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    लैंड पूलिंग पॉलिसी पर सुखबीर बादल की चेतावनी, कहा- सरकार बनने पर दोषियों को भेजेंगे जेल

    Updated: Wed, 23 Jul 2025 11:31 AM (IST)

    शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने लैंड पूलिंग पॉलिसी का विरोध करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान इस पॉलिसी को लागू नहीं करना चाहते। उन्होंने आरोप लगाया कि इस पॉलिसी के जरिए दिल्ली के बिल्डरों को फायदा पहुंचाया जा रहा है। बादल ने कहा कि अकाली दल की सरकार आने पर इस मामले की जांच करवाकर दोषियों को जेल भेजा जाएगा।

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    लैंड पूलिंग पॉलिसी पर सरकार को सुखबीर बादल की चेतावनी (Social Media Photo)

    जागरण संवाददाता, लुधियाना। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान अनमने ढंग से लैंड पूलिंग पॉलिसी का महिमामंडन कर रहे हैं जबकि वह स्वयं ही इस पॉलिसी को लागू नहीं करना चाहते थे इसीलिए तो उनकी ओर से इस पॉलिसी के ड्राफ्ट पर साइन नहीं किए गए हैं और न ही कमेटी का चेयरमैन बना है। इसका चेयरमैन चीफ सचिव को लगाया गया है।

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    कमेटी के सदस्य अलग-अलग मंत्री व अन्य विभागों के प्रमुख होने चाहिए थे पर बाहरी लोगों को इस कमेटी का सचिव लगाया गया है। चेयरमैन लगाने के लिए एक्ट में संशोधन तक नहीं किया गया।

    इससे साफ है कि मुख्यमंत्री को पता है कि यह गलत पॉलिसी लागू की जा रही है और इससे उन्हें जेल जाना पड़ेगा। अकाली दल की सरकार आने पर इसकी जांच करवाएंगे और इसे लागू करवाने वालों को जेल में डालेंगे।

    'एक इंच जमीन सरकार के पास नहीं जाने देंगे'

    सुखबीर ने लैंड पूलिंग के विरोध में मंगलवार को यहां डीसी दफ्तर के बाहर शिअद धरने में यह बात कही। उन्होंने दोहराया कि वह एक इंच जमीन भी सरकार के पास नहीं जाने देंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली के बिल्डरों के साथ मिलकर काम कर रहे आप संयोजक अरविंद केजरीवाल का इस लूट के पीछे हाथ है जिन्हें उनकी इच्छा के अनुसार बड़ी जमीन देने का वादा किया गया।

    सरकार ने केंद्रीय जमीन अधिग्रहण अधिनियम, 2013 के बजाय पुराने राज्य जमीन अधिग्रहण अधिनियम, 1995 के तहत लुधियाना में 24 हजार एकड़ सहित 40 हजार एकड़ जमीन एक्वायर करने का प्रस्ताव रखा है।

    उन्होंने कहा कि 1995 के कानून में जमीन के टुकड़ों को अधिग्रहण और पट्टे से बाहर रखने के साथ-साथ सत्तारुढ़ सरकार की इच्छा के अनुसार जमीन की नीलामी या आबंटन की अनुमति दी गई थी। इससे भ्रष्टाचार के रास्ते खुलेंगे और चुनिंदा टुकड़ों को नीलामी से बाहर रखा जा सकेगा।