पटियाला में आर्मी के अधिकारी और उसके बेटे के साथ दबंगई, 12 पुलिसकर्मी सस्पेंड; तोड़ा हाथ और फोड़ा सिर
पंजाब पुलिस ने पटियाला में एक वरिष्ठ सेना अधिकारी और उसके बेटे पर हमला करने के मामले में 12 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। यह घटना 12 मार्च की आधी रात को हुई थी। पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। अब विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं। जांच 45 दिन में पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं।
जागरण संवाददाता, पटियाला। पटियाला संगरूर रोड पर राजिंदरा अस्पताल के बाहर कर्नल और उसके बेटे के साथ मारपीट मामले में चार इंस्पेक्टरों सहित 12 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है।
इस मामले को लेकर एसएसपी पटियाला डॉ. नानक सिंह ने कहा कि इंस्पेक्टर रौनी सिंह, इंस्पेक्टर हरजिंदर सिंह ढिल्लों, इंस्पेक्टर हैरी बोपाराय, इंस्पेक्टर शमिंदर सिंह, एएसआई और हेड कांस्टेबल रैंक वाले कुल 12 मुलाजिमों को सस्पेंड कर दिया गया है।
बीती 13 मार्च की आधी रात को हुई इस घटना के बाद सिविल लाइन थाना में अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। इसी केस में अगली कार्रवाई करते हुए इन 12 मुलाजिमों को सस्पेंड कर दिया गया है। यही नहीं इन मुलाजिमों की विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है।
एसएसपी ने कहा कि आमतौर पर विभागीय जांच छह महीने चलती है, लेकिन इस मामले में समय तय करते हुए 45 दिन के अंदर ही विभागीय जांच पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं।
यह है पूरा मामला
कर्नल पुश्पिंदर बाठ और उनके बेटे अंगद के साथ मारपीट को लेकर कर्नल बाठ की पत्नी जसविंदर कौर उर्फ नीतू बाठ ने कहा कि पुलिस अधिकारियों ने गुंडागर्दी करते हुए उनके पति व बेटे के साथ मारपीट की है। इसके बाद जख्मी हालत में पिता-पुत्र को आर्मी अस्पताल में दाखिल करवाया गया।
जख्मी कर्नल के साढ़ू गुरतेज सिंह ढिल्लों ने आरोप लगाते हुए बताया कि उनके साढ़ू की एक बाजू टूट गई है जबकि भतीजा भी जख्मी हो गया था। गुरतेज सिंह ढिल्लों के अनुसार दोनों पिता-पुत्र दिल्ली से पटियाला आए थे लेकिन रात अधिक होने की वजह से अस्पताल के बाहर ढाबे पर खाने के लिए रुक गए थे।
यहां पर इंस्पेक्टर रैंक के एक अधिकारी ने गाड़ी साइड में करने के लिए कहा और गाड़ी को न हटाने पर मारपीट की।
एसएसपी ने की कार्रवाई, पीड़ित परिवार ने लगाए गंभीर आरोप
मारपीट करने वाले तीन इंस्पेक्टर खुद को हाल ही में एक एनकाउंटर करके वापस लौटने वाले बता रहे थे। यह सभी सिविल वर्दी में थे। बताया जा रहा है कि इस घटना को लेकर पीड़ित परिवार ने पटियाला के एसएसपी से मुलाकात की, इसके बाद पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
गुरतेज सिंह ढिल्लों ने कहा कि घटना के बाद वह पुलिस थाने में कई चक्कर काटने के बाद एफआईआर की कॉपी हासिल नहीं कर पाए हैं। एसएसपी डॉ. नानक सिंह ने कार्रवाई का आश्वासन दिया, लेकिन सिविल लाइन थाना व मॉडल टाउन चौकी में टालमटोल कर समझौते के लिए दबाव बनाया।
जिसके बाद उनके पति के कहने पर आर्मी के सीनियर अधिकारियों को सूचना दी, जिनके हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की, लेकिन यह एफआईआर उनके पति के बयानों पर दर्ज नहीं हुई थी, बल्कि मारपीट की घटना की अलग से एफआईआर दर्ज की है।
अब उनकी तरफ से आर्मी के सीनियर अधिकारी केस को हैंडल कर रहे हैं और वह इन पुलिस मुलाजिमों की डिसमिस करने की मांग कर रहे हैं।
ढाबे वाले की वीडियो वायरल हुई
घटनास्थल वाले ढाबे के मालिक करण की एक वीडियो भी वायरल हुई है, जिसमें करण बता रहा है कि खुद को कर्नल कहने वाले ने गाड़ी गलत तरीके से पार्क की हुई थी।
कार मालिक ने मैगी मंगवाने के बाद गाड़ी पर शराब रखकर पीनी शुरू कर दी और ढाबे के वर्कर के कहने पर कार मालिक ने कहा कि वह भी अफसर है और खुद ही निपट लेगा। जिसके बाद पुलिस की गाड़ियां आईं, जिसमें सभी सिविल वर्दी में थे।
इन मुलाजिमों ने कार साइड करने के लिए कहा तो कार सवार युवक ने मुक्का मारा था, जिसके बाद दोनों गुटों में झड़प हुई थी।
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