तनाव को कम करता है विपरीत करनी आसन
विपरीत करनी आसन तनाव निम्न रक्तचाप व नाड़ी रोग में काफी लाभदायक है।
जागरण संवाददाता, लुधियाना : विपरीत करनी आसन तनाव, निम्न रक्तचाप व नाड़ी रोग में काफी लाभदायक है। एवरेस्ट योग इंस्टीट्यूट के निदेशक संजीव त्यागी कहते हैं कि यह आसन पूरे शरीर को अनुप्राणित करता है और ग्रंथियों की सक्रियता को विनियमित करता है। इससे तनाव और उदासीनता कम हो जाती है। यह पेट और किडनी के अंगों को आराम देता है और रक्तापूर्ति में सुधार लाता है। इसके अलावा बुढ़ापे को कम करता है व चेहरे पर झुर्रियां आने नहीं देता।
विधि : आसन करने के लिए जमीन पर मेट बिछा लें। उस पर पीठ के बल सीधा लेट जाएं और शरीर के साथ बाजू सीधी रखें। पूरक करते हुए घुटनों को मोड़ें और टांगों व नितंबों को ऊंचा उठाएं। हाथों को कूल्हों के नीचे ले आएं जिससे नितंबों को सहारा मिले। कूहनियां फर्श पर रहेंगी। अब टांगों को ऊपर की ओर सीधा उठाएं। पैरों, टांगों और कूल्हों की मांसपेशियों को विश्राम दें। श्वास लेते हुए इस स्थिति में 30 सेकेंड तक बने रहें। उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों को इस आसन को करने से बचना चाहिए।
वातायनासन से दूर होता है मधुमेह कमर और घुटनों का दर्द भी गायब
चिकित्सकों के अनुसार मधुमेह, हाइपरटेंशन व श्वास संबंधी बीमारियों से जूझ रहे लोगों की सेहत के लिए सबसे अधिक खतरा है। चिकित्सक इन बीमारियों को नियंत्रण में रखने की सलाह देते हैं। एवरेस्ट योगा इंस्टीट्यूट के निदेशक संजीव त्यागी के अनुसार वातायनासन से मधुमेह की बीमारी दूर होती है। इससे कमर और घुटनों का दर्द भी कम होता है। इस योग आसन से हर्निया, सायटिका और शीघ्रपतन जैसी समस्याएं भी दूर होती हैं। गर्दन और पिडलियां भी इस आसन को करने से पुष्ट हो जाती हैं।
विधि : सबसे पहले जमीन पर योग मैट बिछाएं। अब इस पर सीधे खड़े हो जाएं। दोनों पैरों के घुटनों को आपस में मिला लें। एड़ियां, सिर का पिछला भाग और नितंब सीधा हो। अपनी दाहिनी टांग को घुटने से मोड़ लें और इस टांग के पांव को बाई टांग की जांघ पर रखें। अपनी बाई टांग के घुटने को धीरे-धीरे सामने की तरफ मोड़ लें और दाहिने घुटने को धीरे-धीरे बाएं पैर की एड़ी के पास जमीन से सटा लें। अब बाएं हाथ के नीचे से दाएं हाथ को ले जाते हुए आपस में नमस्कार बना लें। इस आसन को करते समय श्वास को सामान गति में ही लेते रहें। आप इस मुद्रा में जितनी बार रुक सकें, उतना आपके लिए फायदा होगा। ठीक इसी तरह से दूसरे पैर से इस आसन को भी करें। महिलाएं इस आसन को ना करें, यह उनके लिए नुकसानदायक हो सकता है।
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