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    पटियाला: बिहार से राजपुरा रोजगार की तलाश में आए परिवार की खुशियाँ राख, शॉर्ट सर्किट ने ली 4 लोगों की जान

    Updated: Fri, 26 Sep 2025 04:11 PM (IST)

    राजपुरा में एक दर्दनाक हादसे में शॉर्ट सर्किट से लगी आग में एक प्रवासी परिवार के चार सदस्यों की मौत हो गई। मृतकों में जगदीश चौहान उनकी पत्नी राधा देवी साला ललित और बेटा सरवन राम शामिल हैं। वे बिहार से राजपुरा रोजी-रोटी की तलाश में आए थे। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

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    राजपुरा में शॉर्ट सर्किट से लगी आग में एक प्रवासी परिवार के चार सदस्यों की मौत हो गई (फोटो: जागरण)

    जागरण संवददात, राजपुरा। राजपुरा में एक बेहद दर्दनाक हादसा सामने आया है, जहाँ भोगलां रोड स्थित एक सस्ते किराए के मकान में शॉर्ट सर्किट से लगी आग ने एक प्रवासी परिवार के चार सदस्यों को लील लिया। रात को चैन की नींद सोए इस परिवार को शायद मालूम नहीं था कि अगली सुबह उनके लिए नहीं होगी। हादसे में राज मिस्त्री का काम करने वाले जगदीश चौहान (65), उनकी पत्नी राधा देवी (30), साला ललित (18), और बेटा सरवन राम (12) कमरे में ही झुलस कर मौत के शिकार हो गए।

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    ​पुलिस को कंट्रोल रूम से सूचना मिली जिसके बाद टीम तुरंत मौके पर पहुंची। कमरे में धुंआ भरा हुआ था और अंदर का मंजर इतना भयावह था कि शव देखने लायक भी नहीं थे। घर का सारा सामान, यहाँ तक कि खड़ी दो साइकिलें और मोबाइल भी जलकर राख हो गए थे। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए राजपुरा के सिविल हॉस्पिटल भेजा है।

    कस्तूरबा ​पुलिस चौकी इंचार्ज निशान सिंह ने पत्रकारों को बताया कि वे मृतकों के वारिसों के बयानों के आधार पर कानूनी कार्रवाई करेंगे और पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए जाएंगे। मकान मालिक अरविंदर सिंह ने भी हादसे की वजह शॉर्ट सर्किट बताई है।

    बिहार से पंजाब तक अपनी रोटी-रोज़ी की तलाश में आए इस परिवार का अंत इस तरह होना, प्रवासी मज़दूरों की संघर्ष-भरी ज़िंदगी पर एक स्याह धब्बा है। ​यह हादसा केवल आग लगने और चार मौतों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक दर्द और मजबूरी से भरी कहानी भी छिपी है।  मृतक जगदीश चौहान के बेटे लतीश चौहान और उनकी पत्नी ने इस दुखद खबर के बाद पत्रकारों को बताया कि उनके पिता की यह दूसरी शादी थी। लतीश ने बताया कि उनके पिता ने कर्ज़ भी लिया हुआ था और वे उनसे अलग रहते थे।

    ​यह जानकर हर आंख नम हो जाएगी कि 65 साल के जगदीश चौहान ने 30 साल की राधा देवी से दूसरी शादी की थी, जो अपना पहला पति छोड़कर उनके साथ आई थीं। पहली पत्नी की मौत के बाद जगदीश चौहान ने अपना जीवन फिर से बसाया था, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था।

    ​मेहनत-मज़दूरी करके जीवन की गाड़ी खींचने वाले इस परिवार पर पहले से ही ज़िम्मेदारियों और कर्ज़ का बोझ था। जगदीश, राधा देवी, ललित और मासूम सरवन राम, ये चारों मिलकर एक नया आशियाना बनाने की कोशिश कर रहे थे।

    एक पिता जो 65 की उम्र में भी राज मिस्त्री का काम कर रहा था, एक जवान माँ, एक 18 साल का साला और 12 साल का बेटा इन सबने एक कमरे में अपनी नई खुशियों को सँजोने की कोशिश की, पर किस्मत की क्रूरता ऐसी थी कि रात के अंधेरे में एक शॉर्ट सर्किट ने उनके सारे सपने, सारी खुशियाँ और पूरी ज़िंदगी जलाकर राख कर दी।

    ​कानूनी कार्रवाई ​पुलिस ने फिलहाल इस मामले में धारा 144 के तहत कार्रवाई शुरू कर दी है और मृतक के वारिसों के बयान दर्ज़ किए जा रहे हैं। पोस्टमार्टम के बाद शव उनके हवाले कर दिए जाएंगे। इस हादसे ने एक बार फिर सुरक्षा मानकों और सस्ते किराए के मकानों में रहने वाले मज़दूरों की दयनीय स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।