पंजाब में धड़ल्ले से जल रही पराली, इस सीजन में अब तक 561 मामले आए सामने
पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ रही हैं, इस सीजन में 561 मामले सामने आए हैं। किसान पराली जलाने से बाज नहीं आ रहे, जिससे प्रदूषण बढ़ रहा है। किसानों का कहना है कि उनके पास पराली प्रबंधन के लिए पर्याप्त साधन नहीं हैं। सरकार ने सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है, लेकिन घटनाएं कम नहीं हो रही। पराली जलाना एक गंभीर मुद्दा है जिसका समाधान खोजना होगा।

पराली जलाता किसान (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, पटियाला। राज्य में पराली जलाने के मामले बढ़ने लगे हैं। शुक्रवार को राज्य में 49 नए मामले सामने आए। इस सीजन में अब तक राज्य में कुल 561 मामले सामने आ चुके हैं।
हालांकि पिछले वर्ष की तुलना में इस बार पराली जलाने के मामले करीब 68 प्रतिशत कम आए हैं। पिछले वर्ष पराली जलाने के 25 अक्टूबर 2024 तक 1749 मामले सामने आए थे, जबकि 25 अक्टूबर 2023 तक 2704 मामले सामने आए थे। इस बार तरनतारन सबसे अधिक पराली जलाने 175 और अमृतसर 135 मामले आए हैं। अन्य जिलों में भी पराली के मामले आ रहे हैं।
सख्ती का असर: 215 एफआइआर दर्ज पराली जलाने वाले किसानों पर सरकार सख्त सख्त कार्रवाई कर रही है। अब तक कुल 215 एफआइआर दर्ज की गई है। 230 किसानों की जमीन की रेड एंट्री की गई है। इससे अब इन किसानों को कोई सरकारी लाभ नहीं मिलेगा।
हवा की गुणवत्ता में सुधार पिछले दो दिनों से प्रदूषण स्तर में सुधार है। शनिवार को अमृतसर का एक्यूआइ 246, जालंधर का 279, पटियाला का 149, लुधियाना का 307 और मंडी गोबिंदगढ़ का 154 रिकार्ड किया गया।
संगरूर धान कटाई तेज होने के साथ-साथ पराली को जलाने के मामले भी बढ़ने लगे हैं। संगरूर में शनिवार को पराली जलाने को लेकर पुलिस टीम व किसान आमने-सामने हो गए। गांव लखेवाल में पराली की आग बुझाने पहुंची पुलिस टीम का किसानों ने घेराव किया और नारेबाजी की। भारतीय किसान यूनियन (आजाद) की अगुआई में किसानों ने विरोध करते रहे।
पराली की आग बुझाने पहुंची पुलिस टीम को किसानों ने घेरा

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