अब दवा के लिए नहीं भटकेंगे आम लोग, रेल यात्रियों को स्टेशन पर ही मिलेगी सुविधा, रेलवे करेगा स्टेशनों का पहचान
आम लोगों को दवा के लिए कहीं भटकना न पड़े इसके लिए सरकार स्टेशनों पर जनऔषधि केंद्र खोलने जा रही है। पहले चरण में देश के पचास स्टेशनों का चयन किया है दूसरे चरण में अन्य सभी बड़े स्टेशनों पर भी इस सुविधा को शुरू कर दिया जाएगा। स्टेशन परिसर में ही आउटलेट खोले जाएंगे ताकि यात्रियों भी सुविधाजनक तरीके से सस्ती दवाएं मिल सके।

जितेंद्र शर्मा, पठानकोट : आमजन तक सस्ती और सुलभ दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए अब स्टेशनों पर जनऔषधि केंद्र खोले जाएंगे। पहले चरण में देश के पचास स्टेशनों का चयन किया है, दूसरे चरण में अन्य सभी बड़े स्टेशनों पर भी इस सुविधा को शुरू कर दिया जाएगा।
रियायती दरों पर मिलेंगी दवाएं
दूसरे चरण में डिवीजन के सभी बड़े स्टेशनों पर रेल यात्रियों को सहज व रियायती दर पर दवाएं उपलब्ध कराने के लिए जन औषधि केंद्र खोलने का फैसला किया है। बाद में इसकी संख्या बढ़ाई जाएगी। स्टेशन परिसर में ही आउटलेट खोले जाएंगे, ताकि यात्रियों के साथ-साथ स्टेशन तक आने-जाने वाले लोगों को भी सुविधाजनक तरीके से सस्ती दवाएं मिल सके।
अभी रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में उपचार की सुविधा काफी जटिल
मौजूदा समय में रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में उपचार की सुविधा काफी जटिल है। अचानक तबीयत खराब होने पर पहले टीटीई को जानकारी देनी पड़ती है और फिर कंट्रोल से संदेश मिलने के बाद डाक्टर ट्रेन में पहुंचता है। कई बार यह लेटलतीफी मरीजों और तीमारदारों पर भारी पड़ती है। माना जा रहा है कि स्टेशन पर जनऔषधि केंद्र खुलने से आमजन सहित रेलयात्रियों को काफी सुविधा मिलेगी।
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इसी को ध्यान में रखते हुए रेलवे बोर्ड की ओर से इसके लिए कवायद की जा रही है। इसके तहत जनऔषधि केंद्र का स्वरूप राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान (एनआईडी) द्वारा तैयार किया जाएगा। साथ ही जन औषधि केंद्रों के आवंटन में पारदर्शिता के लिए प्रक्रिया आनलाइन यानी ई-टेंडर के जरिए होगी।
संचालक को जन औषधि केंद्र को संचालित करने से पहले रसायन और उर्वरक मंत्रालय के फार्मास्यूटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइस ब्यूरो (पीएमबीआई) से इजाजत लेनी होगी। योजना के तहत व्यक्तिगत उद्यमियों को जन औषधि केंद्र के आवंटन में प्राथमिकता दी जाएगी।
जगह-जगह जनऔषधि केंद्र खोले गए
केंद्र सरकार की ओर से पहले भी जगह-जगह जनऔषधि केंद्र खोले गए हैं, जहां जेनेरिक और गुणवत्तापरक दवाइयां सस्ते दामों पर उपलब्ध है। इसी तर्ज पर अब रेलवे स्टेशनों पर भी जनऔषधि केंद्र (पीएमबीजेके) खोलने की योजना बनाई है, ताकि अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिल सके।
यात्रियों की सुविधा के लिए खोले जा रहे केंद्र
भारतीय रेलवे अपने स्टेशनों पर सुविधाओं को लगातार बढ़ा रहा है। यात्रियों की सुविधा के लिए प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोले जा रहे हैं। मार्च 2024 तक देशभर में जन औषधि केंद्रों की संख्या की बढ़ाकर 10 हजार करने का लक्ष्य रखा है। जन औषधि केंद्र के जरिए सस्ती दर पर गुणवत्ता वाली दवाएं स्टेशनों पर उपलब्ध कराने की इस पहल से यात्रियों व स्टेशनों पर आने-जाने वाले लोगों को आसानी होगी। यह रोजगार बढ़ाने का भी एक अच्छा साधन है।
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रेलवे मंडल करेगा स्टेशनों का पहचान
योजना के तहत रेल मंत्रालय की ओर से विभिन्न स्टेशनों के आसपास व भीड़ वाले क्षेत्रों में आउटलेट खोलने का लाइसेंस दिया जाना है। स्टेशनों की पहचान की जिम्मेवारी रेलवे मंडलों की होगी। स्टाल ई-नीलामी की ओर से दिए जाएंगे। सफल बोलीदाताओं को दवा की दुकान चलाने के लिए आवश्यक अनुमति और लाइसेंस प्राप्त करना होगा।
दवाओं के भंडारण के लिए भी मानकों को पूरा करना होगा
दवाओं के भंडारण के लिए भी मानकों को पूरा करना होगा। मालूम हो कि स्टेशन परिसर में ही आउटलेट खोले जाएंगे, ताकि यात्रियों के साथ-साथ स्टेशन तक आने-जाने वाले लोगों को भी सुविधाजनक तरीके से सस्ती दवाएं मिल सके। आउटलेट शुरू करने से पहले नोडल एजेंसी फार्मास्यूटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइसेज ब्यूरो आफ इंडिया (पीएमबीआई) और जन औषधि योजना के लिए इसके अधिकृत वितरकों के साथ समझौता करना होगा।
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