किसान आंदोलन के कारण नेशनल हाईवे बंद, गांव वाले वाहनों से कर रहे वसूली; सामने आया चौंकाने वाला मामला
पंजाब में किसानों को आंदोलन करते हुए पूरा एक साल हो गया है। इससे लोगों को परेशानी बढ़ गई है लेकिन अब इनके सामने एक नई मुसीबत आ गई है। गांव वालों ने इस रास्ते से गुजरने वाले लोगों से वसूली करना शुरू कर दिया है। इनका कहना है कि सड़कों की मरम्मत कराने के लिए रुपये लिए जा रहे हैं। पुलिस ने गांव के सरपंज को नामजद किया है।
जागरण संवाददाता, पटियाला। शंभू बार्डर पर एक साल से भी अधिक समय से किसानों के धरना देने के कारण नेशनल हाईवे अवरुद्ध हो गया है। इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
अब इन लोगों के आगे एक नई समस्या से जूझना पड़ रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों के रास्ते से गुजरने वाले वाहन चालकों से गांव के लोग टैक्स वसूल कर रहे हैं।
गांव वालों का कहना है कि यातायात का दबाव बढ़ने के कारण सड़कें टूट गई हैं। इनकी मरम्मत के लिए वाहनों से वसूली का प्रस्ताव पंचायत में पारित किया गया। पटियाला जिले में सनौर के गांव माड़ू का एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें गांव के पुल से निकलने वाले वाहन चालकों से गांववाले 100 से 200 रुपये प्रति वाहन की पर्ची काटते दिखाई दे रहे हैं।
जब वाहन चालक ने इसका विरोध किया और स्वयं को पटियाला जिले का निवासी बताया तो भी उसे बगैर पैसे जाने नहीं दिया गया। इस मामले में थाना जुलका पुलिस ने गांव के सरपंच सहित तीन ग्रामीणों को नामजद किया गया है।
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मामला सामने आने पर केस दर्ज, गांव के सरपंच नामजद
एसएसपी डॉ नानक सिंह ने कहा कि अवैध पर्ची काटने का मामला ध्यान में आने के बाद केस दर्ज किया गया है। इनमें गांव माड़ू के सरपंच बलजिंदर सिंह, हरमनप्रीत सिंह और हरविंदर सिंह को नामजद किया गया है जबकि तीन अज्ञात व्यक्तियों पर भी मामला दर्ज है। इस मामले में पंचायत व सरपंच की भूमिका की जांच की जा रही है।
क्या कहते हैं गांव के सरपंच
गांव के सरपंच बलजिंदर सिंह ने बताया कि लगभग एक वर्ष से किसान धरना दे रहे हैं। इस कारण ट्रैफिक इस ओर डायवर्ट हो गया और सड़कें टूट गई हैं। इससे आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। कई अन्य गांवों ने रास्ते भी बंद कर दिए हैं जिस कारण वाहन अब उनके गांव से गुजरने शुरू हो गए हैं।
उन्होंने बताया कि किसान नेता सरवण सिंह पंधेर से मुलाकात कर हाईवे खोलने की मांग की गई थी पर रास्ता नहीं खोला गया। इसके बाद गांववासियों की ओर से गांव से गुजरने वाले वाहनों पर पर्ची लगाने का सुझाव आया जिसके बाद पर्ची लगाने का निर्णय पंचायत में प्रस्ताव पारित किया गया।
यह किसी से जबरदस्ती नहीं है। टूटी सड़कों की मरम्मत के लिए ही यह पर्ची लगाई गई है।
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