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    दुष्‍कर्म पीडि़त छात्रा को प्रिंसिपल ने कहा 'गंदी मछली', स्‍कूल आने से रोका

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Fri, 04 Mar 2016 01:27 PM (IST)

    दुष्‍कर्म पीडि़ता नौवीं की एक छात्रा के लिए अपनी जिंदगी दोबारा पटरी पर लाने में भारी मुश्किलों और लांछन का सामना करना पड़ रहा है। उसने दाेबारा स्‍कूल ...और पढ़ें

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    लुधियाना, [अरविंद श्रीवास्तव]। एक बेकसूर नाबालिग छात्रा बिना किसी गलती के एेसी सजा भुगत रही है कि उसका जीवन तहस-नहस हो गया है। पहले तो उसे अगवा करने के बाद बंधक बनाकर 10 दिनों दुष्कर्म किया गया आैर अब उसे उल्टा लांछन का सामना करना पड़ रहा है। इंसाफ की लड़ाई लड़ रही इस छात्रा से शिक्षा का अधिकार भी छीन लिया गया है। उसने अपनी पढ़ाई फिर शुरू करने की कोशिश की तो उसे आगे की राह दिखाने की बजाय प्रिंसिपल ने स्कूल आने से मना कर दिया। हद तो यह हो गई कि प्रिंसिपल ने उसे 'गंदी मछली' तक कह दिया। इस सुलूक से नौंवी की यह छात्रा डिप्रेशन में है।

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    परिजनाें के अनुसार, प्रिंसिपल ने स्कूल की बदनामी और माहौल खराब होने की दलील दी

    शिक्षा पेशे को शर्मसार कर देने वाली इस घटना की आडियो रिकार्डिंग भी सामने आई है। छात्रा के परिजनों के अनुसार, उसे ढांढस देने, भविष्य निर्माण में साथ देने के बजाय प्रिंसिपल ने छात्रा के चरित्र पर ही सवाल खड़ा कर दिया। प्रिंसिपल ने उसे 'गंदी मछली' तक कहा दिया।

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    परिजनों के अनुसार, प्रिंसिपल ने कहा कि ऐसी लड़की अगर उनके स्कूल में पढ़ेगी तो बदनामी के साथ यहां का माहौल भी खराब होगा। छात्रा के परिजनों ने जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर स्कूल प्रिंसिपल की शिकायत करने के साथ अपने बेटी के शिक्षा के अधिकार की बहाली की मांग की है।

    यह है मामला

    लुधियाना के गोविंदगढ़ निवासी नौवीं की छात्रा का 27 दिसंबर को रोहित, उपेंद्र और श्री किशन नामक तीन युवकों ने अपहरण कर लिया था। बदमाशों ने चंडीगढ़ में किसी स्थान पर पीडि़ता को 10 दिनों तक बंधक बनाकर कर रखा। पीडि़ता के मुताबिक, उपेंद्र और श्रीकिशन ने उसके साथ दुष्कर्म करने की कोशिश की। रोहित ने मंदिर में जबरदस्ती विवाह किया आैर 10 दिन तक उसके साथ दुष्कर्म करता रहा। विरोध करने पर वह उसे और उसके मां-बाप को जान से मारने की धमकी देता रहा।

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    इसके बाद पुलिस के बढ़ते दबाव के कारण आरोपियों ने उसे छोड़ा और लुधियाना जाने वाली बस में बिठा दिया। इस बीच, पुलिस ने रोहित को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन बाद में उसे छोड़ दिया गया। छात्रा के परिजनों का आरोप है कि आरोपी अब भी फोन कर धमकियां दे रहे हैं और मामले को रफा-दफा करने के लिए कह रहे हैं। लगातार मिल रही धमकियों के शिकायत परिजनों की ओर से साहनेवाल थाने में दी गई है। उनका आराेप है कि पुलिस इसके बावजूद आरोपियों पर कार्रवाई नहीं कर रही है।


    पीडि़ता के पिता ने बताया कि वारदात के बाद बदमाशों के खौफ से उसने बेटी का स्कूल जाना बंद करा दिया था।
    बाद में राष्ट्रीय अनुसूचित एवं जनजाति आयोग के चेयरमैन डॉ. राजकुमार वेरका की सलाह पर उन्होंने दोबारा बेटी को स्कूल भेजने का मन बनाया। पास के एक डॉक्टर से उन्होंने प्रिंसिपल को फोन करवाया। प्रिंसिपल ने डॉक्टर से कहा कि वह किसी भी कीमत पर बच्ची को स्कूल में दाखिल नहीं होने देगी।

    प्रिंसिपल ने कहा- स्कूल में हाजिरी लगती रहेगी, बेटी को ट्यूशन लगाकर घर पर पढ़ाओ

    छात्रा के पिता के अनुसार, प्रिंसिपल ने कहा कि स्कूल में उसकी हाजिरी लगती रहेगी, ट्यूशन लगवा कर घर पर बच्ची की पढ़ाई करवाओ। परीक्षा देने के लिए बच्ची को स्कूल में आने की अनुमति वह दे देंगी। पिता का आरोप है कि स्कूल प्रिंसिपल ने उनकी लड़की को 'गंदी मछली' तक कह दिया।

    छात्रा के पिता ने कहा कि प्रिंसिपल की बातों ने उन्हें बेहद दुख पहुंचाया है। इसकी शिकायत उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी को भी दी है। लड़की के पिता ने प्रिंसिपल के साथ मोबाइल पर हुई बातचीत की रिकार्डिंग भी दी हेै।

    इस बीच, स्कूल की प्रिंसिपल से इस बारे में पूछे जाने पर पहले तो उन्होंने पीडि़ता के उनकी स्कूल की छात्रा होने से ही इनकार कर दिया। बाद में उन्होंने स्वीकार कर लिया कि छात्रा उनके स्कूल की है। उन्होंने कहा कि दो महीने से लड़की स्कूल नहीं आई है, फिर भी उसकी हाजिरी लगाई जा रही है। घर वालों को तो अहसानमंद होना चाहिए। रिकार्डिंग में लड़की के चरित्र पर की गई टिप्पणी को उन्होंने सिरे से खारिज कर दिया। लड़की की पढ़ाई जारी रखने के मामले में वह टालमटोल करती नजर आईं।

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    शिकायत मिलने पर होगी कार्रवाई : कालिया

    पंजाब बाल अधिकार आयोग के चेयरमैन सुकेश कालिया ने कहा शिक्षा के अधिकार से वंचित रखना संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है। परिवार की ओर से इस संबंध में सुबूत उपलब्ध करवाए गए तो स्कूल प्रिंसिपल के खिलाफ आयोग जरूर कार्रवाई करेगा। वैसे इस मामले में 8 मार्च को उन्होंने साहनेवाल व एसएचओ साहनेवाले को चंडीगढ़ में दस्तावेजों के साथ तलब किया हुआ है। उन्होंने बताया कि स्कूल की प्रिंसिपल काे भी चंडरीगढ़ जलब किया गया है।

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    अभी नहीं मिली है शिकायत : डीईओ

    जिला शिक्षा अधिकारी (सेकेंडरी) परमजीत कौर चाहल ने कहा कि अभी अभिभावकों की ओर से उनके पास कोई शिकायत नहीं मिली है। छात्रा की हाजिरी स्कूल को लगना अनिवार्य है। शिकायत मिलने पर जांच कराई जाएगी। दोषी पाए जाने पर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।