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    Punjab News: 'गांव खाली करें बाहरी मजदूर', पटियाला में गुरुद्वारे से क्यों हुआ यह एलान; जानिए वजह

    पटियाला के भादसों ब्लॉक के चहल गांव में दूसरे राज्यों से आए प्रवासी मजदूरों को गांव छोड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है। गुरुद्वारे से अनाउंसमेंट कर उन्हें गांव खाली करने का अल्टीमेटम दिया गया है। गांव दो गुटों में बंट गया है। एक पक्ष का कहना है कि मजदूर नशे में धुत्त होकर हुल्लड़बाजी करते हैं महिलाओं का घर से निकलना मुश्किल हो गया है।

    By Gaurav Sood Edited By: Sushil Kumar Updated: Tue, 01 Apr 2025 04:30 PM (IST)
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    Patiala News: पंजाब में गुरुद्वारे से बड़ा एलान, प्रवासी मजदूरों को गांव खाली करने का अल्टीमेटम। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, पटियाला। ब्लॉक भादसों के गांव चहल में दूसरे राज्यों से आए मजदूरों को गांव छोड़ने के लिए मजबूर करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। गांव के गुरुद्वारे से अनाउंसमेंट कर प्रवासी मजदूरों को जल्द से जल्द गांव खाली करने का अल्टीमेटम दिया गया, जिसके बाद गांव के लोग दो गुटों में बंट गए हैं।

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    गांव के एक पक्ष का आरोप है कि ये मजदूर नशे में धुत्त होकर हुल्लड़बाजी करते हैं और गांव का माहौल खराब कर रहे हैं। आलम यह है कि इन मजदूरों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि इनकी हरकतों के चलते महिलाओं का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है।

    दूसरा पक्ष इस फैसले के विरोध में खड़ा है और कह रहा है कि इन मजदूरों को क्वार्टर किराए पर देकर वे अपनी आजीविका चला रहे हैं। फिलहाल स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। वहीं मामले की शिकायत पुलिस के पास भी पहुंची है। जिसकी पुलिस की तरफ से जांच की जा रही है।

    काम करने के लिए बड़ी संख्या में आए मजदूर

    गांव में इंडस्ट्री स्थापित होने के बाद यहां काम करने के लिए दूसरे राज्यों से मजदूरों की संख्या बढ़ी है। इसके चलते गांव के कई लोगों ने क्वार्टर बनाकर उन्हें किराए पर देना शुरू कर दिया। इस समय गांव में सैकड़ों मजदूर किराए पर रह रहे हैं और यहां के कई परिवारों की कमाई का यही जरिया है।

    बिजनेस पर भी असर, दो गुटों में बंटा गांव

    गांव के कई दुकानदार भी इस फैसले का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि उनका कहना है कि मजदूर उनके सबसे बड़े ग्राहक हैं। अगर उन्हें निकाला गया, तो उनके व्यापार पर बुरा असर पड़ेगा। उनका कहना है कि गांव के ज्यादातर व्यक्ति शहर से खरीदारी करते हैं, जबकि उनके ग्राहक दूसरे राज्यों से आए मजदूर ही हैं। अगर यह गांव से चले जाते हैं तो उनकी कमाई पर भी बुरा असर पड़ेगा।

    फिलहाल दोनों पक्षों में मीटिंगों का दौर जारी

    जानकारी के अनुसार, फिलहाल दोनों पक्षों में मीटिंगों का दौर जारी है। पंचायत और गांव निवासी जहां दूसरे राज्यों से आए मजदूरों को गांव से निकालने की जिद पर अड़े है, वहीं दूसरा पक्ष इन मजदूरों की जिम्मेदारी लेने को तैयार है। फिलहाल गांव में असमंजस की स्थिति बरकरार है और बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों से आए मजदूर अपने कमरे खाली करके जा चुके हैं।

    मजदूरों ने किया गांव का माहौल खराब- सरपंच

    गांव के सरपंच पाल सिंह ने कहा कि दूसरे राज्यों से आए मजदूरों ने गांव का माहौल खराब कर रखा है। शराब पीकर होली वाले दिन इन मजदूरों की तरफ से की गई हुल्लड़बाजी के बाद यह फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि महिलाओं का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है।

    इसके अलावा गांव की सफाई और नहरी पानी भी प्रदूषित किया जा रहा है। उन्होंने कहा जिन व्यक्तियों ने इन मजदूरों को किराए पर कमरे दिए हैं, उनकी तरफ से पानी की निकासी के लिए कोई पुख्ता प्रबंध नहीं किए गए।

    जिस कारण गांव में गंदगी फैली हुई और माहौल खराब हो रहा है। उन्होंने कहा कि गांव में करीब 1400 वोट हैं और 1400 के करीब ही दूसरे राज्यों से आए मजदूर रह रहे हैं।

    मामले की जांच की जा रही- एसएचओ

    एसएचओ जसप्रीत सिंह ने कहा कि एक शिकायत मिली है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाए है कि गांव के कुछ व्यक्ति उन्हें कमरे खाली करवाने के लिए धमका रहे हैं। उनके किराएदारों का धमकियां दी जा रही हैं। फिलहाल मामले की जांच जारी है, जांच अनुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

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