Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Navratri 2022: पटियाला के काली माता मंदिर में प्रवेश मात्र से ही दूर होते हैं कष्ट, 86 वर्ष पुराना है इतिहास

    By DeepikaEdited By:
    Updated: Fri, 30 Sep 2022 11:25 AM (IST)

    श्री काली देवी मंदिर का इतिहास बेहद पुराना है। इस मंदिर का निर्माण पटियाला रियासत के महाराजा भूपिंदर सिंह ने 1936 में करवाया था। मंदिर में पटियाला रियासत की कुलदेवी मां राज राजेशवरी के साथ-साथ छह फीट उंची मां काली देवी जी की मूर्ति स्थापित है।

    Hero Image
    पटियाला का प्रसिद्ध काली माता मंदिर। (सांकेतिक चित्र)

    दीपिका, पटियाला। Navratri 2022: देशभर में नवरात्र का त्योहार बड़ी ही श्रद्धा और धूमधाम से सेलिब्रेट किया जा रहा है। यह हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे लेकर भक्तों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। नवरात्र में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा कर उनको प्रसन्न करने का प्रयास किया जाता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पटियाला के प्रसिद्ध श्री काली देवी मंदिर में भी नवरात्र का त्योहार बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस साल तो असली फूलों से मां का दरबार महक उठा है। इसके साथ ही मंदिर में दुर्गा पूजा को लेकर भी विशेष इंतजाम किए गए हैं, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो।

    मंदिर का इतिहास है बेहद पुराना

    शहर के माल रोड स्थित प्राचीन व ऐतिहासिक श्री काली देवी मंदिर का इतिहास बेहद पुराना है। इस मंदिर का निर्माण पटियाला रियासत के महाराजा भूपिंदर सिंह ने 1936 में करवाया था। मंदिर में पटियाला रियासत की कुलदेवी मां राज राजेशवरी के साथ-साथ छह फीट उंची मां काली देवी जी की मूर्ति स्थापित है।

    मंदिर की मान्यता

    श्री काली देवी जी का मंदिर करीब 86 वर्ष पुराना हो चला है। यहां पर केवल पंजाब ही नहीं बल्कि देशभर से भक्त माथा टेकने पहुंचते हैं। नवरात्र में यहां लाखों की संख्या में भक्त नतमस्तक होते हैं। मान्यता है कि मंदिर में प्रवेश मात्र से ही भक्तों के दुखों का नाश होना शुरू हो जाता है।

    नवरात्र में मंदिर में चढ़ता है शराब, बकरे व मुर्गे का प्रसाद

    बता दें कि, नवरात्र पर मां को अद्भुत प्रसाद का भोग लगाया जाता है। नवरात्र पर यहां बकरे, मुर्गे सहित शराब का प्रसाद चढ़ता है। इसके अलावा कड़ाह प्रसाद व मीठा पान का भी मां के चरणों में भोग लगाया जाता है। एक दिन पहले ही पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की पत्नी डा. गुरप्रीत कौर और बहन मनप्रीत कौर ने भी यहां माथा टेककर सरबत के भले के लिए अरदास की।

    यह भी पढ़ेंः- Punjab Politics: सुखबीर बादल ने निकाय चुनाव के लिए फूंका बिगुल, चार सदस्यीय पैनल बनाया

    comedy show banner
    comedy show banner