार करोड़ रुपये कारोबारियों का नुकसान हुआ।
    • 50 करोड़ रुपये से ज्यादा रोडवेज बसों को घाटा।
    • चंडीगढ़ का 40 मिनट का रास्ता डेढ़ से दो घंटे में हो रहा था।
    • अंबाला से राजपुरा के 20 मिनट वाले सफर को दो घंटे में तय करते थे मुसाफिर।
    • शुरुआत में 12 कंपनियों के 850 जवानों ने दिया था पहरा बाद में चार कंपनियां रहीं तैनात।
    • पेट्रोल पंप, शराब के ठेके और कर संग्रह केंद्र व इस अवधि में करीब एक महीने बंद रही इंटरनेट सेवाएं
    • रोजाना 65-70 हजार वाहन चालक खाते रहे धक्के।

    फोटो: पीटीआई

    शंभू और खनौरी बॉर्डर से हटाए गए बैरिकेड्स

    शंभू और खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों को हटाने के बाद हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों ने गुरुवार को सीमेंटेड बैरिकेड्स हटा दिए। ये अवरोध पंजाब के किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए लगाए गए थे।

    शंभू और खनौरी बॉर्डर पर शंभू-अंबाला और संगरूर-जींद सड़कों को साफ करने के लिए कंक्रीट के अवरोधों को हटाने के लिए जेसीबी और अन्य मशीनों को तैनात किया गया। ये मार्ग प्रदर्शनकारी किसानों के वहां डेरा डालने के बाद एक साल से अधिक समय से बंद हैं।

    हरियाणा के सुरक्षा अधिकारियों ने किसानों द्वारा अपने 'दिल्ली चलो' कार्यक्रम के तहत राजधानी की ओर बढ़ने के किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए पंजाब के साथ राज्य की सीमाओं को सीमेंट के ब्लॉक, लोहे की कीलें और कंटीले तारों से मजबूत कर दिया था।

    यह भी पढ़ें- Shambhu Border: अब चक्कर काटने की जरूरत नहीं, खुल गया शंभू बॉर्डर; फिलहाल नहीं देना होगा टोल

    यह भी पढ़ें- शंभू और खनौरी बॉर्डर खाली, किसान आंदोलन के 13 महीने में क्या-क्या हुआ; पढ़ें पूरी टाइमलाइन