कर्नल बाठ मारपीट मामले में इंस्पेक्टर रानी सहित चार लोगों पर चलेगा केस, CBI ने मोहाली कोर्ट दाखिल की चार्जशीट
पटियाला में कर्नल पर हमले के मामले में सीबीआई ने मोहाली कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है। पंजाब पुलिस के चार अधिकारियों पर सेवानिवृत्त कर्नल और उनके बेट ...और पढ़ें

कर्नल बाठ मामले में चार्जशीट दाखिल (जागरण फोटो)
वेद शर्मा, मोहाली। पटियाला में कर्नल पर हमले के मामले में सीबीआई ने मोहाली कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है। पंजाब पुलिस के चार अधिकारियों पर पटियाला में एक सेवानिवृत्त कर्नल और उनके बेटे पर हुए हमले के मामले में अभियोजन पक्ष ने गंभीर चोट पहुंचाने और अवैध रोकथाम के आरोप लगाए गए हैं।
चार्जशीट में इंस्पेक्टर रानी सिंह को मुख्य आरोपित बनाया गया है, लेकिन हत्या की कोशिश (धारा 109 BNS) का जिक्र नहीं है। यह मामला मार्च में हुए कथित हमले से जुड़ा है, जिसमें पुलिसकर्मियों पर लाठी-डंडों से हमला करने का आरोप है।
पटियाला पुलिस ने पहले इंस्पेक्टर हैरी बोपाराई, रानी सिंह और हरजिंदर ढिल्लों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 109 (हत्या की कोशिश), 310, 155(2) (चोट पहुंचाने से जुड़ी), 117(2) (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 126(2) (अवैध रोकथाम) और 351(2) (आपराधिक धमकी) के तहत एफआईआर दर्ज की थी। बाद में एक और इंस्पेक्टर पर धारा 299 और 191 BNS के तहत नामजद किया गया।
यह था पूरा मामला
घटना 13-14 मार्च 2024 की रात पटियाला के राजिंद्रा अस्पताल के पास एक रोडसाइड ढाबे पर हुई। सेवानिवृत्त कर्नल बाठ और उनका बेटा अपनी कार के पास खड़े होकर खाना खा रहे थे।
इस दौरान सादे कपड़ों में कुछ पुलिसकर्मी आए और कर्नल से अपनी कार हटाने को कहा ताकि वह अपनी गाड़ी पार्क कर सकें। बहस होने पर कथित तौर पर दर्जनभर पुलिसकर्मियों ने लाठी-डंडों से हमला कर दिया। कर्नल और उनका बेटा गंभीर रूप से घायल हो गए। परिवार का आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने जानबूझकर हिंसा की और अपमान किया।
कर्नल ने घटना की शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया। लेकिन जांच में देरी और पक्षपात के आरोप लगे, जिससे मामला हाईकोर्ट पहुंचा। अब चार्जशीट दाखिल हो चुकी है, लेकिन हत्या की कोशिश की धारा हटा दी गई है।
पुलिस ने कर्नल पर पहले हमला करने के लगाए थे आरोप
पुलिस का कहना है कि कर्नल ने पहले हमला किया और पुलिसकर्मियों को चोट पहुंचाई। लेकिन चार्जशीट में मुख्य आरोप पुलिस अधिकारियों पर हैं। मुख्य आरोपित इंस्पेक्टर रानी सिंह को मामले का सरगना बताया गया है।
अभियोजन पक्ष ने कहा कि सबूतों के आधार पर गंभीर चोट और अवैध रोकथाम के आरोप साबित हो सकते हैं। बचाव पक्ष ने हत्या की कोशिश की धारा हटने को बड़ी राहत बताया। मामले की अगली सुनवाई जनवरी में होने की उम्मीद है। यह मामला पंजाब में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठा रहा है।

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