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    संगरूर में शिक्षा मंत्री सिंगला के घेराव का प्रयास, पुलिस ने बेरोजगार अध्यापकों को हिरासत में लिया

    By Vipin KumarEdited By:
    Updated: Tue, 24 Aug 2021 09:57 PM (IST)

    पुलिस ने बेरोजगार अध्यापकों को स्कूल से करीब 100 मीटर की दूरी पर ही बैरिगेट लगाकर रोक लिया। करीब आधा दर्जन बेरोजगार सन्नी गुरप्रीत मालेरकोटला गुरप्रीत कौर प्रीतइंद्र कौर संदीप कुमार मनप्रीत गगनदीप प्रीतपाल को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

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    संगरूर में शिक्षा मंत्री का घेराव करने जाते बेरोजगार अध्यापकों को हिरासत में लेती पुलिस मुलाजिम। (जागरण)

    जागरण संवाददाता, संगरूर। बेरोजगार अध्यापकों ने मंगलवार को सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल (कन्या) में रखे प्रोग्राम में शिरकत करने पहुंचे शिक्षा मंत्री विजयइंदर सिंगला के घेराव का प्रयास किया। बेरोजगार सांझा मोर्चा पिछले कई महीनाें से शिक्षा मंत्री सिंगला की कोठी समक्ष मोर्चा लगाए बैठा है। मौके पर तैनात पुलिस ने बेरोजगार अध्यापकों को स्कूल से करीब 100 मीटर की दूरी पर ही बैरिकेट लगाकर रोक लिया।

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    इस दाैरान करीब आधा दर्जन बेरोजगार सन्नी, गुरप्रीत मालेरकोटला, गुरप्रीत कौर, प्रीतइंद्र कौर, संदीप कुमार, मनप्रीत, गगनदीप, प्रीतपाल को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इस दौरान स्कूल में शिक्षा मंत्री का प्रोग्राम बिना रुकावट के चलता रहा। बेरोजगारों ने शिक्षा मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। अध्यापकाें का कहना है कि पंजाब सरकार उनकी मांगाें की अनदेखी कर रही है, जिसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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    31 दिसंबर से शिक्षा मंत्री की कोठी समक्ष लगाया है पक्का मोर्चा

    बता दें कि बेरोजगार अध्यापक गत 31 दिसंबर से शिक्षा मंत्री की कोठी समक्ष पक्का मोर्चा लगाए बैठे हैं। उनकी मांग है कि समाजिक शिक्षा, पंजाबी व हिंदी विषय की 9 हजार पोस्टों का विज्ञापन जारी किया जाए, जिसकाे लेकर 25 अगस्त को मोती महल का घेराव करने का एलान किया है।

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    मेरिटोरियस स्कूलों के अध्यापकों की अनदेखी का आराेप

    पंजाब के दस मेरिटोरियस स्कूलो में बड़ी संख्या में पीएचडी, एम फिल, यूजीसी (नेट) पास और गोल्ड मेडलिस्ट अध्यापक सरकारी नियमों अनुसार भर्ती होकर पिछले सात वर्षों से ठेके की नौकरी का संताप झेल रहे हैं। सरकार ने शिक्षा विभाग में रेगुलर करने के लिए बनाई पालिसी के जरिये एसएसए/रमसा के 8886 अध्यापकों को तो शिक्षा विभाग में रेगुलर कर दिया, मगर मेरिटोरियस स्कूलों के अध्यापकों की अनदेखी करते हुए इस पालिसी के अधीन कर भी रेगुलर नहीं किया।