Farmers Protest: शंभू बॉर्डर पर ड्रोन से दागे जा रहे आंसू गैस के गोले, कई किसान घायल; कम पड़ गईं एंबुलेंस
आज शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने फिर से दिल्ली कूच करने का एलान किया है। किसानों के इस एलान के बाद हरियाणा सरकार ने अंबाला में शंभू बॉर्डर के आसपास के गांवों में इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया है। हरियाणा सरकार का ये आदेश 17 दिसंबर तक लागू रहेगा। बता दें कि किसान फसलों के लिए एमएसपी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
प्रिंस तनेजा/जागरण टीम, राजपुरा/अंबाला। हरियाणा सरकार ने किसान संगठनों द्वारा दिल्ली कूच आह्वान के बाद गलत सूचना के प्रसार और संभावित कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए 14-17 दिसंबर तक अंबाला जिले में मोबाइल इंटरनेट, एसएमएस और डोंगल सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित करने का आदेश दिया है।
14 दिसंबर, सुबह 6:00 बजे से 17 दिसंबर, रात 11:59 बजे तक, ये प्रतिबंध डांगडेहरी, लोहगढ़ और सद्दोपुर सहित कुछ खास गांवों पर लागू होंगे। हरियाणा के अधिकारियों ने एक आधिकारिक आदेश में कहा कि कुछ किसान संगठनों द्वारा दिल्ली कूच के आह्वान के मद्देनजर, जिला अंबाला के क्षेत्र में तनाव, सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और सार्वजनिक शांति और सौहार्द बिगाड़ने की आशंका है।
किसानों का साथ देनें पहुंचे बजरंग पुनिया
हरियाणा-पंजाब शंभू बॉर्डर (Shambhu Border) पर प्रदर्शनकारी किसानों के साथ कांग्रेस नेता और पहलवान बजरंग पुनिया भी शामिल हुए। किसानों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आज राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की ओर कूच करने का ऐलान किया है। पुलिस ने उन्हें शंभू बॉर्डर पर ही रोक दिया है।
#WATCH | Congress leader and wrestler Bajrang Punia joins the protesting farmers at the Haryana-Punjab Shambhu Border
— ANI (@ANI) December 14, 2024
Farmers have announced to march towards the national capital-Delhi today over their various demands. The police have stopped them at the Shambhu border itself. pic.twitter.com/vMXmFdSns1
कम पड़ गई प्रशासन की एंबुलेंस
शंभू बॉर्डर पर कई और किसान हुए घायल है। जिन्हें राजपुरा के सिविल अस्पताल ले जाया गया। किसानों को अस्पताल ले जाने के लिए प्रशासन के पास एम्बुलेंस भी खत्म हो गई। अब किसान अपनी प्राइवेट गाड़ियों से घायलों को अस्पताल ले जाने को मजबूर है।
'अनुमति होने पर पुलिस खुद छोड़कर आएगी'
अंबाला के एसपी ने कहा कि किसान अनुमति लेकर आगे बढ़ें। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का हवाला दिया। एसपी ने कहा कि अनुमति होने पर पुलिस खुद छोड़कर आएगी। उन्होंने किसानों से कानून का पालन करने की बात कही।
गंभीर रूप से घायल हुए 9 किसान
शंभू बॉर्डर पर पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़ आगे बढ़ने का प्रयास करते हुए 9 किसान गंभीर रूप से घायल हो गए है। पुलिस 200 मीटर तक पानी की बौछार कर रही प्रयोग है। आंसू गैस के गोले और अन्य प्रकार के गोलों का प्रयोग किया जा रहा है।
किसानों पर दागे गए आंसू गैस के गोले
हरियाणा प्रशासन द्वारा किसानों पर लगातार वाटर कैनन से पानी की बौछारें व आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं। फिर भी किसान दिल्ली कूच को लेकर अड़े हुए हैं। ड्रोन द्वारा भी हरियाणा प्रशासन द्वारा गोले छोड़े गए जिससे एक किसान अभी अभी बुरी तरह ज़ख्मी हुआ है।
#WATCH | Police use tear gas and water cannon to disperse protesting farmers at the Haryana-Punjab Shambhu Border.
— ANI (@ANI) December 14, 2024
The farmers have announced to march towards the National Capital-Delhi over their various demands. pic.twitter.com/lAX5yKFarF
एएनआई से बाचतीत में पंढेर ने कही ये बात
इस बीच, किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंढेर ने घोषणा की कि 101 किसानों का एक जत्था शनिवार को दोपहर में हरियाणा के शंभू सीमा बिंदु से दिल्ली कूच करने के लिए एक बार फिर प्रयास करेगा।
किसान नेता ने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन आज केंद्र के साथ बातचीत की प्रतीक्षा में अपने 307वें दिन में पहुंच गया है और उन्होंने देश के लोगों से आंदोलन के लिए देशव्यापी समर्थन पर जोर दिया।
एएनआई से बात करते हुए सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि किसानों का विरोध अब अपने 307वें दिन में प्रवेश कर चुका है। आज दोपहर तक 101 किसानों का हमारा तीसरा जत्था दिल्ली के लिए रवाना होगा। पूरा देश हमारे साथ
जुड़ा हुआ है और विरोध का समर्थन कर रहा है, लेकिन हमारे प्रधानमंत्री इस बारे में चुप हैं और इस विषय से दूरी बनाए हुए हैं।
पंढेर ने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री भी विरोध के बारे में नहीं बोल रहे हैं और जिस तरह से भाजपा सांसद 'बयानबाजी' कर रहे हैं, उससे समुदायों में विभाजन पैदा होने वाला है।
सरकारी एजेंसियां यह सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश कर रही हैं कि 'मोर्चा' जीत न पाए। वे यह साबित करने की कोशिश कर रहे हैं कि अगर पंजाब और हरियाणा के सभी लोग एक साथ आ भी जाएं, तो भी मोर्चा जीत नहीं सकता।
मांगों को पूरा करने के लिए दवाब बना रहे हैं किसान
किसानों के आंदोलन में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से व्यापक भागीदारी देखी गई है। दिल्ली की सीमाओं के पास विरोध स्थल प्रतिरोध के केंद्र बन गए हैं, जहां हजारों किसान खराब मौसम की स्थिति के बावजूद अस्थायी व्यवस्था में डेरा डाले हुए हैं।
जैसे-जैसे विरोध प्रदर्शन जोर पकड़ता जा रहा है, किसान अपनी मांगों को पूरा करने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के लिए तीव्र प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं। गौरतलब है कि किसान 12 मांगों का एक चार्टर मांग रहे हैं, जिसमें राज्य और केंद्र सरकार द्वारा फसलों के लिए एमएसपी को पूरा करना भी शामिल है।
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