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    पुलिस वेरिफिकेशन करवाओ, नहीं तो खेतों में रहो..., पटियाला के इस गांव में मजदूरों के लिए क्यों जारी हुआ ये फरमान?

    Updated: Tue, 15 Apr 2025 06:02 PM (IST)

    बनूड़ के बूटा सिंह वाला गांव की पंचायत ने दूसरे राज्यों से आए मजदूरों को पुलिस वेरिफिकेशन कराने का आदेश दिया है। पंचायत का कहना है कि गांव वालों से 600 मांगपत्र मिलने के बाद यह फैसला लिया गया। सरपंच जरनैल सिंह के अनुसार वेरिफिकेशन न होने पर मजदूरों को गांव से बाहर खेतों में रहना होगा। 30 अप्रैल अंतिम तिथि है।

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    प्रस्ताव पारित करने के दौरान गांव बूटा सिंह वाला में इकट्ठे हुए गांववासी।

    जागरण संवाददाता, बूटा सिंह वाला, बनूड़ (पटियाला)। पुलिस वेरिफिकेशन करवाओ, नहीं तो गांव से बाहर खेतों में रहो। ऐसा फरमान बनूड़ के तहत गांव बूटा सिंह वाला की पंचायत ने गांव में रह रही दूसरे राज्यों की लेबर के लिए जारी किया है। ग्राम पंचायत का कहना है कि यह उसे गांववासियों से मिले 600 मांगपत्रों के बाद ही किया गया है।

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    इसके साथ ही ग्राम सरपंच जरनैल सिंह का कहना है कि अगर गांव का कोई पक्का निवासी दूसरे राज्य से आयी लेबर को बगैर पुलिस वेरिफिकेशन के गांव के भीतर किराए पर रखता है और भविष्य में उक्त किराएदार किसी अपराध में लिप्त होता है, तो उसके लिए गांव का उक्त पक्का निवासी यानी मकान मालिक को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।

    पुलिस वेरिफिकेशन के लिए आगामी 30 अप्रैल अंतिम तारीख तय की गई है। सरपंच जरनैल सिंह ने कहा कि उक्त लेबर अगर गांव के बाहर खेतों में बने कमरों में रहती है, तो इस पर उन्हें कोई एतराज नहीं।

    कहां है यह गांव?

    गांव बूटा सिंह वाला राजपुरा-जीरकपुर रोड पर बनूड़ से करीब दो किलोमीटर पहले स्थित है। गांव की आबादी 1700 के करीब है। ग्राम पंचायत सरपंच जरनैल सिंह ने बताया कि इस समय दूसरे राज्यों से आए करीब एक सौ श्रमिक गांव में रह रहे हैं।

    यह श्रमिक गांव के आसपास के इलाके में स्थित अलग-अलग फैक्ट्रियों में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने इस पर आपत्ति जताई कि इनमें से किसी की पुलिस वेरिफिकेशन नहीं हुई है। अगर कल को गांव में कोई आपराधिक घटना में दूसरे राज्य से आया लेबर संलिप्त पाया जाता है, तो पुलिस वेरिफिकेशन न होने की स्थिति में उसका सुराग लगाना कठिन हो जाएगा।

    उन्होंने कहा कि ऐसी ही आपराधिक घटनाएं न हों, इसे सुनिश्चित करने के लिए ग्राम पंचायत ने यह फैसला किया है। सरपंच ने कहा कि ग्राम पंचायत के इस प्रस्ताव को गांव के उनके निवासियों ने भी समर्थन दिया है, जिन्होंने दूसरे राज्यों से आयी लेबर को किराए पर रखा हुआ है।

    एडीसी ने बीडीपीओ को मार्क की इन्क्वायरी

    इस मामले संबंधी संपर्क किए जाने पर एडीसी (रूरल डवलपमेंट) ईशा सिंगल ने कहा कि पंचायत ने किस स्तर पर ऐसा प्रस्ताव पारित किया, इसकी जांच का जिम्मा बीडीपीओ को सौंपा गया है। जांच रिपोर्ट के आधार पर ही बनती कार्रवाई की जाएगी।

    लॉ एंड आर्डर भंग करने वाले के खिलाफ होगी कार्रवाई: एसएसपी

    इस मामले संबंधी एसएसपी डॉ. नानक सिंह ने कहा कि यूं तो यह मामला जिला प्रशासन से संबंधित है। पुलिस को इस बारे में न तो किसी ने सूचना दी और न ही शिकायत दी। मीडिया रिपोर्टों से ही उन्हें इसकी जानकारी मिली। पुलिस अलर्ट है। किसी को लॉ एंड आर्डर भंग करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।

    इससे पहले भी इस गांव से आया था ऐसा ही मामला

    दूसरे राज्यों से आई लेबर को गांव से चले जाने की घटना इससे पहले नाभा के तहत भादसों ब्लाक के गांव चहल में पिछले माह ही सामने आयी थी। तब गांववासियों ने आरोप लगाया था उक्त लेबर देर रात तक शराब पीकर हुड़दंग मचाती है।

    उसके बाद ग्रामवासियों ने फैसला किया था कि अगर कोई बाहरी श्रमिक हुड़ंदग या किसी वारदात वगैरह में लिप्त पाया जाता है तो उसकी ऐसी घटना के लिए उसको किराए पर रखने वाला गांव का निवासी ही जिम्मेदार ठहराया जाएगा।

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