Budget 2022: लुधियाना की गृहणियाें की मांग, सेहत, शिक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर पर फंड को बढ़ाए केंद्र सरकार
बजट में वोकेशनल कोर्सेस में विद्यार्थियों के लिए स्किल डेवलपमेंट पर फोकस होना चाहिए और बाद में जाब के अच्छे अवसर उपलब्ध कराए जाने चाहिए। कोविड-19 के चलते जहां हर वर्ग प्रभावित हुआ है वहीं विद्यार्थियों की मेंटल हेल्थ भी प्रभावित हुई है।

जागरण संवाददाता, लुधियाना। Budget 2022: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को अगले वित्त वर्ष का सालाना आम बजट पेश करेंगी। इसके लिए समाज के अलग-अलग वर्गों को बहुत-सी उम्मीदें हैं कि बजट में इस साल कुछ खास होना चाहिए, क्योंकि कोविड-19 का दौर चल रहा है। सेहत, शिक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर पर फंड को बढ़ाया जाए। महंगाई को कम करने के प्रयास किए जाएं। ताकि आम नागरिक भी आराम से जीवन गुजर बसर कर सके। शिक्षक और महिला वर्ग इस साल बजट से उम्मीदें जताते कह रहे हैं:
बजट में वोकेशनल कोर्सेस में विद्यार्थियों के लिए स्किल डेवलपमेंट पर फोकस होना चाहिए और बाद में जाब के अच्छे अवसर उपलब्ध कराए जाने चाहिए। कोविड-19 के चलते जहां हर वर्ग प्रभावित हुआ है, वहीं विद्यार्थियों की मेंटल हेल्थ भी प्रभावित हुई है। टीचर्स को इसके लिए ट्रेनिंग मुहैया कराई जानी चाहिए। -सुरुचि जौली, सीनियर कोआर्डीनेटर बीसीएम स्कूल बसंत एवेन्यू दुगरी
इस बजट में एजुकेशन और हेल्थ इन दोनों सेक्टर में सर्विसिस पर फंड ज्यादा से ज्यादा मुहैया कराया जाना चाहिए। इंफ्रास्ट्रक्चर की बात करें तो सामान्य लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बजट में बिना किसी देरी पेंडिंग प्रोजेक्टों को पूरा किए जाने पर फोकस होना चाहिए।- अमन खुराना, पीजीटी इक्नामिक्स, गुरु नानक इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल, माडल टाउन
आम देखने में आता है कि विद्यार्थी पढ़ना चाहता है और आगे भी अच्छी शिक्षा हासिल करना चाहता है लेकिन असुविधाओं के अभाव में उसका रुख विदेश की ओर होने लगता है। इसलिए जरूरी है कि इस बजट में शिक्षा के लिए फंड पर फोकस होना चाहिए। ताकि विद्यार्थी देश में रहते हुए ही शिक्षा की सभी सुविधाएं हासिल कर पढ़ाई जारी रख सकें। - अनिल शर्मा, प्रि. स्प्रिंग डेल पब्लिक स्कूल
इस समय किताबें जरूरत की चीजों में से एक है। जिस तरह से हाउसहोल्ड की चीजें जरूरी हैं, उसी तरह किताबें भी बहुत जरूरी हैं। इन दिनों बहुत से अभिभावकों को परेशानी से जूझना पड़ रहा है कि किताबें बहुत ही महंगी हो गई हैं क्योंकि पेपर की कास्ट भी बढ़ गई है। इस बजट में अभिभावकों एवं विद्यार्थी वर्ग के हितों का ध्यान रखते हुए पेपर की कास्ट कम की जानी चाहिए। - मोना सिंह, प्रिंसिपल गुरु नानक पब्लिक स्कूल, माडल टाउन एक्सटेंशन
जरूरत का हर सामान आजकल महंगा है। गृहिणी होने के नाते मैं किचन की ही बात करूं तो सारा बजट हिला हुआ लगता है। राशन के सामन से लेकर गैस, दूध सब कुछ इतना महंगा हो चुका है कि समझ ही नहीं आता कि महीने के बाद कैसे बचत की जाए। इस बजट से मेरी उम्मीद है कि महंगाई पर थोड़ी लगाम लगाई जाए। - गीता धीर, गृहिणी
इस बजट से उम्मीद है कि खाने-पीने का स्नोत सस्ता होना चाहिए। हर बार बजट से उम्मीद होती है लेकिन निराशा ज्यादा होती है। दाल, सब्जियां बहुत ही महंगी हो चुकी हैं, इनकी कीमतें कम होनी चाहिए। दूसरा बिजनेसमैन के लिए भी सोचना चाहिए और उनके लिए एक टैक्स होना चाहिए क्योंकि उन्होंने आगे वेतन देना होता है। - शैली गोयल, गृहिणी
वर्तमान में महंगाई ने हर वर्ग की कमर तोड़ी हुई है। खाने-पीने के सामान से लेकर पेट्रोल डीजल की बात करें या फिर बात करें ब्यूटी प्रोडक्ट्स की, सब कुछ बहुत महंगा हो चुका है। इन्हीं सामान में बजट बना ही नहीं पाती हूं। बजट में उम्मीद करती हूं कि हर वर्ग को महंगाई से थोड़ी राहत मिले।
- अनुपमा गुप्ता, गृहिणी
किचन की बात करूं तो वर्तमान में महंगाई बहुत चरम पर पहुंच चुकी है। सिलेंडर बहुत महंगा हो गया है। रूटीन में बहुत मुश्किल का सामना करना पड़ता है। मेरे मुताबिक जो रूटीन की जरूरत का सामान है, इसमें बात चाहे सब्जी की करें या फिर दालों की, उनकी कीमतें हर किसी की पहुंच में होनी चाहिए। वहीं जिस किसी ने भी छोटा सा बिजनेस घर में चलाना है, सरकार को उसके लिए सुविधाएं मुहैया कराई जानी चाहिए।
- उमा गुप्ता, गृहिणी
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