ट्रंप के टैरिफ वॉर से बचने के लिए पंजाब के व्यापारियों का प्लान तैयार, अब अमेरिका में कारोबार के लिए करेंगे ये काम
लुधियाना से अमेरिका को निर्यात होने वाले उत्पादों पर टैरिफ बढ़ने से भारतीय और अमेरिकी व्यापारियों को नुकसान हो रहा है। ग्राहकों को बनाए रखने के लिए पंजाब के व्यापारी तीन महीने के लिए उत्पादों पर 10-15% तक की छूट देंगे और शेष भार अमेरिकी व्यापारी उठाएंगे। पैरामाउंट इंपैक्स के सीएमडी राकेश कपूर ने कहा कि टैरिफ लगने से कीमतें बढ़ गई हैं इसलिए डिस्काउंट देना मजबूरी है।

मुनीश शर्मा, लुधियाना। अमेरिकी सरकार द्वारा भारतीय उत्पादों पर लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ के कारण यहां से अमेरिका को निर्यात होने वाले कई उत्पाद महंगे हो गए हैं। उत्पाद महंगे होने के कारण न केवल भारतीय व अमेरिकी व्यापारियों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। अमेरिकी व्यापारियों को चिंता इस बात की है कि अगर उत्पाद महंगे हुए तो उससे ग्राहक दूर हो जाएंगे।
इस चुनौती का सामना करने के लिए पंजाब और अमेरिका के व्यापारी एक अस्थायी समझौता कर रहे हैं। इस समझौते के तहत पंजाब के व्यापारी टैरिफ बढ़ने से महंगे हुए उत्पादों पर तीन महीने के लिए 10 से 15 प्रतिशत तक का डिस्काउंट देंगे और शेष भार अमेरिकी व्यापारी उठाएंगे।
उनका मानना है कि ऐसा करके वे अपने ग्राहकों को बनाए रख सकेंगे। पैरामाउंट इंपैक्स के सीएमडी राकेश कपूर ने कहा कि पिछले 25 वर्षों से ट्रैक्टर और ट्रेलर पार्ट्स का अमेरिका में निर्यात कर रहे हैं। टैरिफ लगने से इनकी कीमतें बढ़ गई हैं। हम अगर यह बोझ सीधे ग्राहकों पर डालते, तो वे दूसरे देशों से आने वाले उत्पादों का रुख कर लेते। इस कारण डिस्काउंट देना मजबूरी और रणनीति दोनों है।
अमेरिका से हमारे ग्राहक स्थिति को देखते हुए कुछ समय के लिए डिस्काउंट की मांग कर रहे हैं। हम दोनों ने मिलकर यह बोझ उठाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि यदि इस दौरान टैरिफ में कोई बदलाव आता है, तो इसे तुरंत रिव्यू किया जाएगा। इससे दोनों का कारोबार भविष्य के लिए और मजबूत हो जाएगा। अदालत के फैसले पर टिकी उम्मीदें अमेरिका के कारोबारी संगठनों ने ट्रंप सरकार के टैरिफ फैसले को अदालत में चुनौती दी है।
लोअर और फेडरल अदालतों ने ट्रंप के फैसले को संविधान या कानून की सीमाओं से बाहर बताया है। अब यह मामला अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है। व्यापारियों का कहना है कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि अदालत का फैसला उनके पक्ष में आएगा।
यदि ऐसा होता है, तो उत्पादों की कीमतें फिर से सामान्य स्तर पर आ जाएंगी और छूट की आवश्यकता नहीं रहेगी। अदालत के निर्णय आने तक तीन महीने का यह समझौता ग्राहकों को बनाए रखने का सहारा बनेगा।
पंजाब से अमेरिका को होने वाला एक्सपोर्ट
परिधान -- 8 हजार करोड़ रुपये
फास्टनर -- 2 हजार करोड़ रुपये
इलेक्ट्रिकल मशीन टूल -- 5 हजार करोड़ रुपये
ऑटो पार्ट्स एवं हैंडटूल -- 4 हजार करोड़ रुपये
चमड़ा उत्पाद -- 500 करोड़ रुपये
कृषि उपकरण -- 200 करोड़ रुपये
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