बरेटा के बीच बना रेल फाटक दिन में 56 बार होता है बंद, आधा शहर इस समस्या से परेशान
दिल्ली-फिरोजपुर रेलवे लाइन पर पंजाब की पहली मंडी बरेटा के रेलवे फाटकों की समस्या का आज तक कोई हल नहीं किया गया है।
संस, बरेटा : दिल्ली-फिरोजपुर रेलवे लाइन पर पंजाब की पहली मंडी बरेटा के रेलवे फाटकों की समस्या का आज तक कोई हल नहीं किया गया है। बरेटा के रेलवे फाटक साइड के इलाकावासियों की समस्या का किसी अधिकारी ने कोई समाधान नहीं किया। बरेटा मंडी में इस समय कुल 13 वार्ड है, शहर दो हिस्सों में बांटा हुआ है। जिसके तहत सात वार्ड शहर की साइड व छह वार्ड रेलवे लाइन पार गांव की तरफ पड़ते है। जिसमें दिल्ली-फिरोजपुर लाइन पड़ती है। बरेटा मंडी का आधे से ज्यादा व्यापार रेलवे लाइन का अकसर फाटक बंद होने कारण हरियाणा की तरफ चला गया है। क्योंकि जुगलान, मंडेर, कुलरियां, गोर्खनाथ, धर्मपुरा, शेरखां वाला, झलबूटी, भावा, ससपाली, चक्क अलीशेर, संघरेडी, जलवेडा, सैदेवाला, मघानियां व दर्जनों गांवों को रेलवे लाइन पर स्थित फाटक के कारण बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली से फिरोजपुर तक पड़ती इस रेलवे लाइन पर कोई ऐसा शहर या गांव होगा जिसमें रेल पुल नहीं बना हो। मगर बरेटा में लोगों की सहूलियत के लिए रेल पुल तक नहीं बना है। जिस कारण रेलवे फाटक अकसर बंद रहने से लोगों को समस्या का सामना करना पड़ता है। यह मेन लाइन बठिडा रिफाइनरी व तीन थर्मल प्लाटों बठिडा, तलबंडी साबो व रामपुरा को जाती है। तथा यहां से करीब 15 मेल व पेसेंजर गाडियां गुजरती है। इस लिए एक दिन में लगभग 56 गाडियों का अप व डाउन होता है। जिस कारण हर 20-25 मिनट बाद बरेटा रोड फाटक बंद हो जाता है।
वहीं क्षेत्र के समाजसेवी क्लबों के पदाधिकारियों जिसमें सुखविदर सिंह, रामजीत सिंह, रमन, कुलजीत सिंह व अजमीत सिंह इस संबंधी सिविल प्रशासन से मांग कर चुका है। वहीं इलाके के राजनीतिक नेताओं द्वारा कई बार रेल के उच्च अधिकारियों से निवेदन किया जा चुका है कि यहां पर रेलवे अंडर पुल या ओवर ब्रिज बनवाया जाएं। इस संबंधी रेलवे के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जल्दी ही सर्वे कर इस समस्या का हल किया जाएगा। तथा अगले साल 2020 तक कोई बरेटा में फाटक नहीं मिलेगा। सभी अंडरब्रिज या ओवरब्रिज ही होगे।
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