Punjab Street Food: पटियाला ए-वन बिरयानी ने जीता लोगों का दिल, पंजाबी गायक दिलजीत दोसांज भी चख चुके हैं स्वाद
Punjab Street Food गुरलीन सिंह ने बताया कि उसके दादा सुभानी बिल्डिंग में लोगों को बिरयानी पुलाव खिलाते थे। इस दौरान वह पढ़ाई कर रहा था। जब भी मौका मिलता वह वहां पहुंच जाते थे। इसी दौरान उन्होंने बिरयानी बनाना सीखा। अब वह लोगों को स्वाद चखा रहे हैं।

कुलदीप काला, लुधियाना। शहर में खाने-पीने की दुकानों की कोई कमी नहीं है। वहीं कई दुकानें व रेहड़ियां ऐसी हैं, जिनका स्वाद लोगों को खुद ही वहां तक खींच लाता है। कुछ ऐसा ही स्वाद है शहर के विश्वकर्मा चौक पर मिलने वाले पटियाला ए-वन बिरयानी पुलाव का। दोपहर के समय तो यहां ग्राहकों का तांता लगा रहता है।
पटियाला ए-वन बिरयानी पुलाव दुकान के मालिक गुरलीन सिंह बताते हैं कि वर्ष 1947 में उनके दादा जगजीत सिंह पटियाला में आकर बसे थे। उन्होंने वहां पर रोजगार के तौर पर बिरयानी पुलाव की दुकान शुरू की थी। उसके बाद वर्ष 1980 में उन्होंने लुधियाना में सुभानी बिल्डिंग चौक में दुकान शुरू की। इसके बाद उनके बेटों ने भी काम में हाथ बंटाना शुरू कर दिया। फिर वर्ष 1991 में विश्वकर्मा चौक में भी शाखा शुरू की।
इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए गुरलीन सिंह वर्ष 2007 से अपने चाचा महेंद्र पाल सिंह के साथ कारोबार में पहुंच गया। 15 साल से लोगों में अपने स्नेह व प्रेम से दिल जीता है। फिल्मी कलाकार दिलजीत दोसांज जब लुधियाना में 'अमृतसरी' फिल्म की शूटिंग के दौरान पहुंचे तो उन्होंने यहां से बिरयानी खाई थी।
पढ़ाई के समय ही बिरयानी बनानी सीख ली
गुरलीन सिंह ने बताया कि उसके दादा सुभानी बिल्डिंग में लोगों को बिरयानी पुलाव खिलाते थे। इस दौरान वह पढ़ाई कर रहा था। जब भी मौका मिलता, वह वहां पहुंच जाते थे। इसी दौरान उन्होंने बिरयानी बनाना सीखा। अब वह विश्वकर्मा चौक में लोगों को बिरयानी का स्वाद चखा रहे हैं।
स्वाद से नहीं किया जाता कोई समझौता
गुरलीन सिंह बताते हैं कि बिरयानी पुलाव में वे गोभी, आलू, मटर, गाजर डाली जाती है। गर्मियों में गोभी के दाम आसमान छू जाते हैं, तब भी ग्राहकों के स्वाद के मद्देनजर गोभी बंद नहीं की जाती। उसके साथ सब्जियों की ग्रेवी डालकर बिरयानी बनाकर लोगों को खिलाते हैं। बेसन से फ्राई की हुई हरी मिर्च और चटनी-प्याज डालकर उसे लजीज बना देते हैं।

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