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श्रमिक घर गए तो पिट जाएगा होजरी सीजन, प्रोडक्शन कम होने से महंगे हो सकते हैं कपड़े

लॉकडाउन खुलने के बाद अगर लेबर घरों की ओर चली गई तो होजरी उद्योग पिट जाएगा। प्रोडक्शन में कमी होने के कारण परिधान महंगे हो सकते हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 03 May 2020 09:49 AM (IST)Updated: Sun, 03 May 2020 09:49 AM (IST)
श्रमिक घर गए तो पिट जाएगा होजरी सीजन, प्रोडक्शन कम होने से महंगे हो सकते हैं कपड़े

लुधियाना [मुनीश शर्मा]। औद्योगिक नगरी लुधियाना का होजरी उद्योग कई सालों से भारी भरकम ऑर्डर होने के बावजूद स्किल्ड मैनपावर की कमी झेल रहा है। इससे उद्योग ऑर्डर पूरा नहीं कर पाते हैं। वहीं इस बार Coronavirus COVID_19 संक्रमण फैलने से रोकने के लिए लगाए गए कर्फ्यू/लॉकडाउन के कारण विंटर व गारमेंट्स की प्रोडक्शन बहुत धीमा है। अब अगर लेबर घर चली गई तो होजरी सीजन पूरी तरह से पिट जाएगा। उद्यमियों का तर्क है कि लेबर के वापस आने में एक से दो माह लग जाएंगे। इससे कंपनियां कब प्रोडक्शन करेंगी, कब डिस्पैचिंंग और कब रिटेलर्स के पास मेटीरियल पहुंचेगा।

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निटवियर क्लब के प्रधान दर्शन डावर के मुताबिक कोरोना संक्रमण के चलते यह समय बेहद कठिन है। यह समय विंटर परिधानों की प्रोडक्शन के लिए अहम होता है। जुलाई-अगस्त से डिस्पैचिंग भी शुरू हो जाती है, लेकिन इस बार प्रोडक्शन तक शुरू नहीं हो पाया है। ऐसे में अब अगर लेबर गई तो समस्या होगी।

स्मैग रिटेल के एमडी विकास खरबंदा के मुताबिक यह साल होजरी और गारमेंट्स इंडस्ट्री के लिए बेहद कठिन है। आमदनी हो नहीं रही है। प्रोडक्शन भी बंद हो गया तो साल का सबसे अहम दौर विंटर गारमेंंट्स का पिट जाएगा। लुधियाना का होजरी उद्योग बुरी तरह से प्रभावित होगा। सरकार को सारी लेबर घर भेजने से पूर्व उद्योग का भी सोचना चाहिए। प्रोडक्शन कम होगा तो परिधान महंगे भी होंगे।

जेके नारंग होजरी के एमडी मोहिंदर नारंग के मुताबिक लेबर अगर घर चली जाती है, तो स्किल्ड लोगों की कमी से प्रोडक्शन संभव नहीं है। पहले से ही स्किल्ड लेबर की कमी है। ऐसे में विंटर सीजन पिट जाएगा और गारमेंट्स इंडस्ट्री के लिए यह चुनौतीपूर्ण दौर होगा।

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