Plot Alottment Scam: लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन बोले- कोर्ट में दलालों के कारनामे करूंगा उजागर
सुब्रामण्यम ने दावा किया है कि उनके चेयरमैन बनने से पहले ट्रस्ट में बड़े स्तर पर दलाल सक्रिय थे। उनका काम बंद करवाने के कारण ही उनके खिलाफ शिकायतें करवाई गईं। अब उन दलालों के कारनामे कोर्ट के सामने रखूंगा।

दिलबाग दानिश, लुधियाना। इंप्रवूमेंट ट्रस्ट में प्लाट आवंटन में गड़बड़ी के आरोप में नामजद पूर्व चेयरमैन रमन बाला सुब्रामण्यम लंबे समय के बाद लुधियाना वापस आ गए हैं। विजिलेंस की तरफ से केस दर्ज किए जाने के 58 दिन बाद पूर्व चेयरमैन ने दावा किया है कि ट्रस्ट में कुछ भी गलत नहीं हुआ है। एफआइआर में जिन प्लाटों के आवंटन में गड़बड़ी बताई गई है उनकी पहले ही जांच हो चुकी है। इसकी रिपोर्ट विभाग के पास है। आने वाले दिनों में विजिलेंस के सभी सवालों के जवाब तथ्यों के साथ सामने रखूंगा।
सुब्रामण्यम ने दावा किया है कि उनके चेयरमैन बनने से पहले ट्रस्ट में बड़े स्तर पर दलाल सक्रिय थे। उनका काम बंद करवाने के कारण ही उनके खिलाफ शिकायतें करवाई गईं। अब उन दलालों के कारनामे कोर्ट के सामने रखूंगा। दैनिक जागरण से बात करते हुए सुब्रामण्यम ने कहा कि इंप्रूवमेंट ट्रस्ट में होने वाले सभी कामों की स्वीकृति सचिव स्तर पर ली जाती रही है। कोई भी प्लाट उन्होंने आवंटित नहीं किया है। प्लाट आवंटन की प्रक्रिया के लिए बनाए गए पोर्टल को बदलने के सवाल पर रमन का कहना है कि किसी भी टेंडर को आवंटित करना किसी एक व्यक्ति का काम नहीं होता है। इसमें कई अधिकारी और कर्मचारी शामिल होते हैं।
जो खुद रिश्वत लेते पकड़ी गई, उसके बयान पर लगाए आरोप
पूर्व चेयरमैन का कहना है कि रिश्वत लेने और देने का मामला उस कर्मचारी के बयान पर दर्ज किया गया है जो खुद रिश्वत मामले में पकड़ी गई है। हो सकता है कि उसे भी किसी दलाल ने ही फंसाया हो। सुब्रामण्यम के अनुसार यह पूरा षड़यंत्र ही दलालों के जरिए विरोधी पार्टियों ने रचा है। एफआइआर का हिस्सा ईओ के बयान को बना दिया जो दलाल पहले मौखिक रूप से कहते आए हैं। इन दलालों में कुछ पत्रकार, प्रापर्टी डीलर और नेता शामिल हैं। उनका कच्चा चिट्ठा कोर्ट अदालत के सामने रखूंगा।
28 जुलाई को दर्ज हुई थी एफआइआर
गौरतलब है कि, विजिलेंस ने बीती 28 जुलाई को रमन बाला सुब्रामण्यम सहित इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की ईओ कुलजीत कौर, सेल्स क्लर्क प्रवीन कुमार, एसडीओ अंकित नारंग और जूनियर क्लर्क गगनदीप गोयल के खिलाफ केस दर्ज किया था। ईओ, दोनों क्लर्क और पीए संदीप शर्मा को विजिलेंस ने गिरफ्तार कर लिया था। करीब दो माह बाद हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद रमन सामने आए हैं।
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