Shambhu Border: अब चक्कर काटने की जरूरत नहीं, खुल गया शंभू बॉर्डर; फिलहाल नहीं देना होगा टोल
शंभू बॉर्डर पर 13 महीने से चल रहे किसान आंदोलन के बाद आखिरकार पंजाब सरकार ने कार्रवाई की। बुधवार देर रात शुरू हुई कार्रवाई गुरुवार को भी जारी रही। अब तक ढांचों और शेडों को ध्वस्त कर दिया गया है और शंभू बॉर्डर पर एक तरफ की सड़क खोल दी गई। वहीं हाईवे पर गाड़ियों की आवाजाही भी शुरू हो गई है।
पीटीआई, पटियाला। खनौरी और शंभू बॉर्डर पर करीब 13 महीने से आंदोलन कर रहे किसानों को आखिर पंजाब सरकार ने हटा दिया है। बुधवार देर रात शुरू की गई कार्रवाई गुरुवार तक जारी रही। बुधवार को पंजाब पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई के बाद अब ढांचों और शेडों को ध्वस्त कर दिया गया है और शंभू बॉर्डर (Shambhu Border Open) पर एक तरफ की सड़क खोल दी गई है।
हाईवे पर गाड़ियों की आवाजाही भी शुरू हो गई है। खास बात है कि हाईवे पर फिलहाल टोल प्लाजा को बंद किया हुआ है। हालांकि, इस मार्ग के बंद होने से 250 करोड़ रुपए के टोल का नुकसान हुआ है
ट्रैफिक की आवाजाही को लेकर पटियाला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) नानक सिंह ने गुरुवार को कहा कि सड़कों को यात्रा के लिए खोल दिया गया है। सड़कें पूरी तरह से साफ है और हाईवे पर वाहनों की आवाजाही जारी है। उन्होंने कहा कि अगले 3-4 घंटों के अंदर नॉर्मल तरीके से ट्रैफिक का संचालन होना शुरू हो जाएगा।
वहीं, पटियाला रेंज के डीआईजी मनदीप सिंह सिद्धू ने कहा कि खनौरी बॉर्डर पर एक बड़ा क्षेत्र खाली करा लिया गया है और ट्रैक्टर-ट्रॉली जैसी चलने योग्य चीजों को बॉर्डर से 3 किलोमीटर दूर शिफ्ट किया जा रहा है। अगर कोई वहां से ट्रॉली ले जाना चाहता है, तो वह अपनी पहचान प्रमाण के साथ दिखा सकता है और उचित एंट्री के बाद ट्रॉली उसे सौंप दी जाएगी। कल किसानों ने हमारा सहयोग किया। हिरासत में लिए गए किसानों की उचित देखभाल की जा रही है।
उधर, अंबाला रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सिबाश कबीराज ने कहा कि हरियाणा की ओर से बैरिकेड्स गुरुवार शाम तक हटा दिए जाएंगे और उसके बाद सड़क यातायात बहाल किया जा सकेगा। इस बीच, संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने गुरुवार को पंजाब पुलिस की कार्रवाई के विरोध में उपायुक्तों के कार्यालयों के बाहर धरना देने की घोषणा की।
#WATCH | Traffic movement resumes at the Punjab-Haryana Shambhu border.
— ANI (@ANI) March 20, 2025
Yesterday, late in the evening, Punjab police removed the farmers from here, temporary structures erected by them were also removed. pic.twitter.com/tekNbZ6SFB
किसानों ने की आम आदमी पार्टी की आलोचना
शंभू और खनौरी दोनों ही बॉर्डरों पर किसानों के आंदोलन का नेतृत्व करने वाले दोनों निकायों ने बुधवार को प्रदर्शनकारियों को हटाने और किसान नेताओं को हिरासत में लेने के लिए पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की आलोचना की। पुलिस कार्रवाई की निंदा करने के लिए, किसानों के एक समूह ने मुक्तसर जिले के गिद्दड़बाहा में विरोध प्रदर्शन किया, जबकि महिलाओं सहित एक अन्य ग्रुप ने मोगा जिले में पुलिसकर्मियों के साथ हाथापाई की। वहीं, अखिल भारतीय किसान सभा और भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले एकजुट हुए किसानों ने करनाल में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के आवास तक विरोध मार्च निकाला।
किसानों पर एक्शन को लेकर क्या बोले हरपाल चीमा?
अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंढेर समेत कई किसान नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पंजाब के मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि यह कार्रवाई इसलिए की गई क्योंकि वे शंभू और खनौरी बॉर्डर खोलना चाहते हैं।
एएनआई से बात करते हुए चीमा ने कहा कि किसानों को दिल्ली या कहीं और धरना देना चाहिए क्योंकि उनकी मांगें केंद्र सरकार के खिलाफ हैं।
आप सरकार और पंजाब के लोग तीन काले कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध में उनके साथ खड़े थे। किसानों की मांगें केंद्र सरकार के खिलाफ हैं। एक साल से ज्यादा हो गया है और शंभू और खनौरी बॉर्डर बंद हैं। पंजाब के व्यापारी, युवा बहुत परेशान हैं। जब व्यापारी व्यापार करेंगे तो युवाओं को रोजगार मिलेगा और वे नशे से दूर रहेंगे।
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