Move to Jagran APP

पठानकोट आतंकी हमला : दिन बीते, साल बदला, जख्म आज भी हरे

पठानकोट एयरबेस आतंकी हमले को एक साल हो गया है। हमले के मामले में एनआइए ने कोर्ट में चार्जशीट पेश कर चुकी है। हमले में सात जवान शहीद हुए थे।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 02 Jan 2017 09:55 AM (IST)Updated: Mon, 02 Jan 2017 02:50 PM (IST)
पठानकोट आतंकी हमला : दिन बीते, साल बदला, जख्म आज भी हरे

पठानकोट [श्याम लाल]। 2016 के पहले दिन का जश्न मनाकर सो रहे पठानकोट को आतंकियों ने ऐसा जख्म दिया, जिसे एक साल बाद भी भरा नहीं जा सका। रविवार को उस हादसे के 365 दिन गुजर गए। 2016 के क्रम में एक अंक और जुड़ गया, पर सबक व जांच के मामले में आज भी वहीं खड़े हैं, जहां एक साल पहले थे। सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कई सुधार हुए। नए अफसरों की नियुक्तियां की गई, सीसीटीवी लगाए गए, लेकिन ग्राउंड लेवल तक उनको इंप्लीमेंट नहीं किया जा सका।

loksabha election banner

हमले के लिए सीधे-सीधे जिम्मेदार पाकिस्तान को घेरने के लिए भी भारत ने अनेक दांव चले पर हमले को लेकर भारत को अपेक्षा के अनुरूप कोई सहयोग नहीं मिल सका। यही कारण है कि हमले की जांच कर रही नेशनल इंवेस्टीगेशन टीम (एनआइए) ने 11 महीने बाद चार्जशीट पेश की। उस चार्जशीट में एनआइए ने अदालत में पुख्ता सबूत सौंपे हैं। यह सबूत इस बात के गवाह हैं कि हमले की साजिश पाकिस्तान में बैठ कर रची गई थी और पूरे हमले को आतंक के आकाओं ने वहीं से निर्देश दिए थे। भारत दुनिया में एक महाशक्ति के तौर पर उभर चुका है लेकिन पाकिस्तान को वह एयरबेस आतंकी हमले के मामले में फिलहाल चित नहीं कर सका है। यही कारण है कि हमले के एक साल बाद भी हमले के वह जख्म आज भी भरे नहीं हैं।

इस साल देश में कहां-कहां हुए बड़े आतंकी हमले, देखें तस्वीरें

अभी भी है सुरक्षा में छेद

हमले के एक साल बाद भी यह दावा कर सकने की स्थिति में नहीं है कि भविष्य में पाकिस्तान प्रशिक्षित आतंकवादी कभी भी घुसपैठ नहीं करेंगे। सुरक्षा एजेंसियों की मानें तो पाकिस्तान के साथ सटे पठानकोट जिले में घुसपैठ के लिए अनेक छेद अभी भी कायम हैं। पाकिस्तान की सीमा पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ ) अगर सौ फीसद सतर्कता भी बरतना शुरू कर दे तो आतंकी जम्मू-कश्मीर के जरिए भी पठानकोट में घुसने की क्षमता रखे हुए हैं। जम्मू-कश्मीर के जंगलों में आतंकी आज भी हैं।

उन्हें पकड़ने के लिए खुफिया विभाग विभिन्न प्रकार के अभियान छेड़े रहता है। बावजूद इसके जम्मू-कश्मीर को आतंक मुक्त करना अभी तक टेढ़ी खीर है। ऐसे में यह डर सदा बना रहता है कि पड़ोसी राज्य से आतंकी कहीं पठानकोट के नरोटजैमल ङ्क्षसह क्षेत्र में घुस कर एक बार फिर से कथलौर पत्तन पुल से होते हुए किसी कैंप अथवा पुलिस स्टेशन पर हमला करने का कुत्सित प्रयास कर सकते हैं।

इसके साथ ही डर यह भी बना रहता है कि आतंकी जेएंडके के बसौहली और पंजाब के दरबान के बीच बने अटल सेतु को क्रास करके मामून कैंट आदि के आर्मी क्षेत्र में किसी तरह का अटैक करने का प्रयास नहीं करें। बहरहाल इस बात की चेतावनी भी बार-बार जारी होती रहती है कि बार्डर पर बीएसएफ की जरा सी लापरवाही भी पठानकोट स्थित सेना के कैंप अथवा एयरफोर्स जैसे संवेदनशील स्थलों के लिए घातक हो सकती है।

