Navratri 2022: श्री शिव वाटिका में स्थापित है देवी-देवताओं के दिव्य स्वरूप, दर्शन से जीवन हाेता है धन्य
Navratri 2022 श्री शिव वाटिका धाम में हर राेज भक्ताें का जमावड़ा लगा रहता है। इसका नींव पत्थर 29 मई 2016 में रखा गया और बहुत ही कम समय में मंदिर का निर्माण पूर्ण होकर एक भव्य रुप से तैयार हो चुका है

जागरण संवाददाता, लुधियाना। Navratri 2022: औद्याेगिक नगरी लुधियाना में नवरात्र की धूम है। यहां के मंदिराें में सुबह 4 बजे से ही भक्ताें की कतारें लगनी शुरू हाे जाती है जाे देर रात तक जारी रहता है। इस दाैरान श्रद्धालु पूजा-अर्चना करते हैं। शहर के ही एक श्री शिव वाटिका धाम के मंदिर प्रांगण में मां दुर्गा स्वरुप सहित शिव पार्वती दरबार, राधा कृष्ण की प्रतिमां, सिंदूरी हनुमान, भगवान राम दरबार, हनुमान दरबार आदि की मनमोहक एवं दिव्य प्रतिमाएं है।
दूर-दूर से दर्शन काे आते हैं श्रद्धालु
यहां लोग दूर-दूर से शिव वाटिका धाम में प्रभु दर्शन के लिए आते हैं। यहां वैसे तो विभिन्न पर्व जैसे शिवरात्रि, जन्माष्टमी पर्व, हनुमान जयंती आदि को धूमधाम से मनाए जाते है, लेकिन दोनो नवरात्र के दौरान माता रानी की आराधना का भव्य आयोजन होता है। लोगों को यहां आकर मानसिक शांति की प्राप्ति होती है।
शिव वाटिका धाम का इतिहास
श्री शिव वाटिका धाम का नींव पत्थर 29 मई 2016 में रखा गया और बहुत ही कम समय में मंदिर का निर्माण पूर्ण होकर एक भव्य रुप से तैयार हो चुका है, जिसकी स्थापना 25 अप्रैल 2021 को सुंदर-सुंदर प्रभु स्वरूप के साथ हो चुकी है। यहां की अलाैकिक छटा श्रद्धालुओं का मन माेह लेती है।
मंदिर की ट्रस्टी समिति का लक्ष्य सेवा करना
मंदिर की ट्रस्टी समिति में चेयरमैन सुंदर दास मूंगा, वाइस चेयरमैन रिपन तलवार, प्रधान अशोक अरोड़ा, वाइस प्रधान सतप्रकाश सूद, जनरल सेक्रेटरी अजय मेहता,कैशियर प्रवीन गोयल सहित 17 सदस्य सेवा योगदान दे रहे है। मंदिर के ट्रस्टी सदस्य विजय बांसल ने बताया कि मंदिर प्रांगण को भव्य रुप देने में मंदिर निर्माण में सभी ट्रस्टीयों का पूर्ण रुप से सहयोग रहा जिसमें महिला मंडल ने भी बढ़-चढ़कर सहयोग किया। गाैरतलब है कि इसी तरह अन्य मंदिराें में भी धार्मिक आयाेजन चल रहे हैं।
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