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Punjab: मजदूर की बेटी ‘ज्योत’ के सुरों ने मचाया धमाल, इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहीं वीडियो

गांव मनावां की ज्योत गिल को संगीत का ज्ञान पुरखों से विरासत में मिला है। मजदूर परिवार में जन्मी ज्योत की जादुई आवाज का हर कोई मुरीद बन गया है। आसपास के कई गांवों में विशेष मौकों पर लोग उसे ही बुलाते हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Tue, 27 Jul 2021 05:43 PM (IST)Updated: Tue, 27 Jul 2021 05:43 PM (IST)
Punjab: मजदूर की बेटी ‘ज्योत’ के सुरों ने मचाया धमाल, इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहीं वीडियो
पंजाब के गांव मनावां की ज्योत गिल के वीडियो इन दिनों इंटरनेट मीडिया पर छाए हुए हैं।

नेहा शर्मा, मोगा। प्रतिभा अमीरी की मोहताज नहीं होती। इसका बड़ा उदाहरण छोटे से गांव मनावां की ज्योत गिल (20) के रूप में सामने आया है। ज्योत को संगीत पुरखों से विरासत में मिला है। मजदूर परिवार में जन्मी ज्योत की जादुई आवाज का हर कोई मुरीद बन गया है। आसपास के कई गांवों में विशेष मौकों पर लोग उन्हें ही आमंत्रित करते हैं। कुछ दिन पहले ही इंस्टाग्राम पर आने के बाद उसकी आवाज का जादू अब इंटरनेट मीडिया के जरिये पूरे पंजाब में वायरल हो रहा है।

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सिर्फ पंजाबी लोकगायकी ही नहीं, बल्कि सूफी और शास्त्रीत संगीत पर भी ज्योत का पूरा अधिकार है। उसके संगीत गुरु खुद उसके पिता जग्गा गिल हैं। वे गीत लिखते हैं, उन्हें सुर ज्योत देती है। हाल में बनी फिल्मकार रवि पुंज की पंजाबी फिल्म लंका के लिए गीत ज्योत के पिताने लिखे हैं, जबकि सुर ज्योत के हैं। ये फिल्म अगले महीने रिलीज होने जा रही है। संसाधनों के अभाव में भले ज्योत गिल का इंटरनेट मीडिया पर प्रवेश कुछ दिन पहले ही हुआ हो, लेकिन मनावां व उसके आसपास के दर्जनों गांव ज्योत गिल की गायकी के मुरीद हैं।  

आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण परिवार के रहने लायक अच्छा घर भी नहीं है, लेकिन परिवार में संगीत की समृद्धि इस कदर है कि उसके टूटे-फूटे घर में भी जब सुबह शाम संगीत के सुर गूंजते हैं तो आसपास के लोग बरबस ही खिंचे चले आते हैं।

विरासत में मिला सिंगिंग का हुनर

ज्योत बताती हैं कि उसे संगीत उसके दादा से विरासत में मिला है। गांव मनावां के ऐतिहासिक गुरुसर गुरुद्वारा में बाबा पातशाही जी के साथ उसके पड़दादा सरदार गेंदा सिंह नगर कीर्तन निकालते थे। संकीर्तन में ढोलकी पर संगत करते थे। ज्योत ने बताया कि उन्हें सबसे पहले उन्होंने गांव के नगर कीर्तन में अपने भाई गुरवीर सिंह के साथ शबद गायन किया था। नगर कीर्तन में भाई-बहन की जोड़ी को इस कदर पसंद किया गया कि अब आसपास के गांवों में ही कोई धार्मिक या सामाजिक कार्यक्रम होता है तो गायक के रूप में उसे ही बुलाया जाता है।

नेहा कक्कड़ को अपना आदर्श मानती है ज्योत

आर्थिक रूप से बेहद कमजोर होने के कारण ज्योत को कभी बड़ा मंच नहीं मिल सका। कुछ दिन पहले ही किसी की पहल पर उसने इंटाग्राम पर अपना अकाउंट बनाया है। इंस्टाग्राम के अपलोड किए गए उसके पोस्ट अब वाट्सएप ग्रुपों में खूब वायरल हो रहे हैं। ज्योत की आवाज को खूब पसंद किया जा रहा है। पार्श्व गायिका नेहा कक्कड़ को अपना आदर्श मानने वाली ज्योत भारतीय संगीत के क्षितिज पर उन्हीं की तरह उभरना चाहती हैं।

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