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    2500 घरों में हैं पालतू कुत्ते, रजिस्ट्रेश मात्र 13 ने करवाई

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 13 Jun 2022 05:16 AM (IST)

    हेल्थ ब्रांच का कहना है कि रजिस्ट्रेशन न करवाने वालों पर वह सीधे कार्रवाई नहीं कर सकते। लिहाजा इसके लिए वह हाउस की मीटिग में रजिस्ट्रेशन न करवाने वालों पर कार्रवाई का अधिकार मांगेंगे जिसके बाद वह स्पेशल ड्राइव चलाकर पालतू कुत्तों की रजिस्ट्रेशन न करवाने वालों पर कार्रवाई करेंगे।

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    2500 घरों में हैं पालतू कुत्ते, रजिस्ट्रेश मात्र 13 ने करवाई

    जागरण संवाददाता, पठानकोट: सिटी एरिया में 2500 से अधिक परिवारों ने घरों में पालतु कुत्ते पाल रखे हैं, लेकिन उनकी रजिस्ट्रेशन मात्र 13 लोगों ने ही करवाई है। हालांकि, निगम ने कई बार शहरवासियों से पालतु कुत्तों की रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए निवेदन भी किया, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ। लोगों द्वारा रजिस्ट्रेशन के काम में उत्साह न दिखाने की मुख्य वजह कड़ी कार्रवाई न होना बताया जा रहा है। हेल्थ ब्रांच का कहना है कि रजिस्ट्रेशन न करवाने वालों पर वह सीधे कार्रवाई नहीं कर सकते। लिहाजा, इसके लिए वह हाउस की मीटिग में रजिस्ट्रेशन न करवाने वालों पर कार्रवाई का अधिकार मांगेंगे, जिसके बाद वह स्पेशल ड्राइव चलाकर पालतू कुत्तों की रजिस्ट्रेशन न करवाने वालों पर कार्रवाई करेंगे।

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    पशु पालन विभाग की ओर से पिछले वर्ष अगस्त महीने में करवाई गए सर्वे के अनुसार जिला पठानकोट में 7800 से ज्यादा बेसहारा कुत्ते हैं। सिटी पठानकोट में ही 6140 से अधिक कुत्तों के बारे में बताया गया था। निगम द्वारा एक वर्ष अभी तक केवल 3750 कुत्तों की ही नलबंदी करवाई गई है। लिहाजा पूरे कुत्तों की नलबंदी करने में अभी कम से कम एक साल का और समय लगेगा, जबकि सिटी व ग्रामीण एरिया में आए दिन बेसहारा कुत्तों के काटे जाने के समाचार आ रहे हैं। वहीं निगम दावा कर रहा है कि नलबंदी का काम पूरा होने के बाद बेसहारा कुत्तों की संख्या में वृद्धि पर आगामी कई वर्षों तक रोक लग जाएगी।

    पार्षदों से भी रजिस्ट्रेशन के काम में मांगी थी सहायता, नहीं मिला रिस्पांस

    शहर में आवारा कुत्तों की भांति पालतू कुत्तों की बढ़ती संख्या को देखते हुए निगम की हेल्थ ब्रांच ने दो साल पहले पालतू कुत्तों की रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य किए जाने को लेकर अभियान चलाया था। वहीं पार्षदों के जरिए भी अपील की थी, लेकिन रिस्पांस नहीं मिला। हालात यह हैं कि शहर में पालतू कुत्तों की संख्या संबंधी निगम की हेल्थ ब्रांच के पास कोई डाटा या आंकड़ा नहीं है। ब्रांच का कहना है कि जब तक लोग अपने कुत्तों की रजिस्ट्रेशन नहीं करवाते तब तक असल आंकड़ा मिल पाना मुश्किल है।

    रजिस्ट्रेशन की फीस मात्र 500 रुपये

    निगम की हेल्थ ब्रांच का कहना है कि पालतू कुत्ते की रजिस्ट्रेशन करवाने पर 500 रुपये वार्षिक फीस निर्धारित की गई है। प्रत्येक वर्ष एक अप्रैल से आगामी 31 मार्च तक यह अवधि रहेगी। इसके बाद धारक को अगले साल के लिए अपनी फीस दोबारा भरनी होगी। रजिस्ट्रेशन न करवाने वालों पर कार्रवाई के लिए मांगेंगे अधिकार : डा. एनके सिंह

    नगर निगम के मेडिकल आफिसर डा. एनके सिंह ने बताया कि रजिस्ट्रेशन न करवाने वालों पर सख्त कार्रवाई के लिए हाउस में प्रस्ताव डलवाएंगे ताकि पालतू कुत्ते रखने वालों पर सख्ती की जा सके। निगम के अधीन आते इलाकों में करीब 2500 घरों में कुत्ते हैं। दो साल पहले ब्रांच द्वारा समूह पार्षदों को भी पत्र लिखकर लोगों को अपने कुत्तों की रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए लिखा गया था, लेकिन न तो लोगों ने कोई रिस्पांस दिया और न ही पार्षदों ने कोई सहायता की।