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लुधियाना के पूर्व MLA बैंस की दुष्कर्म का आरोप लगने के बाद बढ़ती गई मुश्किलें, मकान की खरीद को लेकर संपर्क में आई थी महिला

लुधियाना के पूर्व विधायक एक बार फिर चर्चा में है। महिला ने सीपी को दी शिकायत में आराेप लगाया था कि प्रापर्टी डीलर से मकान बेचने का विवाद हल करवाने का झांसा देकर बैंस ने कई बार दुष्कर्म किया।

By Vipin KumarEdited By: Published: Sun, 03 Jul 2022 11:03 AM (IST)Updated: Sun, 03 Jul 2022 11:03 AM (IST)
लुधियाना के पूर्व MLA बैंस की दुष्कर्म का आरोप लगने के बाद बढ़ती गई मुश्किलें, मकान की खरीद को लेकर संपर्क में आई थी महिला
पूर्व विधायक बैंस के कार्यालय के बाहर उसके भगोड़ा होने का पोस्टर लगाती पीड़ित महिला। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, लुधियाना। आत्मनगर के पूर्व एमएलए सिमरजीत बैंस का विवादाें से नाता रहा है। 16 नवंबर 2020 को तत्कालीन पुलिस कमिश्नर के पास शिकायत देने के अगले दिन 17 नंवबर को तत्कालीन ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर देहाती कंवरदीप कौर ने महिला के बयान दर्ज किए थे। इसमें महिला ने बताया था कि उसके पति का निधन हो चुका है। उसके दो बेटे हैं।

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मकान की खरीद को लेकर प्रापर्टी डीलर के साथ चल रहे विवाद में हस्तक्षेप करने के लिए वह उस समय विधायक सिमरजीत सिंह बैंस के संपर्क में आई थी। विधायक के कहने पर उसने मकान प्रापर्टी डीलर के हवाले कर दिया। प्रापर्टी डीलर ने उन्हें मकान की आधी कीमत दी। इस बात को लेकर वह विधायक के पास गई तो उन्होंने अपने कार्यालय में बुलाया। वहां पर उसके साथ बिना उसकी मर्जी के शारीरिक संबंध बनाए।

आरोप लगाया था कि विधायक के इस कृत्य में उसके भाई, प्रापर्टी डीलर, एक भाभी नाम की महिला और लोक इंसाफ पार्टी की वार्ड प्रधान महिला भी शामिल है। विधायक ने कई बार अपने कार्यालय और भाभी के मकान में बुलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया।

बैंस को पुलिस ने हिरासत में लेकर छोड़ दिया था

चुनाव के दौरान सात फरवरी की शाम को आत्म नगर हलके में हुई ¨हसा के बाद सिमरजीत सिंह बैंस पर हत्या की कोशिश व आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था। बैंस की गिरफ्तारी में हुई लापरवाही पर चुनाव आयोग ने भी कड़ा रुख अपनाया था। थाना शिमलापुरी के एसएचओ को सस्पेंड कर दिया गया था। इससे अगले दिन फिर पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर छोड़ दिया था।

पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठते रहे सवाल

दुष्कर्म के मामले में सिमरजीत बैंस को गिरफ्तार नहीं करने को लेकर पुलिस की कार्यप्रणाली पर लगातार सवाल खड़े होते रहे। आरोप लगाया गया कि पूर्व कांग्रेस सरकार की शह पर बैंस को पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया। यह भी बताया जाता रहा कि लुधियाना के एक पूर्व मंत्री के करीबी होने के कारण बैंस अब तक बचते रहे।

देर आए, दुरुस्त आए : ढांडा

पंजाब बार काउंसिल के सदस्य हरीश राय ढांडा ने कहा कि बड़े संघर्ष के बाद पुलिस ने शुरुआत की है। देर से आए पर दुरुस्त आए। अगर सुप्रीम कोर्ट इस मामले में नोटिस कर दे तो फिर कहानी ही कुछ और हो जाएगी। पुलिस को कहीं न कहीं हिदायत थी कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले तक कुछ न किया जाए। अब वह दबाव हट गया है।

बैंस पर कई जिलों में दर्ज हैं 15 से अधिक केस

सिमरजीत बैंस पर दुष्कर्म के आरोप के अलावा अन्य मामलों में भी 15 से अधिक केस दर्ज हैं। उनकी कई गिरफ्तारी भी हो चुकी है। लुधियाना के अलावा उन पर पटियाला, जालंधर, मोहाली और गुरदासपुर में अधिकारियों को धमकाने, सरकारी काम मे बाधा पहुंचाने, सरकारी आदेश नहीं मानने, मारपीट करने आदि धाराओं के तहत केस दर्ज हैं।

गिरफ्तारी से मिली संतुष्टि, पुलिस का धन्यवाद : पीड़िता

कर्मजीत सिंह की गिरफ्तारी के बाद आरोप लगाने वाली महिला खुद थाना डिवीजन नंबर छह में पहुंची। उन्होंने कहा कि वे देखना चाहती थीं कि पुलिस ने जिसे पकड़ा वह कर्मजीत बैंस ही है, कोई और तो नहीं। यह गिरफ्तारी तो बहुत पहले हो जानी चाहिए थे लेकिन पुलिस पर सत्ता पक्ष का दबाव था। उन्हें लगता था कि किसी न किसी अदालत से तो जमानत मिल ही जाएगी। पहली गिरफ्तारी पर पुलिस अधिकारियों का धन्यवाद भी किया।

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