Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Coal Crisis: पंजाब के उपभोक्ताओं काे लग सकता है महंगी बिजली का 'झटका', जानिए कितने प्रतिशत बढ़ेगी दरें

    By Vipin KumarEdited By:
    Updated: Wed, 22 Jun 2022 11:32 AM (IST)

    Coal Crisis in Punjab Latest News पंजाब में बिजली महंगी हाेने के आसार हैं। सरकारी थर्मल प्लांटों में कोयले की कमी पूरा करने के लिए पावरकाम वित्त वर्ष 2022-23 में बिजली किराया दरों में प्रति यूनिट एक रुपये तक वृद्धि कर सकता है।

    Hero Image
    Coal Crisis in Punjab News: पंजाब के थर्मल पावर प्लांटों में कोयले की कमी से पावरकाम परेशान। (सांकेतिक तस्वीर)

    दीपक मौदगिल, पटियाला। Coal Crisis in Punjab Latest News: पंजाब के थर्मल पावर प्लांटों में कोयले की कमी से पावरकाम परेशान है। वहीं, आगामी समय में यह राज्य के बिजली उपभोक्ता के लिए भी परेशानी का कारण बन सकता है। पावरकाम प्रबंधन अपनी कोयले की जरूरत को पूरा करने के लिए विदेशों से महंगी दर पर कोयला मंगवाने का निर्णय कर चुका है। इससे पड़ने वाले अतिरिक्त वित्तीय बोझ को वह उपभोक्ताओं से पूरा करेगा। यह अतिरिक्त खर्च ईंधन अधिभार के तौर पर समायोजित किया जाएगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    विभागीय जानकारों के मुताबिक पावरकाम ने इंडोनेशिया से डेढ़ लाख टन कोयला मंगवाने के लिए आर्डर पहले ही दे दिया है। इस पर करीब 350 करोड़ रुपये खर्च आएंगे। हालांकि, अभी राज्य में बिजली की उच्चतम मांग का समय आना बाकी है। उस समय के दौरान राज्य के सरकारी थर्मल प्लांटों में कोयले की जरूरत और बढ़ जाएगी। मौजूदा समय में राज्य में बिजली की मांग करीब 12,000 मेगावाट चल रही है। धान के सीजन में यह मांग करीब साढ़े 16 हजार मेगावाट होने का अनुमान लगाया जा रहा है।

    महंगा कोयला बढ़ाएगा बिजली किराया दर

    पावरकाम द्वारा विदेश से कोयला आयात किए जाने के बारे में आल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के प्रवक्ता वीके गुप्ता कहते हैं कि विदेश से मंगवाया महंगा कोयला निश्चित रूप से वित्तीय वर्ष 2022-23 की बिजली किराया दरों में एक रुपये प्रति यूनिट तक की बढ़ोतरी कर देगा। हाल ही में कोयले की ज्यादा मांग और कम सप्लाई के बाद केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने सभी राज्यों को निर्देश दिए कि वह विदेश से भी कोयला मंगवाएं। इसके लिए महत्वपूर्ण पहलू यह है कि विदेश से मंगवाए जाने वाले कोयले को सही तरीके से मिश्रित किए जाने की सुचारू सुविधाएं न होने के चलते यह कोयला इन थर्मल प्लांटों के ब्वायलर सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकता है।

    पचवाड़ा कोयला खदान शुरू न होने से भी दिक्कत

    पावरकाम के लिए अपने थर्मल प्लांटों रोपड़ और लहरा मोहब्बत की कोयला डिमांड को पूरा करने में दिक्कत का एक कारण पावरकाम की झारखंड स्थित पचवाड़ा कोयला खदान का अभी तक शुरू नहीं होना भी है। हालांकि, बीते अक्टूबर से पावरकाम प्रबंधन समय-समय पर दावा करता रही है कि पचवाड़ा कोयला खदान अगले 2 से 3 महीने में शुरू हो जाएगा, लेकिन मौजूदा हालात के मुताबिक इसके जुलाई अंत तक भी शुरू होने की कम उम्मीद है। खदान में पानी भरा होना इसका मुख्य कारण है। इस बरसात में यह पानी निकालना आसान नहीं है। इसी कारण इस खदान से पावरकाम को जुलाई अंत तक कोयला सप्लाई होने की संभावना कम ही है।