कंगारुओं की पिटाई कर हर के मन पर छा गई साडी हरमनप्रीत
महिला विश्वकप के सेमीफाइनल में शानदार बल्लेबाजी से आस्ट्रेलिया की क्रिकेट टीम की बखिया उधेड़ने वाली मोगा की हरमनप्रीत काैर आज हरेक क्रिकेटप्रेमी के दिल पर छा गई है।
मोगा, [रोहित शर्मा]। जिले के गांव दुन्नेके की हरमनप्रीत कौर आज हर मन पर छा गई है। महिला क्रिकेट वर्ल्डकप के सेमीफाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 115 गेंदों पर 171 रन की नाबाद पारी खेल कर वर्ल्ड क्रिकेट में धमाल मचाने वाली हरमनप्रीत का नाम हरेक क्रिकेटप्रेमी की जुबान पर है। कभी उसके जन्म पर उदास होने वाले परिजन आज निहाल हैं।
मोगा की हरमनप्रीत ने कड़े संघर्ष से पाया मुकाम
जब वह पैदा हुई थी, तो रिश्तेदार बहुत मायूस हुए थे। कुछ ने यहां तक कह दिया कि भगवान ने बगेअे की जगह बेटी क्यों दे दी। बेटा होता तो बेहतर रहता, लेकिन हरमन के पिता हरमंदर सिंह भुल्लर को पूरा विश्वास था कि उनकी बेटी एक दिन गांव के बेटों को भी पीछे छोड़ देगी, और हुआ भी यही।
पांच साल की उम्र में थाम लिया था बल्ला, लड़कों संग खेल बनी चैंपियन
आज 28 वर्षीय हरमनप्रीत विश्व क्रिकेट के आसमान का चमकता सितारा बन गई है। हर कोई उनकी सफलता के गीत गा रहा है। घर में जश्न का माहौल है। मोगा क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव कमल अरोड़ा ने तो इस सफलता को भ्रूण हत्या करने वालों के मुंह पर करारा तमाचा करार दिया।
हरमन हरियाणा की ओलिंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक की तरह रोल मॉडल बन गई हैं, लेकिन यह सफलता उन्हें आसानी से हासिल नहीं हुई। इसके पीछे हरमन की कड़ी मेहनत छिपी है। पांच साल की उम्र में बल्ला थामने वाली हरमन को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका नहीं मिल पाता था, क्योंकि देश के अन्य हिस्सों की तरह यहां भी महिला क्रिकेट ज्यादा प्रचलित नहीं था।
फुर्सत के क्षणों में हरमनप्रीत कौर।
इसके बावजूद हरमन ने क्रिकटर बनने की ठान ली थी। उन्होंने प्रैक्टिस जारी रखी और लड़कों संग क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया। पिता ने भी उसके शौक को खत्म नहीं दिया और पूरा साथ दिया। उनको हर मुमकिन सुविधा देने की कोशिश की।
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ऐसे आया जिंदगी में मोड़ बेहतरीन खेल ने दिलाई नौकरी
हरमनप्रीत को क्रिकेट में बेहतर प्रदर्शन करने पर 2014 में रेलवे में नौकरी भी हासिल हुई। बांबे रेलवे टीम की ओर से मुख्य खिलाड़ी के रूप में हरमनप्रीत ने बेहतर प्रदर्शन किया तो उन्हें सुपरिंटेंडेंट की नौकरी ऑफर की गई। उसकी छोटी बहन हेमजीत कौर प्राइवेट कॉलेज में लेक्चरर हैं और छोटा भाई गुरविंदर सिंह गैरी अभी बीए की पढ़ाई कर रहा है। पिता हरमंदर सिंह भुल्लर अदालत में क्लर्क हैं और माता सतविंदर कौर गृहिणी हैं।
मां सतविंदर कौर के साथ हरमनप्रीत।
कोच का सपना किया पूरा
हरमनप्रीत के कोच कमलदीश सिंह क्रिकेट की दुनिया में पहचान बनाना चाहते थे, लेकिन एक हादसे में उनकी एक अंगुली कट गई। इसस उनका सपना पूरा नहीं हो सका। इसके बाद उन्होंने गांव दारापुर में क्रिकेट कोचिंग अकादमी खोली। यहां वह क्रिकेट के प्रति रुचि रखने वाले बच्चों को मुफ्त कोचिंग देते हैं। उनकी पत्नी सुखविंदर कौर सोढी भारतीय महिला हॉकी टीम के सदस्य रह चुकी हैं। कमलदीश का कहना है कि हरमन ने अपनी शानदार कामयाबी से उनके सपने को पूरा किया है।
2004 में आया जिंदगी में नया मोड़
हरमनप्रीत के जीवन में वर्ष 2004 में नया मोड़ आया। 2004 में जब मोगा के गुरु नानक कॉलेज में लड़कों के साथ क्रिकेट खेल रही थी, तो गांव दारापुर में ज्ञान ज्योति खेल अकादमी चलाने वाले जीरा निवासी कमलदीश सिंह ने उसे देखा। वह उसकी फुर्ती और खेलने की शैली से खासे प्रभावित हुए और उसे कोचिंग देने का निश्चय किया।
आराम के क्षणों में अपने घर में हरमनप्रीत कौर।
कमलदीश सिंह ने हरमन के पिता हरमंदर सिंह से बात की और बेटी को अकादमी में मुफ्त कोचिंग का ऑफर दिया। देखते ही देखते उसकी प्रतिभा में गजब का निखार आ गया और वह पंजाब लेवल पर खेलने लगी। कमलदीश सिंह खुद भी साल 1970 में पंजाब रणजी टीम से क्रिकेट खेल चुके हैं। हरमन अब तक तीन वर्ल्ड कप खेल चुकी हैं।
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'' बेटी से उम्मीद तो थी, लेकिन उसने उम्मीद से ज्यादा शोहरत पाई है। इस सफलता के बाद हरमन खेल में और निखार लाने का प्रयास करेगी। जिस तरह का जुनून उसने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दिखाया, वह हमेशा याद रखा जाएगा।
-हरमंदर सिंह भुल्लर, हरमनप्रीत के पिता।
प्रैक्टिस की तैयारी: घर में परिजनों के साथ हरमनप्रीत।
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'' हमें महिला विश्व कप सेमीफाइनल में गत चैंपियन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हरमनप्रीत की 115 गेंदों पर 171 रन की शानदार पारी पर गर्व है। मैं बीसीसीआइ की तरफ से कौर, कप्तान मिताली और पूरी टीम को बधाई देता हूं। बीसीसीआइ चर्चा करने के बाद महिला क्रिकेट टीम के शानदार प्रदर्शन के लिए पुरस्कार का एलान करेगा।
- सीके खन्ना (बीसीसीआइ के कार्यकारी अध्यक्ष)
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सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दी बधाई
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी हरमनप्रीत कौर को उनकी उपलब्धि के लिए बधाई दी है। उन्होंने कहा कि इससे पंजाब में युवाओं को प्रेरणा मिलेगी।
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