Punjab Street Food: लुधियाना में 50 साल बाद भी चाचे दे चने भटूरे का स्वाद बरकरार, लस्सी भी लाजवाब
Punjab Street Food पंजाब खानपान के लिए बहुत प्रसिद्ध है। खाने की बात करें और चने भटूरे का जिक्र न हो ऐसा तो हो ही नहीं सकता। लुधियाना में चाचे दे चने भटूरे का स्वाद चखने तो लोग दूर-दूर से आतें हैं। 50 साल बाद भी इनका स्वाद नहीं बदला।

जागरण संवाददाता, लुधियाना। फील्डगंज में जेल रोड स्थित चाचे दे चने भटूरे का स्वाद पचास साल बाद भी बरकरार है। आज भी फील्डगंज में आने वाले लोग चाचे दी हट्टी के चने भटूरे एवं चना समोसा खाने अवश्य पहुंचते हैं। इसके अलावा चाचे दी लस्सी भी लाजवाब है। आज परिवार की चौथी पीढ़ी इसी काम में आ गई है।
बिना प्याज एवं लहसून के परोसे जाते हैं खाद्य पदार्थ
लोगों को शुद्ध शाकाहारी व बिना प्याज एवं लहसून के खाद्य पदार्थ परोसे जाते हैं। हट्टी के संचालक दविंदर पाल बताते हैं कि पचास साल पहले दादा चाचा गोपाल सिंह ने जामा मस्जिद के पास चाचे दी हट्टी में चना भटूरे का काम शुरू किया था। शुरू में दो रुपये की चने भटूरे एवं डेढ़ रुपये की टिक्की समोसा की प्लेट थी, आज इनका रेट पचास-पचास रुपये हो गया है। लोग बहुत दूर-दूर से यहां पहुंचते हैं और सब चाव से इसका आनंद लेते हैं ।
पचास साल से खुद ही तैयार कर रहे हैं मसाले
गोपाल सिंह के साथ दविंदर के पिता बलवंत सिंह ने कारोबार को संभाला। उसके बाद उनके बेटे दविंदर पाल सिंह इस काम में आए। अब उसके बेटे अर्शदीप सिंह भी सहयोग कर रहे हैं। दविंदर पाल सिंह ने कहा कि पिछले पचास साल से वे मसाले खुद ही तैयार कर रहे हैं।
इनके स्वाद को बहुत ही पसंद करते हैं लोग
उन्होंने बताया कि बाहर से आने वाले व्यापारी नाश्ता एवं दोपहर का भोजन यहीं करते हैं। चने भटूरे के साथ साथ लस्सी भी मौजूद है। तीस साल पहले चार रुपये में मिलने वाला लस्सी का ग्लास अब तीस रुपये में मिलता है। लोग इनके स्वाद को बहुत ही पसंद करते हैं। इस कारण लुधियाना में यह दुकान प्रसिद्ध है।
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