पढ़ें : वायुसेना प्रमुख अरूप राहा बोले, पठानकोट आतंकी हमला थी पहली नाकामी

एयरबेस की सुरक्षा में कई बदलाव

एयरफोर्स पूरी तरह चौकस है। उसने एयरफोर्स स्टेशन के आसपास उन सभी झाडिय़ों को निरंतर काटना जारी रखा हुआ है। बार्डर पर भी बीएसएफ के बाद दूसरी एवं तीसरी डिफेंस लाइन बनाई गई है। पंजाब पुलिस ने बार्डर पर एसपी रैंक के अफसर को स्थायी तौर पर तैनात कर दिया है। महीने में कम से कम एक बैठक खुफिया एजेंसियों, सेना ,एयरफोर्स, पंजाब पुलिस व बीएसएफ अधिकारियों के बीच होती है। इसके अतिरिक्त जब जरूरत हो ऐसी बैठक बुला ली जाती है। अब किसी भी तरह के तालमेल कमी नहीं है। पंजाब पुलिस ने भी बार्डर सहित पूरे जिले में सीसीटीवी कैमरे लगा दिए हैं।

यही नहीं एयरफोर्स की चौतरफा दीवार के साथ लगे बड़े-बड़े वृक्षों तथा झाडिय़ों को काट दिया गया है। दीवार पर जगह-जगह से टूटी तार को बदल कर नई तार लगा दी गई हैं। दीवार पर चारों तरफ बड़ी-बड़ी लाइटें लगाई गई हैं। जगह-जगह पर डिफेंस सिक्योरिटी काप्र्स की पोस्टें बनाकर वहां कर्मचारियों की तैनाती कर दी गई हैं। हर रात्रि एयरफोर्स की ओर से हैलीकाप्टर से आसपास के क्षेत्र में निगरानी रखी जा रही है। एयरफोर्स के भीतर बने ठेकेदारों के गोदाम बाहर निकाल दिए गए हैं तथा किसी को भी मोबाइल एवं माचिस तक को ले जाने पर रोक हैं।

पढ़ें : NIA ने दाखिल की चार्जशीट, मसूद अजहर का नाम शामिल

आसपास के गांवों में नए निर्माण पर लगी रोक

एयरबेस स्टेशन के साथ लगते गांवों तथा मोहल्ले के लोगों को नए निर्माण पर रोक लगा दी गई है। निर्देश दिएगए हैं कि वह दीवार के साथ-साथ अपने खेतों में गन्ना इत्यादि जैसी फसलें न उगाएं। साथ ही यदि कोई पशु अथवा जानवर की मौत हो जाती है तो उसे किसी दूर स्थान पर ले जाकर दफनाया जाए तथा खुले में न फेंका जाए। एयरफोर्स कर्मियों की ओर से समय-समय पर लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि वह कोई भी संदिग्ध देखे तो इसकी सूचना तत्काल पुलिस तथा एयरफोर्स के कंट्रोल रूम के दें।

टाइम लाइन : आतंक के दहशत के पल
3.20 बजे तड़के 2 जनवरी 2016 को आतंकियों ने एयरबेस पर फायरिंग शुरू की और सुरक्षा बलों ने भी जवाबी कार्यवाई आरंभ की।
4. 40 बजे एक आतंकी को सुरक्षा बलों ने मार गिराया। 5 बजे दो जवान शहीद हुए। इसके बाद एनएसजी ने मोर्चा संभाल लिया।
5.25 पर दूसरा आतंकी ढेर। 9. 20 पर आतंकियों और सेना सेना के बीच फायरिंग थमी।
11:30 बजे (एनआइए) की टीम पठानकोट एयरबेस पहुंची।
11:45 बजे एयरफोर्स बेस के भीतर फिर से फायङ्क्षरग शुरू।
12:40 बजे सेना ने ड्रोन व हेलीकाप्टर के जरिये सर्च अभियान शुरू किया। इसके बाद लगातार फायङ्क्षरग चलती रही। इसके बाद सेना तथा आतंकियों में तीन दिन तक लगातार फायरिंग होती रही।

सात जवान हुए थे शहीद

एयरबेस स्टेशन पर हुए आतंकी हमले में सात जवान शहीद हुए। देश के लिए प्राणों की आहुति देने वालों में लेफ्टिनेंट कर्नल निरंजन पी कुमार (केरल) , सूबेदार फतेह सिंह (गुरदासपुर), हवलदार कुलवंत सिंह (गुरदासपुर), कांस्टेबल जगदीश सिंह (हिमाचल प्रदेश), कांस्टेबल संजीवन कुमार (सिहुआं), कांस्टेबल गुरसेवक सिंह (हरियाणा) तथा मूलराज (जम्मू-कश्मीर) शामिल है।

सबसे लंबी मुठभेड़

पठानकोट में आतंकियों से निपटने के लिये दो जनवरी की सुबह करीब तीन बजे से शुरू हुआ सैन्य अभियान भारतीय सेना द्वारा सबसे लंबी अवधि तक चलाया जाने वाला अभियान बना था। लगभग 72 घंटे तक चले इस अभियान में सात सैनिकों ने शहादत का जाम पीया था तथा भारतीय जवानों ने 6 आतंकियों को मौत के घाट उतारा था। जबकि सांसद हमला 45 मिनट, अक्षरधाम मंदिर हमला 14 घंटे, मुंबई आतंकी हमला 60 घंटे, गुरदासपुर हमला 12 घंटे चला था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.