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    Kulgam Encounter: प्रितपाल सिंह के बलिदान से गांव में शोक, 6 महीने पहले हुई थी शादी; इसी माह छुट्टी पर आना था घर

    Updated: Sun, 10 Aug 2025 01:13 AM (IST)

    जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में सेना के ऑपरेशन में समराला के जवान प्रितपाल सिंह शहीद हो गए। प्रितपाल सिंह 2015 में सेना में भर्ती हुए थे और छह महीने पहले ही उनकी शादी हुई थी। शहीद के भाई ने बताया कि उनकी आखिरी बार शुक्रवार को बात हुई थी। प्रितपाल अगस्त के अंत में छुट्टी पर आने वाले थे और दिवाली साथ मनाने की योजना थी।

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    ड्यूटी के दौरान बलिदान हुआ मानुपुर गांव का जवान। फाइल फोटो

    संवाद सहयोगी, समराला। जम्मू-कश्मीर के कुलगाम के घने जंगल में पिछले सप्ताह से भारतीय सेना के चल रहे ऑपरेशन में शुक्रवार रात समराला के पास मानुपुर गांव के सेना के जवान प्रितपाल सिंह (29) शहीद हो गया। सुबह 5 बजे जब सेना कार्यालय ने शहीद प्रितपाल सिंह के परिवार को फोन किया तो प्रितपाल के परिवार को गहरा सदमा लगा।

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    पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। शहीद के पिता मजदूर हैं और शहीद प्रितपाल 2015 में सेना में भर्ती हुआ था। प्रितपाल सिंह के चाचा और चाची भी सेना से सेवानिवृत्त हैं। प्रितपाल सिंह की छह महीने पहले फरवरी महीने में शादी हुई थी।

    शहीद प्रितपाल सिंह के बड़े भाई मनप्रीत सिंह ने कहा कि उनकी शुक्रवार को प्रितपाल सिंह से बात हुई थी और उन्होंने उन्हें बताया था कि आतंकवादियों को पकड़ने के लिए ऑपरेशन के दौरान गोलीबारी हो रही है। मनप्रीत सिंह ने कहा कि शनिवार सुबह प्रितपाल सिंह के दोस्त ने फोन करके बताया कि प्रितपाल सिंह घायल हो गए हैं, इसलिए जब मैंने उनसे पूछा, तो उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, और उनका दोस्त रोने लगा।

    उन्होंने बताया कि एक घंटे बाद उनके भाई की यूनिट के एक अधिकारी ने फोन करके बताया कि ऑपरेशन के दौरान प्रीतपाल सिंह शहीद हो गए हैं। यह सुनकर मेरे पैरों तले से जमीन खिसक गई।

    शादी की शादी को छह महीने हुए थे

    शहीद के बड़े भाई मनप्रीत सिंह ने बताया कि प्रीतपाल सिंह की शादी 26 फरवरी 2025 को हुई थी। शादी के बाद प्रीतपाल सिंह अप्रैल में ड्यूटी पर चले गए थे। उन्होंने यह भी बताया कि प्रीतपाल ने अगस्त के आखिर में छुट्टी पर घर आना था और प्रीतपाल ने यह भी कहा था कि दिवाली देखने के बाद ही वह दोबारा ड्यूटी पर जाएंगे।

    शाहिद की पत्नी मनप्रीत कौर को जब पता चला कि उसका पति शहीद हो गया है तो वह गुमसुम हो गई। पत्नी और माता-पिता को उम्मीद थी के प्रितपाल सिंह इस महीने आखिर में आएगा वह दिवाली तक सब त्यौहार इकट्ठे मनाएंगे क्योंकि प्रितपाल सिंह की शादी के बाद उसकी और पत्नी की पहली दिवाली थी।

    शाहिद की पत्नी के हाथों में लगी मेहंदी बाजू में डाल चूड़ा देख गांव वासियों और रिश्तेदारों के आंखों में आंसू थे। शाहिद के घर में रोने की आवाजों से गूंज रहा था।