शंभू-खनौरी बॉर्डर पर 5 हजार जवानों ने संभाला मोर्चा, हिरासत में 200 से ज्यादा किसान; डेढ़ घंटे में सड़कें साफ
पंजाब सरकार ने शंभू और खनौरी बॉर्डर पर 13 महीने से धरने पर बैठे किसानों को हटा दिया है। किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की मांग कर रहे थे। सरकार ने केंद्रीय मंत्रियों के साथ किसानों की बैठक के बाद यह कार्रवाई की। पुलिस ने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवन सिंह पंढेर को हिरासत में लिया और बुलडोजर से किसानों के मंचों को ढहा दिया।

जागरण टीम, पटियाला। सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग को लेकर हरियाणा से सटे पंजाब के शंभू व खनौरी बॉर्डर (Shambhu and Khanauri Border) पर पिछले 13 माह से धरने पर बैठे किसानों को पंजाब की भगवंत मान सरकार ने बड़े सुनियोजित ढंग से हटाकर दोनों मोर्चों पर बुलडोजर चला दिया है।
राज्य सरकार ने केंद्रीय मंत्रियों के साथ किसानों की बैठक के अवसर को 'मोर्चा हटाओ अभियान' के लिए चुना। बुधवार को दिन में केंद्रीय मंत्रियों के साथ संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) की चंडीगढ़ में सातवें दौर की बैठक बेनतीजा रहने के तुरंत बाद पुलिस ने पिछले चार महीनों से अनशन कर रहे जगजीत सिंह डल्लेवाल और किसान नेता सरवन सिंह पंढेर को हिरासत में लिया।
फोटो: प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेती पुलिस
बैठक के बाद चंडीगढ़ से शंभू व खनौरी लौट रहे किसानों को पुलिस ने रास्ते में ही पकड़ना शुरू कर दिया। धरने पर बैठे किसानों को पुलिस कार्रवाई की आशंका पहले ही हो गई थी। सुबह ही बड़ी संख्या में किसान ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में अपना सामान भरकर घरों को लौट गए। कुछ महिलाएं व किसान स्वेच्छा से मोर्चे से हट नहीं रहे थे, तो उन्हें हिरासत में ले लिया गया। उसके बाद दोनों मोर्चों पर पुलिस टीम बुलडोजर लेकर पहुंच गई।
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पांच हजार जवानों की हुई तैनाती
पंजाब सरकार ने खनौरी-शंभू बॉर्डर पर से प्रदर्शनकारी को हटाने के लिए 4 से 5 हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया। इस बीच 200 से 250 किसानों को पुलिस ने हिरासत में लिया गया। कार्रवाई के दौरान किसानों के मंचों को ढहा दिया गया। वहां लगाई गई ट्यूबलाइटों व पंखों को हटा दिया, खाने-पीने व सोने के लिए बनाए गए ढांचे गिरा दिए और टीन की चादरें उखाड़ डाली गईं। खनौरी बॉर्डर रात आठ बजे तक क्लियर कर दिया गया जबकि शंभू बॉर्डर पर ढांचे हटाने का काम देर रात तक चला।
फोटो: पुलिस ने बुधवार को पंजाब-हरियाणा शंभू सीमा पर विभिन्न मांगों को लेकर धरने पर बैठे किसानों को हटा दिया। (एएनआई फोटो)
गौरतलब है कि किसानों ने 13 फरवरी, 2024 को शंभू व खनौरी बार्डर पर एक साथ धरना शुरू किया था। किसानों के धरने के कारण हरियाणा पुलिस की ओर से बैरिकेडिंग करके इस रास्ते को बंद कर दिया गया है जिससे लोगों को भारी परेशानी हो रही थी तथा उद्योग-धंधे प्रभावित हो रहे थे। जिस तरह से कार्रवाई हुई है, उससे स्पष्ट कि यह रणनीति केंद्र व पंजाब सरकार के अधिकारियों ने मिलकर तय की है।
फोटो: देर रात तक किसान प्रदर्शन करते रहे (पीटीआई)
भारी संख्या में तैनात थी पुलिस फोर्स
पुलिस ट्रेनिंग सेंटर लड्डा कोठी व मोहाली-बनूड़ रोड़ पर सुबह से ही भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात थी। पुलिस ने दोनों मोर्चों के आसपास के क्षेत्र की इंटरनेट सेवाएं भी बंद करवा दी हैं। इससे पूर्व किसानों के साथ बैठक के बाद केंद्रीय कृषिमंत्री शिवराज चौहान ने मीडिया से कहा कि किसानों से सौहार्दपूर्ण माहौल में बात हुई है।
फोटो: बैठक के बाद मीडियाकर्मियों को संबोधित करते शिवराज सिंह चौहान (पीटीआई)
किसानों ने जो डाटा हमारे सामने रखा है, उसका देशभर में हर वर्ग पर कितना असर होगा, इस पर चर्चा करने के लिए हमने उनसे समय मांगा है। बैठक में तमिलनाड़ु व केरल के किसान प्रतिनिधि भी आए थे, जिन्होंने कहा कि एमएसपी की कानूनी गारंटी मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा। कहा कि जब तक संसद में यह कानून पारित नहीं होता, हमारी लड़ाई जारी रहेगी।
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