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    आंसू गैस के गोले, ठंडे पानी की बौछारें... Shambhu Border पर किसानों और पुलिस के बीच 'महासंग्राम' की पूरी कहानी

    Updated: Sat, 14 Dec 2024 02:31 PM (IST)

    Kisan Andolan on Shambhu Border शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसान आज फिर दिल्ली कूच करने के लिए आगे बढ़े। हरियाणा पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए पानी की बौछार और आंसू गैस के कई गोले दागे गए। जिससे कई किसान गंभीर रूप से घायल हो गए। घायल किसानों को अस्पताल पहुंचाने के लिए प्रशासन की एंबुलेंस भी कम पड़ गई। पढ़िए शंभू बॉर्डर पर आज क्या-क्या हुआ...

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    किसानों पर पुलिस ने दागे कई आंसू गैस के गोले

    प्रिंस तनेजा, पटियाला। शंभू बॉर्डर से शनिवार को दोपहर 12 बजे एक बार फिर पंजाब के 101 किसानों के जत्थे ने दिल्ली कूच करने का प्रयास किया। हरियाणा पुलिस ने रोका तो किसानों ने जबरन आगे बढ़ने की कोशिश की। इस पर हरियाणा पुलिस ने पानी की बौछार की। आंसू गैस के 20 से ज्यादा गोले भी दागे। 12 से ज्यादा किसान घायल हो गए हैं।

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    प्रशासन के पास कम पड़ गई एम्बुलेंस

    प्रशासन के पास एम्बुलेंस भी खत्म हो गई है। अब किसान अपनी गाड़ियों से घायलों को अस्पताल ले जा रहे हैं। तनाव बरकरार है। अंबाला के डीसी ने किसानों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह दिल्ली कूच के लिए अड़े हैं।

    करीब 40 मिनट तक तीखी बहसबाजी भी हुई। अंबाला के डीसी ने किसानों को समझाया कि मामला सुप्रीम कोर्ट में विचारधीन है। 18 दिसंबर को सुनवाई होगी। तब तक धैर्य रखें, पर किसान नहीं माने।

    पुलिस ने की ठंडे पानी की बौछार

    किसानों के आगे बढ़ने की कोशिश करने पर पुलिस लगातार पानी की बौछार कर रही थी। ठंड के बीच पानी से भीगे किसानों ने आरोप लगाया कि हरियाणा पुलिस छप्पड़ का पानी का किसानों पर डाल रही है। किसान फिर भी डटे हुए हैं और दिल्ली जाने की जद्दोजहद कर रहे हैं। हरियाणा पुलिस आंसू गैस के गोल दागने के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल कर रही थी।

    समर्थन देने पहुंचे बजरंग पुनिया

    किसानों का समर्थन देने के लिए हरियाणा के कांग्रेस नेता व पहलवान बजरंग पुनिया भी शंभू मोर्चे पर पहुंचे गए हैं। इससे पहले छह व आठ दिसंबर को भी किसानों ने दिल्ली जाने का प्रयास किया था, लेकिन हरियाणा पुलिस ने बार्डर पर रोक दिया था। आंसू गैस के गोले छोड़े जाने के बाद किसानों को लौटना पड़ा था।

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    खनौरी पर डल्लेवाल की हालत नाजुक

    उधर, खनौरी बॉर्डर 19 दिन से आमरण अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की हालत नाजुक होती जा रही है। शरीर पानी पचाने में भी असमर्थ हो गया है। एक घूंट पानी पीने पर भी उल्टी आने लगती है।

    ऐसे में किसी भी समय उन्हें हृदयघात भी हो सकता है। उन्होंने इलाज से भी साफ इन्कार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से भी केंद्र व पंजाब सरकार को चिकत्सा मदद देने का आदेश दिया गया है।

    गत शुक्रवार को उन्हें मंच के समीप ही बेड लगाकर किसानों के सामने लाया गया, क्योंकि डल्लेवाल ने कहा है कि वह किसानों के लिए अनशन कर रहे हैं और अंतिम सांस भी उनके बीच ही लेना चाहते हैं।

    हरियाणा के किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा है कि अगर केंद्र या राज्य सरकार ने डल्लेवाल का अनशन तुड़वाने और उन तक पहुंचने का जबरन प्रयास किया तो कड़ा विरोध किया जाएगा।

    इन किसान नेताओं ने की डल्लेवाल से मुलाकात

    शुक्रवार को संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेता राकेश टिकैत, हरिंदर सिंह लक्खोवाल समेत पांच किसान नेताओं ने भी डल्लेवाल से मुलाकात की थी और उनका हालचाल जाना था। टिकैत ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सबसे बड़ी मांग है एमएसपी गारंटी कानून की है, इसलिए पंजाब के खनौरी व शंभू बार्डर पर चल रहे आंदोलन को देशव्यापी बनाना होगा। यह आंदोलन दिल्ली आंदोलन से भी बड़ा होगा, लेकिन यह तब होगा, जब सभी राज्यों के किसान संगठन एकजुट होंगे।

    प्रदर्शन का गांधीवादी तरीका अपनाएं किसान- SC

    एक दिन पहले शुक्रवार को शंभू बॉर्डर खोले जाने के आदेश को चुनौती देने वाली हरियाणा की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि 'किसानों को हिंसक नहीं होना चाहिए और शांतिपूर्ण आंदोलन करना चाहिए।

    उन्हें विरोध प्रदर्शन का गांधीवादी तरीका अपनाना चाहिए, क्योंकि उनकी शिकायतों पर विचार किया जा रहा है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने किसानों को समझा कर समस्या का हल निकालने के लिए गत दो सितंबर को उच्च स्तरीय कमेटी गठित की थी।

    शुक्रवार को भी हरियाणा की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और पंजाब के एडवोकेट जनरल के सुझाव पर कोर्ट में मौजूद समिति के सदस्य सचिव ने पीठ को भरोसा दिलाया कि किसानों को समझाया जाएगा। इसके बाद कोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट देने का निर्देश देते हुए केस को 18 दिसंबर को सुनवाई पर लगाने का आदेश दिया।

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