त्योहारी सीजन में शहर में जगह-जगह लगे कूड़े का ढ़ेर, मोगा में सफाई कर्मचारियों ने किया दो दिन की हड़ताल का एलान
मोगा में सफाई कर्मचारियों की दो दिवसीय हड़ताल से शहर में कूड़े के ढेर लग गए हैं जिससे लोगों को परेशानी हो रही है। सड़कों पर गंदगी और बदबू से यातायात प्रभावित हो रहा है। शहरवासियों ने निगम को चेतावनी दी है कि अगर सफाई कर्मचारियों की मांगें नहीं मानी गईं तो वे धरना देंगे। यूनियन ठेकेदारी प्रथा खत्म करने और स्थायी भर्ती करने की मांग कर रही है।

राज कुमार राजू, मोगा। त्योहारी सीजन की शुरुआत के बीच सोमवार से सफाई सेवकों की दो दिवसीय हड़ताल ने शहरवासियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। रविवार को कर्मियों की छुट्टी होने से कूड़ा नहीं उठ पाया वही सोमवार व मंगलवार को जैसे-जैसे कूड़ा बढ़ा, वैसे-वैसे गंदगी का अंबार लग गया।
शहर की कई सड़कों पर कूडे के बड़े बड़े ढेर फैले हुए नजर आए। ऐसे में लोग कूडे के ढ़ेरों से उठने वाली बदबू से परेशान होते नजर आए। शहर में लगे गंदगी के ढेरों से जहां बदबू का आलम बन चुका है, वहीं यातायात भी प्रभावित हो रहा है। शहरवासियों ने निगम कमिश्नर समेत स्थानीय नेताओं को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर उनकी समस्या का समाधान नहीं किया गया तो वह सफाई सेवकों के साथ निगम परिसर में रोष धरने पर बैठ जाएंगे।
एडवोकेट अजीत वर्मा,हरजिंदर सिंह,रवि कुमार,सुनील कुमार व अन्य ने कहा कि त्योहारी सीजन की आहट होने के दौरान ही सड़कों पर कूडे कर्कट के बढ़े बढ़े ढेर लगे है। इससे न केवल आने-जाने का रास्ता अवरूद्ध हो रहा है बल्कि आसपास के लोगों का जीना मुहाल हो रहा है। कचरे से क्षेत्र की छवि भी खराब हो रही है। हर वक्त गली में कचरे का ढेर लगा रहता है।
पशु कचरे को जहां-तहां फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि शहर में प्रवेश करने वालों का कचरे के ढेर व वहां से उठ रही बदबू से ही सामना होता है। आसपास के दुकानदार व अन्य लोग बदबू से परेशान हैं। कई बार निगम में शिकायत के बावजूद कोई समाधान नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि निगम के सफाई सेवकों की मांगों को तुंरत माना जाए। नही तो वह सघर्ष कर रहे यूनियन के हक में आकर सघर्ष करने को मजबूर होगें।
सफाई सेवक यूनियन पंजाब के आह्वान पर सफाई सेवक यूनियन नगर निगम मोगा द्वारा दो दिवसीय मुकम्मल हड़ताल के दूसरे दिन मंगलवार को सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई। इस मौके पर सफाई सेवक यूनियन के प्रतिनिधि, म्यूनिसिपल कर्मचारी महासंघ के प्रतिनिधि, वाटर सप्लाई यूनियन, सीवरेज यूनियन, बेलदार यूनियन, संयुक्त अधिकारी कर्मचारी संघ, फायर ब्रिगेड यूनियन के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस मौके पर सफाई सेवक यूनियन के अध्यक्ष सोमनाथ चौबड़ व महासचिव विश्वनाथ जोनी ने संबोधित करते हुए कर्मचारियों की जायज और उचित मांगों के बारे में जानकारी दी। क्या है यूनियन की मांगे:
यूनियन के नेताओं ने कहा कि सरकार ने सभी नगर निगम कर्मचारियों की मांगों को स्वीकार कर लिया है जैसे कि ठेकेदारी प्रणाली को बंद करके कर्मचारियों की स्थायी भर्ती की जाए, डोर टू डोर कूड़ा उठाने का काम किसी निजी कंपनी को न देकर यह काम निगम के अधीन किया जाए, सरकार ने अनुबंध पर रखे गए निगम कर्मचारियों के स्थायी रोजगार के लिए तीन साल की शर्त को बढ़ाकर 10 साल कर दिया है।
इसे खत्म करना, साल 2004 के बाद भर्ती किए गए कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना देना, बिना शर्त तरस के आधार पर नौकरी देना, एक्स-ग्रेशिया ग्रांट को चार गुणा करना, निगम की तर्ज पर वेतन का भुगतान करना आदि को अभी तक पूरा नहीं किया गया है। इसके विरोध मे सफाई सेवक यूनियन पंजाब ने दो दिनों की पूर्ण हड़ताल करने का फैसला लिया था।
मंगलवार को की गई हड़ताल के दौरान नगर निगम कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष जसवीर सिंह गिल, सचिव विक्की बोहत, चेयरमैन सिकंदर गुल्लू, मुख्य सचिव निरोत्तम बोहत, कैशियर जोगिंदर सिंह भुल्लर, सफाई सेवक संघ के संरक्षक हरकिशन बोहत, सुरेश सौदा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुरेश संगेलिया, अनिल चावरिया, चेयरमैन राजिंदर गंगू, उपाध्यक्ष संदीप संगेलिया, कैशियर अजय पातनमोली, कार्यालय सचिव अशोक पातनमोली, संयुक्त सचिव सुरेश राजपूत, चेयरमैन रघुवीर अनारिया, शिव चावरिया, सोनू सांवरिया, अजय चावरिया आदि उपस्थित थे।
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