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    पंजाब में पराली जलाने के 46 मामले आए सामने, लगाया गया 50 हजार रुपये जुर्माना

    Updated: Sun, 21 Sep 2025 09:02 AM (IST)

    धान की कटाई के बाद पराली जलाने की घटनाओं पर प्रशासन सख्त हो गया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कार्रवाई शुरू कर दी है। अब तक 46 मामले सामने आए हैं जिनमें अमृतसर सबसे आगे है। प्रशासन ने जुर्माना लगाया है और वसूली भी की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को सख्त आदेश दिए हैं।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)

    जागरण संवाददाता, पटियाला। राज्य में धान कटाई के बाद पराली जलाने का सिलसिला शुरू होते ही प्रशासन भी हरकत में आ गया है। इस बार सुप्रीम कोर्ट की सख्त हिदायतों के बाद सरकार और पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) ने सीजन की शुरुआत से ही मोर्चा संभाल लिया है।

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    नतीजा यह है कि अब तक 46 पराली जलाने के मामले रिपोर्ट किए जा चुके हैं। पीपीसीबी से मिले ताजा आंकड़ों के मुताबिक, पराली जलाने के मामलों में अमृतसर जिला सबसे आगे है।

    यहां अब तक पराली जलाने के 32 मामले सामने आ चुके हैं, जिस पर कार्रवाई करते हुए 50 हजार रुपये जुर्माना लगाने के साथ-साथ 15 हजार रुपये जुर्माने की वसूली भी हो चुकी है।

    जानकारी अनुसार पटियाला से छह, तरनतारन से चार, जबकि बठिंडा, फिरोजपुर, होशियारपुर और संगरूर से पराली जलाने का एक-एक मामला सामने आया है। हालांकि, फिलहाल किसी किसान के खिलाफ कोई एफआईआर या रेड एंट्री की कार्रवाई नहीं की गई है।

    जुर्माना और रिकवरी

    प्रशासन ने अब तक कुल 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है, जिसमें से 15 हजार रुपये की वसूली भी की जा चुकी है। इसके तहत अमृतसर में 40 हजार का जुर्माना, 10 हजार की रिकवरी, पटियाला में 5 हजार का जुर्माना और पूरी रिकवरी है। जबकि तरनतारन में 5 हजार का जुर्माना किया गया है जिसकी वसूली अभी बाकी है।

    सुप्रीम कोर्ट की फटकार का असर

    सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में पंजाब सरकार को पराली पर अंकुश लगाने के सख्त आदेश दिए थे। कोर्ट ने साफ कहा था कि अब किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके बाद प्रशासन ने निगरानी बढ़ा दी है।

    खेतों में नजर रखने के लिए सेटेलाइट से रिपोर्ट और गांव स्तर पर गठित टीमों को सक्रिय किया गया है। प्रशासन का कहना है कि पराली जलाने वालों को किसी भी हाल में नहीं बख्शा जाएगा।

    जुर्माने के साथ-साथ कानूनी कार्रवाई भी तय है। जिला स्तर पर अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि शुरुआती सीजन में ही सख्ती दिखाकर पराली जलाने पर लगाम कसी जाए।