भागवत कथा से धुंधकारी को मोक्ष प्राप्त हुआ : अवधेश पांडेय
पूर्वांचल श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के तहत श्रीमद्भागवत कथा के द्वितीय दिन धुंधकारी की कथा सुनाई गई।

जागरण संवाददाता, लुधियाना : पूर्वांचल श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के तहत श्रीमद्भागवत कथा के द्वितीय दिवस पर श्रीधाम अयोध्या के पं. अवधेश पांडेय ने आत्म देव धुंधली और धुंधकारी की कथा को विस्तार से सुनाया। उन्होंने बताया कि आत्मदेव जोकि एक वेद पाठी ब्राह्मण थे, बड़े ही विद्वान थे, लेकिन उनके यहां कोई पुत्र नहीं था। वह ग्लानि से भरे हुए एक दिन जंगल में जा पहुंचे। वहां उन्हें एक साधु के दर्शन हुए। साधु ने उन्हें एक फल दिया। आत्मदेव की पत्नी धुंधली ने वह फल अपनी गाय को खिला दिया। कुछ समय बाद गाय ने एक बच्चे को जन्म दिया। उसका पूरा शरीर मनुष्य का था, केवल कान गाय के थे जिसका नाम गोकर्ण रखा गया। एक धुंधली का पुत्र जोकि उसकी बहन का था, का नाम धुंधकारी रखा गया। आचार्य ने बताया कि साधु के आशीर्वाद से जो पुत्र हुआ वह ज्ञानी धर्मात्मा हुआ और धुंधकारी दुराचारी, व्यभिचारी निकला। व्यसन में पड़कर चोरी करने लगा। एक दिन लोभ में आकर इसकी हत्या कर दी। बाद में यह प्रेत बना, जिसकी मुक्ति के लिए गोकर्ण महाराज जी ने भागवत कथा का आयोजन किया। भागवत कथा सुनकर धुंधकारी को मोक्ष की प्राप्ति और प्रेत योनि से मुक्ति मिली। इसके बाद बावन भगवान की कथा सुनाई गई।
मुख्य आयोजक संजय गुप्ता के साथ मोहल्ला निवासियों एवं विशेष सहयोगी विनेश वर्मा, निर्मल साह, विजय तिवारी, सोनू गुप्ता, राजीव कुमार सिंह, राम तीरथ पाल, कृष्णा पंडित, न्यू रामनगर क्लब के मुख्य पदाधिकारियों ने कलश शोभायात्रा में भाग लिया। इस दौरान सियाराम, सुबोध चौहान, दयाराम, राकेश मिश्रा, नीरज झा, तिवारी राम, अवध प्रकाश, चंदन झा, धीरू, बीएस ठाकुर, राम चंद्र दुबे आदि भी मौजूद थे।
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